मेरठ: उत्तर प्रदेश के 80 जिलों में स्थित कचहरी परिसरों की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को सभी कचहरी परिसरों की हदबंदी के आदेश दिए हैं. यह आदेश मेरठ जिले के वकीलों के गले नहीं उतर रहा है.
हदबंदी को लेकर वकीलों ने की हड़ताल
मंगलवार को हदबंदी के विरोध में जिले के वकीलों ने एक दिन की हड़ताल करते हुए बैठक का आयोजन किया. इसमें सर्वसम्मति से हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस संबंध में पत्र लिखकर एक हाई पावर कमेटी गठित करके मेरठ कचहरी का दौरा कराए जाने का निर्णय लिया गया.
आदेश से वकीलों को परेशानी
मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम ने बताया कि हाईकोर्ट ने सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश की सभी कचहरी परिसरों की बाउंड्रीवॉल कराए जाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि अन्य जिलों में तो यह आदेश लागू होने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन कानपुर, लखनऊ और मेरठ में इस आदेश के लागू होने से वकीलों के लिए भारी परेशानी खड़ी हो सकती है.
चीफ जस्टिस को लिखेंगे पत्र
दरअसल इन तीनों जिलों में कचहरी और कलेक्ट्रेट परिसर एक ही हैं. ऐसे में मेरठ जिले में सिविल कोर्ट और अन्य कोर्ट के लगभग आठ हजार से अधिक वकील बाउंड्रीवॉल बनने की सूरत में एक परिसर से दूसरे परिसर में जाने के लिए परेशान रहेंगे. मंगलवार को इस संबंध में मेरठ और जिला बार एसोसिएशन के वकीलों ने नानक चंद सभागार में आम बैठक करते हुए अपने-अपने विचार रखे. बैठक में तय किया गया कि इस संबंध में चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर उन्हें समस्या से अवगत कराया जाएगा.
बैठक करने का लिया गया निर्णय
इसके साथ चीफ जस्टिस से एक हाई पावर कमेटी का गठन किए जाने की मांग उठाई जाएगी. यह कमेटी मेरठ कचहरी का निरीक्षण करके चीफ जस्टिस को वकीलों की समस्या से अवगत कराएगी. इसके बाद बाउंड्रीवॉल की समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाएगा. इसके साथ ही 14 तारीख को केंद्रीय संघर्ष समिति की ओर से 22 जिलों की बैठक करने का भी निर्णय लिया गया. मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम ने बताया कि बैठक की तैयारियों के लिए जिले के सभी वकील अगले दो दिन कार्य से विरत रहेंगे.
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