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किसानों के लिए वरदान साबित हो रही पॉलीहाउस में खेती

यूपी के मेरठ जिले में किसान पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती कर रहे हैं. जिले के किसान पॉलीहाउस बनाकर सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं. पॉलीहाउस में उगाई गई सब्जियों के अधिक दाम मिलने से किसानों को फायदा हो रहा है.

पॉलीहाउस में खेती.
पॉलीहाउस में खेती.
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Published : Jan 27, 2021, 2:44 PM IST

मेरठः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान अब खेती की ओर करने लगे हैं. चीनी का कटोरा कहा जाने वाले पश्चिमी यूपी में गन्ने की फसल से एक साल में किसानों के हाथ के पैसा आता है. यही वजह है कि गन्ने की फसल को छोड़कर मेरठ के किसानों ने पॉलीहाउस में आधुनिक खेती करना शुरू कर दिया है. इन पॉलीहाउस में किसान जहां आधुनिक खेती कर बेमौसमी सब्जियां उगा रहे हैं, वहीं फूलों की खेती भी आमदनी का साधन बनी हुई है. जिले में कई स्थानों पर करीब 46 हेक्टेयर जमीन पर पॉलीहाउस बनाकर आधुनिक खेती की जा रही है. मंडल के सभी 6 जिलों से ज्यादा पॉलीहाउस मेरठ जिले में बनाये गए हैं.

पॉलीहाउस में खेती.
सब्जी और फूलों की हो रही खेती
पॉलीहाउस में किसान लाल-पीली शिमला मिर्च, अंग्रेजी खीरा, टमाटर, हरा धनिया, लौकी-तोरई आदि की खेती के साथ जरबेरा, गुलाब, लिलियम जैसे महंगे फूलों की फसल कर रहे हैं. बेमौसमी सब्जियों की खेती किसानों के लिए आमदनी का अच्छा स्रोत बन चुकी है. ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग बाजारों में लगतार बढ़ती जा रही है. सक्षम लोग बीमारियों से बचने के लिए अब इसी तरह की आर्गेनिक सब्जियां खाना पसंद कर रहे हैं.
पॉलीहाउस में ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती
पॉलीहाउस बनाकर खेती कर रहे युवा किसानों ने बताया कि आमतौर पर किसान जहरीले पेस्टिसाइड्स एवं खाद से फसलों की पैदावार बढ़ाने में लगे हैं. लेकिन वह पॉलीहाउस में बिना पेस्टिसाइड्स और खाद के सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं. यानि पॉलीहाउस में उगाई गई सभी फसलें पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही है. खाद और दवाई की जगह किसान पॉलीहाउस में देसी खाद का इस्तेमाल कर सब्जियां उगा रहे हैं. जिससे पॉलीहाउस उगाई जा रही इस सब्जियों को न सिर्फ बिना फ्रिज के लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है बल्कि खाने से भी पोष्टिक और स्वादिष्ट लगती हैं.
किसानों की अर्थव्यवस्था को लगे पंख
आपको बता दें कि पॉलीहाउस में उगाई गई सब्जियों की कीमत बाजार में अन्य सब्जियों की तुलना में महंगे दाम पर बिक रही है. ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही खेती से जहां किसानों की अर्थव्यवस्था को नए पंख लगे हैं. जहां केमिकल युक्त सब्जियां आम आदमी को बीमार कर रही हैं वहीं ऑर्गेनिक सब्जियां गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद कर रही हैं. पॉलीहाउस में किसान बेमौसमी सब्जियां उगा रहे हैं, जिससे किसानों की आय में दो से चार गुना बढ़ोतरी हो रही है.
पॉलीहाउस में खेती करने के फायदे
पॉलीहाउस में खेती करने से एक दो नहीं बहुत सारे फायदे हो रहे हैं. यही वजह है कि सरकार पॉलीहाउस लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान भी दे रही है. पॉलीहाउस में लगाई गई फसल में किट एवं अन्य बीमारियों नहीं लगती है. फसलों के लिए कृत्रिम वातावरण तैयार कर आर्द्रता के साथ फसल के अनुरूप तापमान बना रहता है. जिसकी वजह से कम लागत में अधिक पैदावार लेकर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है.
महंगे दामों में बिक रहीं पॉलीहाउस की सब्जियां
युवा किसान संदीप शर्मा ने बताया कि जिले में 30-35 जगहों पर पॉलीहाउस बनाए गए हैं. इसके बाद उन्होंने भी पॉलीहाउस बनाकर खेती करने की योजना बनाई. संदीप और प्रभात ने मिलकर करीब एक एकड़ में पॉलीहाउस बनाकर सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं. संदीप ने बताया कि पॉलीहाउस में उगाई गई लाल-पीली शिमला मिर्च, अंग्रेजी खीरा, लौकी, तोरई और फूलों की फसल को दिल्ली की मंडियों में भेजा जाता है. जहां उनकी फसल अच्छे दाम पर बिक रही हैं. ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग बढ़ने के साथ आमदनी भी बढ़ी है. ऑर्गेनिक सब्जियां अन्य सब्जियों की तुलना में कई गुना दाम मिल रहे हैं.

