मेरठः जिले के पूर्व फौजियों के साथ किसानों का एक दल दिल्ली रवाना हुआ है. पूर्व मेजर डॉक्टर हिमांशु के नेतृत्व में ये किसान दिल्ली जाकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे. पूर्व मेजर का कहना है कि जो नया कृषि कानून आया हैं वो न तो हमारी सहमति से आए हैं, न ही हमसे रायशुमारी करके आए हैं. बल्कि ये कानून सरकार ने किसानों के उपर थोपे हैं.
पूर्व मेजर डॉक्टर हिमांशु का कहना है कि इस कानून को तत्काल रद्द करना चाहिए और फिर सरकार को बातचीत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कानून संसद में बिना बहस के लागू किए गए हैं. उससे किसानों के मन में शक बैठा हुआ है कि सरकार की नीयत साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ ऐसे पेश आया जा रहा है, जैसे किसी दुश्मन देश ने आक्रमण कर दिया हो.
पूर्व मेजर ने कहा कि वो महादेव से प्रार्थना करते हैं कि पीएम की नीयत गंगाजल की तरह पवित्र हो. हालांकि गंगाजल बिरादरी के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व मेजर डॉक्टर हिमांशु ने कहा कि हमें उनकी नीयत पर शक है. उन्होंने कहा कि हम ऐसे नीयत और कानून का क्या करें जो किसानों के लिए बदहाली ला रहा है. उन्होंने ने कहा कि गन्ने का नया सत्र शुरु हो गया है, लेकिन पिछले सत्र का पेमेंट अभी तक नहीं हुआ है.
ऐसे में वो ऐसे दिल और नीयत को कौन सी अलमारी में रखें. पूर्व मेजर ने कहा कि दिल्ली गाजियाबाद और अन्य जिलों से भी पूर्व फौजी आंदोलन में पहुंचेंगे. जिन्होंने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लेकर हल्ला बोला था, वो पूर्व फौजी भी इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए पहुंचेंगे. पूर्व मेजर के साथ आए कई अन्य फौजियों ने कहा कि वो भी फौजी हैं और अगर इसके लिए नौकरी छोड़नी पड़ेगी तो छोड़ देंगे.