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मेरठ: 14 दिन में आखिर कब होगा गन्ना किसानों का भुगतान, शुगर मिलों पर 800 करोड़ रुपए बकाया

मेरठ में किसानों का कहना है कि सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि वह 14 दिनों में गन्ने का भुगतान करेगी. इसलिए उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द अपना वादा पूरा करें.

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Published : Jun 11, 2022, 5:52 PM IST

Updated : Jun 11, 2022, 6:21 PM IST

मेरठ: अन्नदाता को गन्ने का भुगतान 14 दिन में होगा ऐसा वादा 2022 विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी ने किया था. लेकिन अगर जमीनी हकीकत की बात करे तो मेरठ में गन्ना किसानों का करीब 800 करोड़ रुपया अभी भी शुगर मिलों पर बकाया है. मेरठ जिले में 2021-2022 सत्र में लगभग 2681 करोड़ रुपये से भी अधिक का गन्ना किसानों ने शुगर मिलों पर डाला है. अब तक कुल 1825 करोड़ रुपये का भुगतान भी हो चुका है. जबकि करीब 800 करोड़ रुपये से भी अधिक का गन्ना भुगतान अभी भी बकाया है. किसानों का कहना है कि सरकार अपने वादे के मुताबिक ये भुगतान 14 दिन में करें और अपना वादा निभाये.

योगी 2.0 से ठीक पहले भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गन्ने के भुगतान को समय से कराने की प्रतिबद्धता दोहराई थी. विधानसभा चुनाव से पहले जारी संकल्प पत्र में 14 दिन में गन्ना किसानों का भुगतान हो इस बारे में भी भरोसा जताया था. वहीं, गन्ने की पेराई सत्र समाप्त हो चुका है. एक माह से भी अधिक का समय हो चुका है. लेकिन 14 दिन में गन्ना किसानों का भुगतान का इंतजाम अभी तक नहीं हुआ है. हालांकि अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो मेरठ जिले में गन्ना नीतियों में हुए बदलाव और उनकी निगरानी होने से इस वित्तीय वर्ष में गन्ना किसानों के पेमेंट में तेजी तो दिखाई है. सरकारी विभाग का दावा है कि इस वित्तिय वर्ष का 69 फीसदी किसानों के गन्ने का भुगतान किया जा चुका है. जबकि मिले महीने भर से भी अधिक समय से बंद हैं. लेकिन 14 दिन में गन्ने का भुगतान का वायदा पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा.

अपनी बात रखते हुए किसान

यह भी पढ़ें- मंत्री दिनेश खटीक के समर्थक के साथ मारपीट करने वाले दो पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज

मेरठ में ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने गन्ना किसानों से बात की. उन्होंने कहा कि महंगाई बहुत अधिक है. किसान गन्ना इसलिए उगाता है कि इसे बिक्री करने पर मिलने वाली रकम से वो अपने घर परिवार का खर्च चला सके. ऐसे में गन्ने की फसल सबसे मुफीद साबित होती है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार 14 दिन में किसान के गन्ने का भुगतान करने का वायदा करती है तो उसे अमल में भी लाया जाए.

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता का रोहित जाखड़ ने कहा कि 14 दिन में गन्ने का पेमेंट सरकार नहीं कर पा रही है. इसलिए उनकी मांग है कि जल्द ही गन्ना का भुगतान किया जाएं अन्यथा प्रदेशभर में किसानों के समर्थन में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

जिला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार का कहना है कि गन्ना किसानों को लेकर सरकार बेहद गम्भीर है. इस बार गन्ने के भुगतान की स्थिति में काफी सुधार है. पिछले पेराई सत्र का जहां मेरठ में शत प्रतिशत भुगतान हो चुका. वहीं, इस पेराई सत्र का 69 फीसदी भुगतान शुगर मिलों के द्वारा किया जा चुका है.

बकौल DCO गतवर्ष की तुलना में इस बार करीब 15 से 16 फीसदी अधिक भुगतान अब तक गन्ने के किसानों का हो चुका है. आगामी पेराई सत्र से पहले ही निश्चित ही किसानों का शतप्रतिशत भुगतान हो जाएगा. गन्ना अधिकारी ने बताया कि गन्ना किसानों का सर्वे कराया गया है. इस बार एक प्रतिशत नए गन्ना किसान भी यहां इस फसल से जुड़े हैं. इससे प्रतीत होता है कि किसान गन्ने की फसल की तरफ लगातार बढ़ रहे हैं और 75 फीसदी गन्ना यहां होता है तो क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना कम रहती है.

वहीं, अगर आंकड़ों को देखें तो 2020 -2021 पेराई स्तर की तुलना में इस बार कम गन्ना मिलों पर पहुंचा है. 2021-2022 सत्र में कुल 77657 लाख कुंतल की खरीद हुई है. फिलहाल 2 लाख 68 हजार 169 लाख रुपये का गन्ना किसानों ने शुगर मिलों पर डाला. जबकि अब तक कुल 182549.04 लाख का भुगतान किसानों का हुआ है. यानी करीब 800 करोड़ रुपये से भी अधिक का गन्ना भुगतान बकाया है. 14 दिन पर ब्याज के साथ भुगतान सरकार ने कहा था. लेकिन अन्नदाता चाहता है सरकार जल्द से जल्द इसका भुगतान करें.

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मेरठ: अन्नदाता को गन्ने का भुगतान 14 दिन में होगा ऐसा वादा 2022 विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी ने किया था. लेकिन अगर जमीनी हकीकत की बात करे तो मेरठ में गन्ना किसानों का करीब 800 करोड़ रुपया अभी भी शुगर मिलों पर बकाया है. मेरठ जिले में 2021-2022 सत्र में लगभग 2681 करोड़ रुपये से भी अधिक का गन्ना किसानों ने शुगर मिलों पर डाला है. अब तक कुल 1825 करोड़ रुपये का भुगतान भी हो चुका है. जबकि करीब 800 करोड़ रुपये से भी अधिक का गन्ना भुगतान अभी भी बकाया है. किसानों का कहना है कि सरकार अपने वादे के मुताबिक ये भुगतान 14 दिन में करें और अपना वादा निभाये.

योगी 2.0 से ठीक पहले भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गन्ने के भुगतान को समय से कराने की प्रतिबद्धता दोहराई थी. विधानसभा चुनाव से पहले जारी संकल्प पत्र में 14 दिन में गन्ना किसानों का भुगतान हो इस बारे में भी भरोसा जताया था. वहीं, गन्ने की पेराई सत्र समाप्त हो चुका है. एक माह से भी अधिक का समय हो चुका है. लेकिन 14 दिन में गन्ना किसानों का भुगतान का इंतजाम अभी तक नहीं हुआ है. हालांकि अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो मेरठ जिले में गन्ना नीतियों में हुए बदलाव और उनकी निगरानी होने से इस वित्तीय वर्ष में गन्ना किसानों के पेमेंट में तेजी तो दिखाई है. सरकारी विभाग का दावा है कि इस वित्तिय वर्ष का 69 फीसदी किसानों के गन्ने का भुगतान किया जा चुका है. जबकि मिले महीने भर से भी अधिक समय से बंद हैं. लेकिन 14 दिन में गन्ने का भुगतान का वायदा पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा.

अपनी बात रखते हुए किसान

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मेरठ में ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने गन्ना किसानों से बात की. उन्होंने कहा कि महंगाई बहुत अधिक है. किसान गन्ना इसलिए उगाता है कि इसे बिक्री करने पर मिलने वाली रकम से वो अपने घर परिवार का खर्च चला सके. ऐसे में गन्ने की फसल सबसे मुफीद साबित होती है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार 14 दिन में किसान के गन्ने का भुगतान करने का वायदा करती है तो उसे अमल में भी लाया जाए.

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता का रोहित जाखड़ ने कहा कि 14 दिन में गन्ने का पेमेंट सरकार नहीं कर पा रही है. इसलिए उनकी मांग है कि जल्द ही गन्ना का भुगतान किया जाएं अन्यथा प्रदेशभर में किसानों के समर्थन में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

जिला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार का कहना है कि गन्ना किसानों को लेकर सरकार बेहद गम्भीर है. इस बार गन्ने के भुगतान की स्थिति में काफी सुधार है. पिछले पेराई सत्र का जहां मेरठ में शत प्रतिशत भुगतान हो चुका. वहीं, इस पेराई सत्र का 69 फीसदी भुगतान शुगर मिलों के द्वारा किया जा चुका है.

बकौल DCO गतवर्ष की तुलना में इस बार करीब 15 से 16 फीसदी अधिक भुगतान अब तक गन्ने के किसानों का हो चुका है. आगामी पेराई सत्र से पहले ही निश्चित ही किसानों का शतप्रतिशत भुगतान हो जाएगा. गन्ना अधिकारी ने बताया कि गन्ना किसानों का सर्वे कराया गया है. इस बार एक प्रतिशत नए गन्ना किसान भी यहां इस फसल से जुड़े हैं. इससे प्रतीत होता है कि किसान गन्ने की फसल की तरफ लगातार बढ़ रहे हैं और 75 फीसदी गन्ना यहां होता है तो क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना कम रहती है.

वहीं, अगर आंकड़ों को देखें तो 2020 -2021 पेराई स्तर की तुलना में इस बार कम गन्ना मिलों पर पहुंचा है. 2021-2022 सत्र में कुल 77657 लाख कुंतल की खरीद हुई है. फिलहाल 2 लाख 68 हजार 169 लाख रुपये का गन्ना किसानों ने शुगर मिलों पर डाला. जबकि अब तक कुल 182549.04 लाख का भुगतान किसानों का हुआ है. यानी करीब 800 करोड़ रुपये से भी अधिक का गन्ना भुगतान बकाया है. 14 दिन पर ब्याज के साथ भुगतान सरकार ने कहा था. लेकिन अन्नदाता चाहता है सरकार जल्द से जल्द इसका भुगतान करें.

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Last Updated : Jun 11, 2022, 6:21 PM IST
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