मेरठ: जनपद में यूपी एटीएस ने अवैध ढंग से पासपोर्ट के लिए म्यांमार के रोहिंग्या की जांच रिपोर्ट देने के मामले में 4 दारोगाओं को जिम्मेदार माना है, जिसके बाद अब एसपी सिटी ने उन चारों दारोगाओं के खिलाफ जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है. बता दें कि यूपी ATS ने 2021 में 3 पुरुषों और एक महिला को गिरफ्तार किया था. ATS की जांच में 4 रोहिंग्या के पास से मेरठ के फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट मिले थे.
दरअसल, एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) की तरफ से जून 2021 में रोहिंग्या हाफिज शफीक, मुफजुर्रह्मान, अजीजुर्रहमान और मोहम्मद इस्लाइल को गिरफ्तार किया था, जांच में पता चला था कि ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाला कारोबार और म्यांमार से भारत तक मानव तस्करी करते थे. यह गिरोह आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवा कर पासपोर्ट बनवाते थे. फिर भारतीय पहचान पत्र दिखाकर म्यांमार के युवकों को भारत में फैक्ट्रियों में काम दिलवाने और बसाने का काम करते थे.
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हाफिज शफीक की जांच के बाद सामने आया कि मेरठ में रोहिंग्या अबू आलम निवासी नयामकान अहमद नगर लिसाड़ीगेट, उसका बेटा मोहम्मद अजीज, रिहाना पुत्री मोहम्मद हसन निवासी जाटव स्ट्रीट बनियापाड़ा कोतवाली और रोमिना पुत्री मोहम्मद उल्ली निवासी कर्मअली जाटवगेट कोतवाली का भी आधार कार्ड और पासपोर्ट मेरठ से तैयार हुआ था. जबकि इसे 2013 से 16 के बीच में जारी किया गया था.
वहीं, इस संबंध में एसपी सिटी विनित भटनागर ने बताया कि तीन पुरुष सहित एक महिला ने फर्जी तरह से तमाम कागजात फर्जी ढंग से बनवाए थे, ये भी स्पष्ट है कि मूलरूप से चारों रोहिंग्या म्यांमार के रहने वाले थे. यूपी ATS ने पूरे मामले की जांच मेरठ पुलिस को सौंपी, जिसमें अब 4 दारोगा पर विभागीय जांच जारी है. माना जा रहा है कि अब इन दारोगाओं पर गाज गिरना तय है. उन्होंने कहा कि मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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