मेरठः पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी हाजी याकूब कुरैशी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. साल 2011 में सरेआम ड्यूटी पर तैनात सिपाही से मारपीट और अभद्रता के मामले में कोर्ट ने याकूब कुरैशी को सजा सुनाई है. पूर्व मंत्री पर 4 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना लगाया गया है. फिलहाल हाजी याकूब कुरैशी सोनभद्र जेल में बंद है.
दरअसल 12 साल पहले 17 मार्च 2011 को राज्य सरकार में मंत्री रहे याकूब कुरैशी ने एक पुलिसकर्मी से बदसलूकी की थी. थाना लिसाड़ी गेट पुलिस कन्ट्रोल रूम में तैनात सिपाही चहन सिंह का आरोप था कि वह कन्ट्रोल रूम के आदेश पर हापुड़ स्टैण्ड चौराहे पर ड्यूटी कर रहा था. उसी दौरान एक जीप हूटर बजाते हुए उधर से गुजर रही थी. सिपाही चहन सिंह ने उसे रोकने का इशारा किया था. इस बीच पीछे से एक काली गाड़ी में सवार याकूब कुरैशी वहां पहुंचा. उसने चहन सिंह से बदसलूकी और मारपीट की. साथ ही उसकी वर्दी भी फाड़ दी.
इस दौरान सिपाही को चोटें भी आई थीं. इसके बाद उसे जसवन्त राय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिपाही ने इस मामले अधिकारियों से शिकायत की थी. लेकिन, कोई सुनावई नहीं हुई. इसके बाद उसने न्यायालय का रुख किया. न्यायालय के आदेश पर हाजी याकूब कुरैशी पर मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने विवेचना कर आरोपी याकूब कुरैशी के खिलाफ धारा 323, 333, 504, 506 तहत आरोप पत्र दाखिल किया था.
अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी वीरेश त्यागी ने बताया कि चहन सिंह, कांस्टेबल अतुल कुमार गौतम सहित कुल 7 पुलिस वालों के बयान दर्ज कराये गए थे. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी याकूब कुरैशी को धारा 333 के तहत सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का दोषी माना. एमपी एमएलए अपर जिला जज कोर्ट संख्या 3 मेरठ प्रमोद कुमार ने लोक शान्ति भंग करने और धमकी देने के आरोप में दोषी करार देते हुए, दो-दो हजार रुपये के अर्थदण्ड लगाया है.
अर्थदण्ड न देने की स्थिति में एक-एक माह की सजा और भुगतनी होगी. हालांकि कोर्ट ने धारा 323 मार-पिटाई के आरोप से कुरैशी को बरी कर दिया. बता दें कि सिपाही चहन सिंह ने 2017 विधानसभा चुनाव में याकूब कुरैशी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था. मेरठ की दक्षिण विधानसभा सीट से चहन सिंह ने नामांकन किया था. चहन सिंह ने तब ऐलान भी किया था कि उसका मकसद चुनाव जीतना नहीं बल्कि याकूब को चुनाव हराना है.
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