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1857 की क्रांति की यादों को संजोए है राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय - मेरठ में म्यूजियम

देश को गुलामी से आजादी दिलाने के लिए मेरठ जिले से क्रांति शुरू हुई थी. जिले में बना राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय जंग-ए-आजादी की स्मृतियों से भरा पड़ा है. यहां मौजूद तस्वीरें आजादी के दौरान की क्रांति को बयान करती हैं.

1857 की क्रांति की यादों को संजोए है शहीद स्मारक संग्रहालय
1857 की क्रांति की यादों को संजोए है शहीद स्मारक संग्रहालय
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Published : Aug 14, 2020, 10:37 AM IST

मेरठ: अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने के लिए क्रांति की पहली चिंगारी 1857 में क्रांतिधरा मेरठ से ही फूटी थी. आज भी यहां के राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में क्रांति से जुड़ी यादें मौजूद हैं. यहां बनी गैलरी में मौजूद तस्वीरें देशभर में हुई क्रांतिगाथा को बयान करती हैं.

आजादी की कहानियों को समेटे है संग्रहालय.

संग्रहालय के अध्यक्ष पीके मौर्य ने बताया कि 1857 की क्रांति मेरठ जिले से ही शुरू हुई थी. जिले में स्थित राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में क्रांति से जुड़ी यादों को साझा किया गया है. संग्रहालय में पांच गैलरी हैं. पहली गैलरी में मेरठ की क्रांति से जुड़ी घटनाओं को तस्वीरों के माध्यम से बताया गया है.

दूसरी गैलरी में पूरे भारतवर्ष की क्रांति से जुड़ी घटनाओं को तस्वीरों के माध्यम से बताया गया है. जैसे कि किस तरह क्रांतिकारी ने ब्रिटिश हुकूमत को भगाने के लिए जगह-जगह अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया. संग्रहालय के तीन और चार नंबर गैलरी में आजादी से जुड़ी तमाम जानकारियों को साझा किया गया है.

राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के माध्यम से युवा पीढ़ी को देश के आजादी से जुड़े क्रांति के इतिहास को बताया जाता है. ताकि उनके मन में देशभक्ति की भावना जागृत रहे. देशभर से क्रांति और आजादी से जुड़ी सामग्री को यहां एकत्रित किया गया है. तस्वीरों के माध्यम से क्रांति की जानकारी दी जाती है. यहां आने वाले लोग आजादी के इतिहास को जानकर रोमांचित होते हैं.

संग्रहालय के केयरटेकर हरिओम शुक्ला ने बताया कि इस राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में 85 सैनिकों के नाम व पते मौजूद हैं, जिन्होंने सबसे पहले चर्बी लगे कारतूस को चलाने से मना किया था और क्रांति का बिगुल बजाया था. इन सभी सैनिकों को बाद में अंग्रेजी हुकूमत के कोर्ट मार्शल में पेश किया गया था.

कोर्ट मार्शल से लेकर दिल्ली कूच करने तक की सभी घटनाओं को इस संग्रहालय में तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है. 1857 से जुड़ी जानकारियों को जानने और रिसर्च करने के लिए भी यहां पर स्टूडेंट्स आते हैं. क्रांति से जुड़ी तमाम जानकारी उन्हें यहां उपलब्ध होती हैं.

मेरठ: अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने के लिए क्रांति की पहली चिंगारी 1857 में क्रांतिधरा मेरठ से ही फूटी थी. आज भी यहां के राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में क्रांति से जुड़ी यादें मौजूद हैं. यहां बनी गैलरी में मौजूद तस्वीरें देशभर में हुई क्रांतिगाथा को बयान करती हैं.

आजादी की कहानियों को समेटे है संग्रहालय.

संग्रहालय के अध्यक्ष पीके मौर्य ने बताया कि 1857 की क्रांति मेरठ जिले से ही शुरू हुई थी. जिले में स्थित राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में क्रांति से जुड़ी यादों को साझा किया गया है. संग्रहालय में पांच गैलरी हैं. पहली गैलरी में मेरठ की क्रांति से जुड़ी घटनाओं को तस्वीरों के माध्यम से बताया गया है.

दूसरी गैलरी में पूरे भारतवर्ष की क्रांति से जुड़ी घटनाओं को तस्वीरों के माध्यम से बताया गया है. जैसे कि किस तरह क्रांतिकारी ने ब्रिटिश हुकूमत को भगाने के लिए जगह-जगह अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया. संग्रहालय के तीन और चार नंबर गैलरी में आजादी से जुड़ी तमाम जानकारियों को साझा किया गया है.

राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के माध्यम से युवा पीढ़ी को देश के आजादी से जुड़े क्रांति के इतिहास को बताया जाता है. ताकि उनके मन में देशभक्ति की भावना जागृत रहे. देशभर से क्रांति और आजादी से जुड़ी सामग्री को यहां एकत्रित किया गया है. तस्वीरों के माध्यम से क्रांति की जानकारी दी जाती है. यहां आने वाले लोग आजादी के इतिहास को जानकर रोमांचित होते हैं.

संग्रहालय के केयरटेकर हरिओम शुक्ला ने बताया कि इस राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में 85 सैनिकों के नाम व पते मौजूद हैं, जिन्होंने सबसे पहले चर्बी लगे कारतूस को चलाने से मना किया था और क्रांति का बिगुल बजाया था. इन सभी सैनिकों को बाद में अंग्रेजी हुकूमत के कोर्ट मार्शल में पेश किया गया था.

कोर्ट मार्शल से लेकर दिल्ली कूच करने तक की सभी घटनाओं को इस संग्रहालय में तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है. 1857 से जुड़ी जानकारियों को जानने और रिसर्च करने के लिए भी यहां पर स्टूडेंट्स आते हैं. क्रांति से जुड़ी तमाम जानकारी उन्हें यहां उपलब्ध होती हैं.

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