मेरठ: जिले एक सामाजिक कार्यक्रम में पहुंचे जेडीयू नेता केसी त्यागी ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है. केसी त्यागी ने सरकार और किसानों के बीच चल रही वार्ता को मूछों का सवाल नहीं बनाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को होने वाली वार्ता में दोनों पक्ष मिलजुल कर समाधान निकाल लें. पिछले 15 वर्षों में ग्रामीण समस्याओं के चलते चार लाख से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं. सरकार या किसान संगठनों की हठधर्मी के चलते ही कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में हुई किसानों की मौत के लिए व्यवस्था को जिम्मेदार है सरकार नहीं. वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर देश के वैज्ञानिकों का धन्यवाद देते हुए सभी को वैक्सीन लगवाने अपील की है. साथ ही वैक्सीन नहीं लगवाने वाले बाबा रामदेव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बाबा रामदेव बिना आयुष मंत्रालय की अनुमति के केवल आर्थिक लाभ के लिए अपनी वैक्सीन बेचना चाहते थे.
जेडीयू नेता केसी त्यागी गुरुवार को मेरठ पहुंचे. जहां उन्होंने कस्बा हस्तिनापुर में आयोजित भगवान परशुराम की प्रतिमा अनावरण समारोह में शिरकत की. इस दौरान केसी त्यागी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को मूछों एवं प्रतिष्ठा का सवाल बताया है. जिससे कृषि कानूनों को लेकर चल रही बातचीत से कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है. कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे 50 किसानों की मौत चुकी है. इसलिए दोनों पक्षों को जल्द से जल्द एक साथ बैठकर कृषि कानूनों के बीच का रास्ता निकाल लेना चाहिए, जिससे किसान आंदोलन खत्म हो सके.
कोरोना वैक्सीन का किया स्वागत
कोरोना वैक्सीन को लेकर हो रही राजनिनीति के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा कि हमे अपने देश के वैज्ञानिकों का आभार जताना चाहिए, जिन्होंने दुनिया मे सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाई है. कोरोना वैक्सीन को लेकर किसी तरह की राजनीति कर भ्रम नहीं फैलाना चाहिए. भारत के 140 करोड़ लोगों के जीवन की हिफाजत के लिए वैक्सीन बनाई गई है.
बाबा रामदेव चाहते थे आर्थिक लाभ
बाबा रामदेव ने कोरोना वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया है. बाबा रामदेव के इस बयान पर पलटवार करते हुए जेडीयू नेता ने कहा कि बाबा रामदेव खुद की वैक्सीन चलाना चाहते थे. कुछ महीने पहले बिना आयुष मंत्रालय की अनुमति के कोरोना वैक्सीन के नाम पर कोई दवाई बाजार में उतारी थी. जिसे बेच कर बाबा रामदेव केवल आर्थिक लाभ कमाने चाहते थे.
किसानों की मौत के लिए व्यवस्था जिम्मेदार
50 दिन से लगातार कड़ाके की ठंड में चल रहे किसान आंदोलन में हुई किसानों की मौत के लिए व्यवस्था को जिम्मेदार करार दिया है. उन्होंने कहा कि जिस व्यवस्था ने किसानों को ठंड में बैठने को मजबूर किया है. वह व्यवस्था ही उनकी मौत की जिम्मेदार है सरकार नहीं. पिछले 15 वर्षों में ग्रामीण समस्याओं के चलते 4 लाख से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं.