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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बोले, भारत एक है और राष्ट्र है, हमें एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए

मेरठ में केरल के राज्यपाल ने भारत की एकता और अखंडता को लेकर खास बातें कहीं चलिए जानते हैं इस बारे में.

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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बोले, भारत एक है और राष्ट्र है, हमें एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए
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Published : Mar 22, 2023, 10:35 PM IST

मेरठः शहर के एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अथिति पहुंचे केरल के गवर्नर ने कहा कि अपनी विरासत और संस्कृति पर हमें गर्व करना चाहिए. हमें एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है. उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के लोग अपनी प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत एक और एक राष्ट्र है.

यह बोले केरल के गर्वनर मोहम्मद आरिफ खान.

एक निजी विश्ववविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्म्द खान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर एकाग्रता के साथ मेहनत करनी चाहिए. इससे निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है.

उन्होंने कहा की स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों को विद्यार्थियों को आत्मसात करना चाहिए. स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर रोशन करने का गौरवपूर्ण कार्य किया है.

गवर्नर ने कहा कि डिग्री के साथ व्यक्ति को तीन से चार भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में शिक्षा के मामले में केरल की स्थिति सबसे बेहतर है. उन्होंने बताया कि वहां पर सीमित संसाधन होने के बावजूद छात्र सभी क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं. देश के हर हॉस्पिटल में केरल का नर्सिंग स्टाफ मिलता है. हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए. उन्होंने बताया कि केरल में तो सब्जी तक पड़ोसी राज्य से आती है. वहां इंडस्ट्री नहीं है. इसके बावजूद वहां के पढ़े-लिखे लोग अपनी काबिलियत की छाप हर जगह छोड़ रहे हैं.

दीक्षांत समारोह में वह बोले कि वर्तमान में डिग्री के साथ अन्य भाषाओं का ज्ञान भी जरूरी है. जीवन में केवल डिग्री ही आवश्यक नहीं है. उन्होंने पास होने वाले विद्यार्थियों को कहा कि अब आपके ब्रह्मचर्य आश्रम पूरा हुआ और अब आप गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करेंगे.

उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विरासत का गर्व के साथ विश्वभर में प्रचार प्रसार किया जा रहा है. सभी विद्यार्थियों को अपने महापुरूषों से प्रेरणा लेनी चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि सनातन मूल्यों को आत्मसात करने से हमारी संस्कृति का संरक्षण होगा. उन्होंने कहा कि चिंता को छोड़कर काम पर ध्यान देना चाहिए.

इस दौरान वह किसी भी तरह राजनैतिक सवाल का जवाब देने से बचते दिखे. राज्यपाल ने शिक्षा पर ही जोर दिया. उनका कहना है कि राजनीतिक बातें तो होती रहेंगी. वर्तमान में हमें केवल शिक्षा पर फोकस करना चाहिए. गवर्नर ने कहा कि पहले मुझे शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी परेशानी होती थी लेकिन यूपी में भी शिक्षा नीति में अपडेशन होना शुरू हो गया है जिससे वह प्रसन्न है. प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन में सुधार हुआ है.


ये भी पढ़ेंःअतीक के पांच गुर्गे भेजे गए जेल, उमेश पाल हत्याकांड में आखिर कैसे पुलिस माफिया के कार्यालय तक पहुंची

मेरठः शहर के एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अथिति पहुंचे केरल के गवर्नर ने कहा कि अपनी विरासत और संस्कृति पर हमें गर्व करना चाहिए. हमें एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है. उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के लोग अपनी प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत एक और एक राष्ट्र है.

यह बोले केरल के गर्वनर मोहम्मद आरिफ खान.

एक निजी विश्ववविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्म्द खान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर एकाग्रता के साथ मेहनत करनी चाहिए. इससे निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है.

उन्होंने कहा की स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों को विद्यार्थियों को आत्मसात करना चाहिए. स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर रोशन करने का गौरवपूर्ण कार्य किया है.

गवर्नर ने कहा कि डिग्री के साथ व्यक्ति को तीन से चार भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में शिक्षा के मामले में केरल की स्थिति सबसे बेहतर है. उन्होंने बताया कि वहां पर सीमित संसाधन होने के बावजूद छात्र सभी क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं. देश के हर हॉस्पिटल में केरल का नर्सिंग स्टाफ मिलता है. हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए. उन्होंने बताया कि केरल में तो सब्जी तक पड़ोसी राज्य से आती है. वहां इंडस्ट्री नहीं है. इसके बावजूद वहां के पढ़े-लिखे लोग अपनी काबिलियत की छाप हर जगह छोड़ रहे हैं.

दीक्षांत समारोह में वह बोले कि वर्तमान में डिग्री के साथ अन्य भाषाओं का ज्ञान भी जरूरी है. जीवन में केवल डिग्री ही आवश्यक नहीं है. उन्होंने पास होने वाले विद्यार्थियों को कहा कि अब आपके ब्रह्मचर्य आश्रम पूरा हुआ और अब आप गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करेंगे.

उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विरासत का गर्व के साथ विश्वभर में प्रचार प्रसार किया जा रहा है. सभी विद्यार्थियों को अपने महापुरूषों से प्रेरणा लेनी चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि सनातन मूल्यों को आत्मसात करने से हमारी संस्कृति का संरक्षण होगा. उन्होंने कहा कि चिंता को छोड़कर काम पर ध्यान देना चाहिए.

इस दौरान वह किसी भी तरह राजनैतिक सवाल का जवाब देने से बचते दिखे. राज्यपाल ने शिक्षा पर ही जोर दिया. उनका कहना है कि राजनीतिक बातें तो होती रहेंगी. वर्तमान में हमें केवल शिक्षा पर फोकस करना चाहिए. गवर्नर ने कहा कि पहले मुझे शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी परेशानी होती थी लेकिन यूपी में भी शिक्षा नीति में अपडेशन होना शुरू हो गया है जिससे वह प्रसन्न है. प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन में सुधार हुआ है.


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