मेरठ : जिले के दौराला और संभल जिले में कोल्ड स्टोर में हुए बड़े हादसों के बाद अब मेरठ में जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. जिले के सभी कोल्ड स्टोर की क्षमता के साथ ही, वहां की बिल्डिंग से लेकर बचाव के उपायों समेत तमाम विषयों पर रिपोर्ट डीएम ने तैयार करने का आदेश अफसरों को दिया है. साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि जो भी आवश्यक एनओसी और आवश्यकता होती है उनका पालन ठीक से किया भी जा रहा है या नहीं यह सभी पता करें.
मेरठ जनपद के दौराला और उसके बाद बीते सप्ताह शुक्रवार को संभल जिले में कोल्ड स्टोरेज में हुए हादसे के बाद अब मेरठ में डीएम दीपक मीणा ने गंभीरता दिखाते हुए जिले के सभी कोल्ड स्टोरेज के भौतिक सत्यापन करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं. बता दें कि मेरठ जनपद के 26 कोल्ड स्टोरेज हैं जहां जिले के किसान अपना सामान रखते हैं. मेरठ डीएम दीपक मीणा ने ईटीवी भारत को बताया कि भौतिक सत्यापन के लिए 26 अलग- अलग अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है. उन्होंने बताया कि एक अधिकारी को एक कोल्ड स्टोर की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर देने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि 10 बिंदुओं पर यह रिपोर्ट सभी अधिकारी तैयार करेंगे, साथ ही उन्होंने कहा कि अफसरों को सख्त हिदायत भी दी है कि रिपोर्ट में वही शामिल करें जैसा वह पाएं. अन्यथा अगर रिपोर्ट में कुछ और व वास्तविकता भिन्न हुई तो ऐसी रिपोर्ट देने वाले दंड के भागी होंगे.
गौरतलब है कि बीती 24 फरवरी को दौराला स्थित पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह के शिव शक्ति कोल्ड स्टोर में बायलर फट जाने की वजह से बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें पांच मजदूरों की जान चली गई थी. इसके बाद एक बड़ा हादसा संभल में हुआ, जहां इसी प्रकार कोल्ड स्टोरेज की छत ध्वस्त हो जाने से 14 लोगों की जान चली गई थी. दो बड़े हादसे होने के बाद अब डीएम दीपक मीणा ने निर्देश दिए हैं कि जनपद के सभी 26 कोल्ड स्टोरेज में एक अधिकारी को मौके पर पहुंचकर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी होगी और अगले दो दिन मे प्रस्तुत करनी होगी.
कोल्ड स्टोर से जो रिपोर्ट तैयार हुई है, उनमें शीतगृह का नाम, भंडारण क्षमता, भंडारित मात्रा की जानकारी, भवन की सुदृढ़ता की स्थिति, मशीनरी-रेफ्रिजरेटर फिटनेस की स्थिति, विद्युत संबंधी उपकरणों की स्थिति, अग्निशमन विभाग का प्रमाण-पत्र, लाइसेंस नवीनीकरण की स्थिति, शीतगृह में स्थित चेंबर की रैक की स्थिति, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण- पत्र, शीतगृह के मालिक के बारे में विवरण तैयार करके जिलाधिकारी को अफसर देंगे.