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जानिए मेरठ के प्रसिद्ध लॉ कॉलेज का इतिहास, यहां से पढ़े कई शख्स राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर चुके हैं नाम

मेरठ कॉलेज को सूबे का सबसे प्राचीन कॉलेज (History of Law Department of Meerut College) बताया जाता है. इस कॉलेज का अलग इतिहास रहा है. इस कॉलेज में काफी समय से लॉ की पढ़ाई करवाई जा रही है.

मेरठ कॉलेज की अलग खासियत है.
मेरठ कॉलेज की अलग खासियत है.
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Published : Jul 21, 2023, 7:32 PM IST

मेरठ कॉलेज की अलग खासियत है.

मेरठ : मेरठ कॉलेज यूपी के सबसे पुराने लॉ कॉलेज के तौर पर भी विख्यात है. यहां से वकालत की पढ़ाई कर चुके लोग हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में बड़े-बड़े पदों पर हैं. यहां महज 3 हजार रुपये की फीस देकर छात्र-छात्राएं अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं. इससे गरीब छात्रों को यहां पढ़ाई से काफी सहूलियत मिल जाती है.

1893 से हो रही लॉ की पढ़ाई : मेरठ कॉलेज की प्रिंसिपल अंजलि मित्तल ने ईटीवी भारत को बताया कि मेरठ कॉलेज से पढ़ाई करने वाले छात्र विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपना दायित्व निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब उत्तर प्रदेश के किसी भी कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई नहीं होती थी, उस समय 1893 से मेरठ कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई हो रही है. कोलकाता यूनिवर्सिटी से इसकी मान्यता थी. उत्तर भारत में तब कोई दूसरा लॉ कॉलेज नहीं था. 1892 में मेरठ कॉलेज की स्थापना हुई थी. मेरठ कॉलेज ने इसी माह अपनी 131 वीं वर्षगांठ मनाई है.

लॉ की हैं 300 सीटें : लॉ डिपार्टमेंट में दाखिले के लिए हजारों की संख्या में आवेदन करते हैं. प्राचार्या अंजलि मित्तल ने बताया कि वर्तमान में यहां लॉ के लिए 300 सीटें निर्धारित हैं. एलएलएम के लिए 120 सीटें हैं. प्रिंसिपल अंजलि मित्तल ने बताया कि छात्र-छात्राएं लगभग 3 हजार रुपये में एलएलबी की पूरी पढ़ाई कर सकते हैं. यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जो बच्चे यहां पढ़ते हैं, उन्हें स्कॉलरशिप भी मिल जाती है.

कॉलेज में है बड़ी लाइब्रेरी : लॉ विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर एमपी वर्मा ने बताया कि लाइब्रेरी और शिक्षक किसी भी संस्था की जान होते हैं. मेरठ कॉलेज के लॉ डिपार्टमेंट में बहुत ही उत्कृष्ट शिक्षकों की टीम के साथ विशाल लाइब्रेरी भी है. लाइब्रेरी में अनेकों जनरल ऑनलाइन और ऑफलाइन भी उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि यूपी की ज्यूडिशियरी में मेरठ कॉलेज के छात्रों का काफी प्रतिनिधित्व भी है. हर साल जब ज्यूडिशियरी का रिजल्ट आता है तो मेरठ कालेज के स्टूडेंट् का उसमें सलेक्शन होता है.


बता दें कि पहले कोलकाता उसके बाद आगरा कॉलेज से और अब मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से मेरठ कॉलेज संबद्ध है. प्रवेश मेरिट के आधार पर होता है. एलएलबी में प्रवेश लेने के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश प्रक्रिया जब शुरू की जाती है, तब इच्छुक स्टूडेंट्स आवेदन कर सकते हैं. एलएलबी में प्रवेश के लिए स्नातक में 45% अंक अनिवार्य हैं. इसी माह के अंत तक इस स्तर के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है. इच्छुक छात्र और छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट ccsu.nic.in पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवेदन कर सकते हैं. https://www.meerutcollege.org/ पर जाकर विजिट कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : मेरठ के इस शिव मंदिर में पूजा करती थीं रानी मंदोदरी, वरदान में वर के रूप में मिला था रावण

मेरठ कॉलेज से निकले कई चर्चित चेहरे : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्तल ने मेरठ कॉलेज से वकालत की थी. सबसे चर्चित नाम है अयोध्या प्रकरण में फैसला सुनाने वाले जस्टिस सुधीर अग्रवाल का. उन्होंने भी मेरठ कॉलेज से 1980 में वकालत की पढ़ाई की थी. अनेकों वाइस चांसलर इस कॉलेज से लॉ कर चुके हैं. वे अलग-अलग यूनिवर्सिटी में विभिन्न पदों पर हैं. कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, प्रदेश में पूर्व वित्त और शिक्षा मंत्री रहे कैलाश प्रकाश, देश के पहले सीडीएस रहे दिवंगत जनरल विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक, फिल्म अभिनेता भारत भूषण, फिल्म एक्टर शेखर, बशीर बद्र भी मेरठ कॉलेज के छात्र रह चुके हैं.

100 एकड़ में फैला है कॉलेज का क्षेत्रफल : सुरेश जैन रितुराज ने बताया कि 100 एकड़ से भी अधिक क्षेत्रफल में ये कॉलेज है. इस कॉलेज में आजादी की लड़ाई में भी अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद भी की गई थी. महात्मा गांधी का समर्थन मेरठ कॉलेज के छात्रों ने भी भारत छोड़ो आंदोलन में किया था.

यह भी पढ़ें : मेरठ के इस जंगल से टहनी और पत्ता तोड़ना सख्त मना है, 12 गांवों के लोग करते हिफाजत, ये है वजह

मेरठ कॉलेज की अलग खासियत है.

मेरठ : मेरठ कॉलेज यूपी के सबसे पुराने लॉ कॉलेज के तौर पर भी विख्यात है. यहां से वकालत की पढ़ाई कर चुके लोग हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में बड़े-बड़े पदों पर हैं. यहां महज 3 हजार रुपये की फीस देकर छात्र-छात्राएं अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं. इससे गरीब छात्रों को यहां पढ़ाई से काफी सहूलियत मिल जाती है.

1893 से हो रही लॉ की पढ़ाई : मेरठ कॉलेज की प्रिंसिपल अंजलि मित्तल ने ईटीवी भारत को बताया कि मेरठ कॉलेज से पढ़ाई करने वाले छात्र विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपना दायित्व निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब उत्तर प्रदेश के किसी भी कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई नहीं होती थी, उस समय 1893 से मेरठ कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई हो रही है. कोलकाता यूनिवर्सिटी से इसकी मान्यता थी. उत्तर भारत में तब कोई दूसरा लॉ कॉलेज नहीं था. 1892 में मेरठ कॉलेज की स्थापना हुई थी. मेरठ कॉलेज ने इसी माह अपनी 131 वीं वर्षगांठ मनाई है.

लॉ की हैं 300 सीटें : लॉ डिपार्टमेंट में दाखिले के लिए हजारों की संख्या में आवेदन करते हैं. प्राचार्या अंजलि मित्तल ने बताया कि वर्तमान में यहां लॉ के लिए 300 सीटें निर्धारित हैं. एलएलएम के लिए 120 सीटें हैं. प्रिंसिपल अंजलि मित्तल ने बताया कि छात्र-छात्राएं लगभग 3 हजार रुपये में एलएलबी की पूरी पढ़ाई कर सकते हैं. यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जो बच्चे यहां पढ़ते हैं, उन्हें स्कॉलरशिप भी मिल जाती है.

कॉलेज में है बड़ी लाइब्रेरी : लॉ विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर एमपी वर्मा ने बताया कि लाइब्रेरी और शिक्षक किसी भी संस्था की जान होते हैं. मेरठ कॉलेज के लॉ डिपार्टमेंट में बहुत ही उत्कृष्ट शिक्षकों की टीम के साथ विशाल लाइब्रेरी भी है. लाइब्रेरी में अनेकों जनरल ऑनलाइन और ऑफलाइन भी उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि यूपी की ज्यूडिशियरी में मेरठ कॉलेज के छात्रों का काफी प्रतिनिधित्व भी है. हर साल जब ज्यूडिशियरी का रिजल्ट आता है तो मेरठ कालेज के स्टूडेंट् का उसमें सलेक्शन होता है.


बता दें कि पहले कोलकाता उसके बाद आगरा कॉलेज से और अब मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से मेरठ कॉलेज संबद्ध है. प्रवेश मेरिट के आधार पर होता है. एलएलबी में प्रवेश लेने के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश प्रक्रिया जब शुरू की जाती है, तब इच्छुक स्टूडेंट्स आवेदन कर सकते हैं. एलएलबी में प्रवेश के लिए स्नातक में 45% अंक अनिवार्य हैं. इसी माह के अंत तक इस स्तर के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है. इच्छुक छात्र और छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट ccsu.nic.in पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवेदन कर सकते हैं. https://www.meerutcollege.org/ पर जाकर विजिट कर सकते हैं.

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मेरठ कॉलेज से निकले कई चर्चित चेहरे : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्तल ने मेरठ कॉलेज से वकालत की थी. सबसे चर्चित नाम है अयोध्या प्रकरण में फैसला सुनाने वाले जस्टिस सुधीर अग्रवाल का. उन्होंने भी मेरठ कॉलेज से 1980 में वकालत की पढ़ाई की थी. अनेकों वाइस चांसलर इस कॉलेज से लॉ कर चुके हैं. वे अलग-अलग यूनिवर्सिटी में विभिन्न पदों पर हैं. कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, प्रदेश में पूर्व वित्त और शिक्षा मंत्री रहे कैलाश प्रकाश, देश के पहले सीडीएस रहे दिवंगत जनरल विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक, फिल्म अभिनेता भारत भूषण, फिल्म एक्टर शेखर, बशीर बद्र भी मेरठ कॉलेज के छात्र रह चुके हैं.

100 एकड़ में फैला है कॉलेज का क्षेत्रफल : सुरेश जैन रितुराज ने बताया कि 100 एकड़ से भी अधिक क्षेत्रफल में ये कॉलेज है. इस कॉलेज में आजादी की लड़ाई में भी अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद भी की गई थी. महात्मा गांधी का समर्थन मेरठ कॉलेज के छात्रों ने भी भारत छोड़ो आंदोलन में किया था.

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