मेरठ: एक ओर जहां कोरोना वायरस ने पटाखा कारोबारियों की कमर तोड़ दी है, वहीं बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए NGT ने दिल्ली एनसीआर में पटाखे बेचने और जलाने पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है. पटाखों पर एनजीटी के बैन के बाद पटाखा कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है. इसी क्रम में मेरठ में इस बार एनजीटी के आदेश के बाद 150 पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. बावजूद इसके पटाखा कारोबारी एनजीटी के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं.
दिवाली के ठीक पहले लगा बैन, मेरठ के पटाखा कारोबारियों को 50 लाख का नुकसान
NGT ने दिल्ली एनसीआर में पटाखे बेचने और जलाने पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है. इसी क्रम में मेरठ जिले 150 कारोबारियों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं. दिवाली के ठीक पहले एनजीटी के इस फैसले से कारोबारी जहां हैरान हैं, वहीं इसकी सराहना भी कर रहे हैं.
मेरठ में नही बिकेंगे पटाखे
मेरठ: एक ओर जहां कोरोना वायरस ने पटाखा कारोबारियों की कमर तोड़ दी है, वहीं बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए NGT ने दिल्ली एनसीआर में पटाखे बेचने और जलाने पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है. पटाखों पर एनजीटी के बैन के बाद पटाखा कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है. इसी क्रम में मेरठ में इस बार एनजीटी के आदेश के बाद 150 पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. बावजूद इसके पटाखा कारोबारी एनजीटी के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं.
मार्च माह में कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉक डाउन में पर्यावरण प्रदूषण मुक्त हो गया था. अनलॉक होने के बाद दिल्ली एनसीआर में फिर से वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है. मेरठ शहर की बात करें तो यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंच गया है. दिवाली से पहले वायु प्रदूषण बढ़ने से एनजीटी ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. NGT ने तेज ध्वनि और धुंए वाले पटाखे बेचने एवं चलाने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.
जिले 150 कारोबारियों के लाइसेंस रद्द
NGT के आदेश से कोरोना की मार झेल रहे पटाखा कारोबारियों पर दोहरी मार पड़ रही है. महीनों से दिवाली का इंतजार कर रहे कारोबारियों को उम्मीद थी कि इस दिवाली पर पटाखे बेचकर दो जून की रोटी कमा सकेंगे, लेकिन बढ़ते वायु प्रदूषण ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने इस दिवाली दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर पूर्णतः बैन लगा दिया है. इसके चलते मेरठ में 150 पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. इससे पटाखा व्यपारियों को करोड़ो रूपये का नुकसान हो रहा है. सबसे ज्यादा नुकसान बड़े कारोबारियों एवं होल सेलर को हो रहा है. हर साल मेरठ जिले में 50 लाख से ज्यादा के पटाखों का कारोबार होता रहा है.
एनजीटी के फैसले की पटाखा कारोबारियों ने की सराहना
एनजीटी के आदेश के बाद जहां पटाखा कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कारोबारी एनजीटी के आदेश का स्वागत कर रहे हैं. ETV भारत से बातचीत में पटाखा कारोबारी शैंकी गोयल ने बताया कि वायु प्रदूषण बढ़ने से लोग बीमार हो रहे हैं इसलिए जनहानि होने से अच्छा है आर्थिक हानि हो जाये. जिंदा रहेंगे तो अगले साल पटाखे बेच कर दिवाली मना लेंगे. एनजीटी के आदेश के बाद लाखों-करोड़ो रुपये के पटाखे गोदाम में शोपीस बन कर रह गए हैं. मानव हित में एनजीटी का आदेश सराहनीय है इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इस बार पटाखे नही बेचेंगें.
NGT के आदेश का पालन कर रही पुलिस
एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि अवैध पटाखों एवं व्यापारियों के खिलाफ 15 दिन पहले से ही अभियान चलाया हुआ है.20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर पटाखों की बड़ी खेप बरामद की गई है. एनजीटी के आदेश आने के बाद पुलिस विभाग ने और ज्यादा सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. लाखों रुपये की कीमत के अवैध पटाखों के जखीरे पकड़ कर उनके खिलाफ विधिक कार्यवाई की जा रही है. अवैध पटाखे बनाने और बेचने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तार भी किया गया है. दिवाली तक सूचना के आधार पर कार्यवाई जारी रहेगी. पटाखों को लेकर एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी.
मार्च माह में कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉक डाउन में पर्यावरण प्रदूषण मुक्त हो गया था. अनलॉक होने के बाद दिल्ली एनसीआर में फिर से वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है. मेरठ शहर की बात करें तो यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंच गया है. दिवाली से पहले वायु प्रदूषण बढ़ने से एनजीटी ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. NGT ने तेज ध्वनि और धुंए वाले पटाखे बेचने एवं चलाने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.
जिले 150 कारोबारियों के लाइसेंस रद्द
NGT के आदेश से कोरोना की मार झेल रहे पटाखा कारोबारियों पर दोहरी मार पड़ रही है. महीनों से दिवाली का इंतजार कर रहे कारोबारियों को उम्मीद थी कि इस दिवाली पर पटाखे बेचकर दो जून की रोटी कमा सकेंगे, लेकिन बढ़ते वायु प्रदूषण ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने इस दिवाली दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर पूर्णतः बैन लगा दिया है. इसके चलते मेरठ में 150 पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. इससे पटाखा व्यपारियों को करोड़ो रूपये का नुकसान हो रहा है. सबसे ज्यादा नुकसान बड़े कारोबारियों एवं होल सेलर को हो रहा है. हर साल मेरठ जिले में 50 लाख से ज्यादा के पटाखों का कारोबार होता रहा है.
एनजीटी के फैसले की पटाखा कारोबारियों ने की सराहना
एनजीटी के आदेश के बाद जहां पटाखा कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कारोबारी एनजीटी के आदेश का स्वागत कर रहे हैं. ETV भारत से बातचीत में पटाखा कारोबारी शैंकी गोयल ने बताया कि वायु प्रदूषण बढ़ने से लोग बीमार हो रहे हैं इसलिए जनहानि होने से अच्छा है आर्थिक हानि हो जाये. जिंदा रहेंगे तो अगले साल पटाखे बेच कर दिवाली मना लेंगे. एनजीटी के आदेश के बाद लाखों-करोड़ो रुपये के पटाखे गोदाम में शोपीस बन कर रह गए हैं. मानव हित में एनजीटी का आदेश सराहनीय है इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इस बार पटाखे नही बेचेंगें.
NGT के आदेश का पालन कर रही पुलिस
एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि अवैध पटाखों एवं व्यापारियों के खिलाफ 15 दिन पहले से ही अभियान चलाया हुआ है.20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर पटाखों की बड़ी खेप बरामद की गई है. एनजीटी के आदेश आने के बाद पुलिस विभाग ने और ज्यादा सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. लाखों रुपये की कीमत के अवैध पटाखों के जखीरे पकड़ कर उनके खिलाफ विधिक कार्यवाई की जा रही है. अवैध पटाखे बनाने और बेचने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तार भी किया गया है. दिवाली तक सूचना के आधार पर कार्यवाई जारी रहेगी. पटाखों को लेकर एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी.
Last Updated : Nov 15, 2020, 2:32 PM IST