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मेरठ में बोले गोवा के राज्यपाल, कहा- पीएफआई से सख्ती से निपटना चाहिए - सत्यपाल मलिक का मेरठ दौरा

गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक शनिवार को मेरठ पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि पीएफआई से सख्ती से निपटना चाहिए. पाकिस्तान से कश्मीर समेत अन्य जगहों पर फंडिंग होती है. वहीं सीएए को लेकर हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान का बड़ा प्रायोजित डिजाइन था, जिसके तहत बड़े स्तर पर दंगा कराने की योजना थी.

सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक ने पीएफआई को लेकर दिया बयान.
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Published : Mar 14, 2020, 4:42 PM IST

मेरठ: गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक शनिवार को मेरठ स्थिति शोभित यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि यदि नरेंद्र मोदी और अमित शाह नहीं होते तो कश्मीर से कभी भी अनुच्छेद 370 नहीं हट सकती थी. उन्होंने कहा कि पीएफआई से सख्ती से निपटना होगा.

सत्यपाल मलिक ने पीएफआई को लेकर दिया बयान.

कश्मीर की एक संस्था 'जमात' को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, "मैंने 20 पेज का पत्र प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लिखा था कि यदि कश्मीर से आतंकवाद और अलगाववाद समाप्त करना है, तो सबसे पहले जमात पर लगाम कसनी होगी. उन्होंने कहा कि इनके पास मदरसे हैं, इनके पास अनाप-शनाप पैसा है, ये युवाओं को खराब कर रहे हैं".

वहीं फारूख अब्दुल्ला के रिहा किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री का सही फैसला है. पीओके को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह इतना आसान नहीं है. यदि कश्मीर में विकास कर दिया जाए, वहां तरक्की के द्वार खोल दिया जाए, तो पीओके के लोग यहां के पक्ष में आ जाएंगे.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर की जनता अब उनके साथ नहीं है. तीन बार के सीएम जेल गए, लेकिन कोई भी इनके पक्ष में नहीं बोला. उन्होंने कहा कि कश्मीर में किसी को खतरा नहीं है, वहां खतरा सरकारी लोगों को है.

मेरठ: गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक शनिवार को मेरठ स्थिति शोभित यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि यदि नरेंद्र मोदी और अमित शाह नहीं होते तो कश्मीर से कभी भी अनुच्छेद 370 नहीं हट सकती थी. उन्होंने कहा कि पीएफआई से सख्ती से निपटना होगा.

सत्यपाल मलिक ने पीएफआई को लेकर दिया बयान.

कश्मीर की एक संस्था 'जमात' को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, "मैंने 20 पेज का पत्र प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लिखा था कि यदि कश्मीर से आतंकवाद और अलगाववाद समाप्त करना है, तो सबसे पहले जमात पर लगाम कसनी होगी. उन्होंने कहा कि इनके पास मदरसे हैं, इनके पास अनाप-शनाप पैसा है, ये युवाओं को खराब कर रहे हैं".

वहीं फारूख अब्दुल्ला के रिहा किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री का सही फैसला है. पीओके को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह इतना आसान नहीं है. यदि कश्मीर में विकास कर दिया जाए, वहां तरक्की के द्वार खोल दिया जाए, तो पीओके के लोग यहां के पक्ष में आ जाएंगे.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर की जनता अब उनके साथ नहीं है. तीन बार के सीएम जेल गए, लेकिन कोई भी इनके पक्ष में नहीं बोला. उन्होंने कहा कि कश्मीर में किसी को खतरा नहीं है, वहां खतरा सरकारी लोगों को है.

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