मेरठ: जनपद में बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल यूं तो अंग्रेजी माध्यम का सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूल है, लेकिन इस स्कूल में छात्र छात्राओं को न सिर्फ भगवद गीता पढ़ाई जाती है बल्कि बच्चों के कोर्स में यह विषय शामिल है. स्टूडेंट्स का कहना है कि गीता साहित्य पढ़कर उनके व्यवहार से लेकर जीवन तक में बड़े बदलाव यहां हो रहे हैं, जो कि उनके लिए एक अच्छी बात है.
इस स्कूल में कक्षा 3 से लेकर कक्षा 8 तक गीता पढ़ाना अनिवार्य है. इतना ही नहीं उनके जो रिजल्ट उन्हें प्राप्त होते हैं. उसमें भी गीता साहित्य विषय शामिल है. यहां के छात्र बताते हैं कि गीता ज्ञान से उनके व्यवहार में भी निरन्तर बदलाव आ रहा है, बच्चों को भगवद गीता के श्लोक भी खूब पसंद आ रहे हैं. गीता का ज्ञान उनके ज्ञान को तो बढ़ा ही रहा है उनके व्यवहार में भी परिवर्तन कर रहा है.
भगवद गीता पढ़ाने वाली शिक्षिका मीणा सक्सेना का कहना है कि, गीता ज्ञान को एक अनिवार्य विषय के तौर पर इस अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ाया जाता है. उन्हें बेहद खुशी है कि भगवद गीता के बारे में छात्रों को एक विषय के तौर पर पढ़ने को मिल रहा है, जो कि गर्व की बात है, क्योंकि गीता से जो भी शिक्षा मिलती है. उससे बच्चों का भविष्य निश्चित ही उज्जवल होगा. शिक्षिका ने कहा कि, बच्चों का मन चंचल होता है. लेकिन गीता ज्ञान से वह शांत होता है.
स्कूल के प्रधानाचार्य गोपाल दीक्षित ने ईटीवी भारत को बताया कि 2014 में गीता को विषय के तौर पर पढ़ाने का निर्णय लिया था. उन्हें लगता था कि शुरुआत में कुछ चुनौतियां जरूर आएंगी. वह कहते हैं धीरे-धीरे अभिभावकों का साथ मिलने लभा. सभी ने माना कि यह जो कदम उठाया गया है. समाज के लिए यह अच्छा कदम है. कहा कि, कक्षा तीन से कक्षा 6 तक मौखिक रूप से गीता ज्ञान का अध्ययन कराते हैं. कक्षा 6 ,7 और 8 वीं तक अलज से एक विषय के तौर पर उनके सिलेबस में शामिल है.
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