ETV Bharat / state

कोरोना से बचना है तो अपनानी होगी भारतीय जीवनशैली: प्रो. नीलू जैन

मेरठ विश्वविद्यालय में "कोविड-19 के साथ जीवन: स्वावलंबी भारत की रूपरेखा" विषय पर मंगलावार को वक्ताओं ने अपने विचार रखे. इस दौरान वक्ताओं ने कोरोना से लड़ने में भारतीय चिंतन को उतकृष्ट बताया.

meerut university
मेरठ यूनिवर्सिटी
author img

By

Published : May 26, 2020, 9:03 PM IST

मेरठः चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के तत्वाधान में 15 दिवसीय कार्यशाला चल रही है. "कोविड-19 के साथ जीवन: स्वावलंबी भारत की रूपरेखा" विषय पर आयोजित ई-कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रो. नीलू जैन ने भारतीय जीवन शैली और जैविक घड़ी पर अपने विचार रखे.

मानव शरीर की होती हैं कुछ मूलभूत आवश्यकताएं
जंतु विज्ञान विभाग की प्रो. नीलू जैन ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि मानव शरीर की कुछ मूलभूत आवश्यकताएं होती हैं, जैसे भोजन, व्यायाम, नियम, ध्यान योग आदि लेकिन आज वर्तमान समय में हमने भारतीय जीवन शैली, वेदों, आयुर्वेद एवं चरक संहिता के ज्ञान को भुला दिया है. जबकि हमारे यहां मनुष्य के सूर्य उदय होने से लेकर रात्रि के समय तक की दिनचर्या एवं नियम निर्धारित किए गए हैं जिसे अपनाकर हम अपने शरीर, परिवार और समाज को स्वस्थ रखने के साथ-साथ पूरे विश्व को स्वस्थ रख सकते हैं.

कोरोना वायरस से कैसे करें बचाव
प्रो. नीलू जैन ने कोरोना वायरस के प्रभाव और शरीर पर किस तरह से कार्य करता है, उसके बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि हमें और पूरे विश्व को यदि स्वस्थ रहना है तो हमें भारतीय जीवन शैली को अपनाना होगा. जिसमें वेदों का ज्ञान, आयुर्वेद एवं योग को अपनी दिनचर्या में अपनाना होगा.

सांस्कृतिक आधार पर आत्मनिर्भर बने भारत
प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री कुलपति हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर सांस्कृतिक आधार पर बनना होगा न कि आर्थिक आधार पर. भारत को आत्मनिर्भर बनना है विश्व के कल्याण के लिए मनुष्यता के कल्याण के लिए न की दूसरों के शोषण के लिए, जैसा कि वर्तमान परिदृश्य में इस महामारी के संकट में कुछ देशों द्वारा किया जा रहा है.

भारत का प्राचीन ज्ञान उच्च कोटि का
इस दौरान चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति नरेंद्र कुमार तनेजा ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि भारत का प्राचीन ज्ञान उच्च कोटि का है, जो मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करता है. आज वर्तमान समय में विश्व के बड़े से बड़े देश और चिंतक इस बात को मान रहे हैं. प्रो. वाई विमला प्रतिकुलपति ने इस दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन को लेकर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि एकात्म मानव दर्शन समाज में विश्वास, प्रकृति के साथ संबंध और हमें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाला मार्गदर्शन प्रदान करता है.

मेरठः चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के तत्वाधान में 15 दिवसीय कार्यशाला चल रही है. "कोविड-19 के साथ जीवन: स्वावलंबी भारत की रूपरेखा" विषय पर आयोजित ई-कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रो. नीलू जैन ने भारतीय जीवन शैली और जैविक घड़ी पर अपने विचार रखे.

मानव शरीर की होती हैं कुछ मूलभूत आवश्यकताएं
जंतु विज्ञान विभाग की प्रो. नीलू जैन ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि मानव शरीर की कुछ मूलभूत आवश्यकताएं होती हैं, जैसे भोजन, व्यायाम, नियम, ध्यान योग आदि लेकिन आज वर्तमान समय में हमने भारतीय जीवन शैली, वेदों, आयुर्वेद एवं चरक संहिता के ज्ञान को भुला दिया है. जबकि हमारे यहां मनुष्य के सूर्य उदय होने से लेकर रात्रि के समय तक की दिनचर्या एवं नियम निर्धारित किए गए हैं जिसे अपनाकर हम अपने शरीर, परिवार और समाज को स्वस्थ रखने के साथ-साथ पूरे विश्व को स्वस्थ रख सकते हैं.

कोरोना वायरस से कैसे करें बचाव
प्रो. नीलू जैन ने कोरोना वायरस के प्रभाव और शरीर पर किस तरह से कार्य करता है, उसके बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि हमें और पूरे विश्व को यदि स्वस्थ रहना है तो हमें भारतीय जीवन शैली को अपनाना होगा. जिसमें वेदों का ज्ञान, आयुर्वेद एवं योग को अपनी दिनचर्या में अपनाना होगा.

सांस्कृतिक आधार पर आत्मनिर्भर बने भारत
प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री कुलपति हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर सांस्कृतिक आधार पर बनना होगा न कि आर्थिक आधार पर. भारत को आत्मनिर्भर बनना है विश्व के कल्याण के लिए मनुष्यता के कल्याण के लिए न की दूसरों के शोषण के लिए, जैसा कि वर्तमान परिदृश्य में इस महामारी के संकट में कुछ देशों द्वारा किया जा रहा है.

भारत का प्राचीन ज्ञान उच्च कोटि का
इस दौरान चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति नरेंद्र कुमार तनेजा ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि भारत का प्राचीन ज्ञान उच्च कोटि का है, जो मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करता है. आज वर्तमान समय में विश्व के बड़े से बड़े देश और चिंतक इस बात को मान रहे हैं. प्रो. वाई विमला प्रतिकुलपति ने इस दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन को लेकर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि एकात्म मानव दर्शन समाज में विश्वास, प्रकृति के साथ संबंध और हमें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाला मार्गदर्शन प्रदान करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.