मेरठः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान अब खेती की ओर करने लगे हैं. चीनी का कटोरा कहा जाने वाले पश्चिमी यूपी में गन्ने की फसल से एक साल में किसानों के हाथ के पैसा आता है. यही वजह है कि गन्ने की फसल को छोड़कर मेरठ के किसानों ने पॉलीहाउस में आधुनिक खेती करना शुरू कर दिया है. इन पॉलीहाउस में किसान जहां आधुनिक खेती कर बेमौसमी सब्जियां उगा रहे हैं, वहीं फूलों की खेती भी आमदनी का साधन बनी हुई है. जिले में कई स्थानों पर करीब 46 हेक्टेयर जमीन पर पॉलीहाउस बनाकर आधुनिक खेती की जा रही है. मंडल के सभी 6 जिलों से ज्यादा पॉलीहाउस मेरठ जिले में बनाये गए हैं.

पॉलीहाउस में खेती.
सब्जी और फूलों की हो रही खेती
पॉलीहाउस में किसान लाल-पीली शिमला मिर्च, अंग्रेजी खीरा, टमाटर, हरा धनिया, लौकी-तोरई आदि की खेती के साथ जरबेरा, गुलाब, लिलियम जैसे महंगे फूलों की फसल कर रहे हैं. बेमौसमी सब्जियों की खेती किसानों के लिए आमदनी का अच्छा स्रोत बन चुकी है. ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग बाजारों में लगतार बढ़ती जा रही है. सक्षम लोग बीमारियों से बचने के लिए अब इसी तरह की आर्गेनिक सब्जियां खाना पसंद कर रहे हैं.
पॉलीहाउस में ऑर्गेनिक सब्जियों की खेती
पॉलीहाउस बनाकर खेती कर रहे युवा किसानों ने बताया कि आमतौर पर किसान जहरीले पेस्टिसाइड्स एवं खाद से फसलों की पैदावार बढ़ाने में लगे हैं. लेकिन वह पॉलीहाउस में बिना पेस्टिसाइड्स और खाद के सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं. यानि पॉलीहाउस में उगाई गई सभी फसलें पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही है. खाद और दवाई की जगह किसान पॉलीहाउस में देसी खाद का इस्तेमाल कर सब्जियां उगा रहे हैं. जिससे पॉलीहाउस उगाई जा रही इस सब्जियों को न सिर्फ बिना फ्रिज के लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है बल्कि खाने से भी पोष्टिक और स्वादिष्ट लगती हैं.
किसानों की अर्थव्यवस्था को लगे पंख
आपको बता दें कि पॉलीहाउस में उगाई गई सब्जियों की कीमत बाजार में अन्य सब्जियों की तुलना में महंगे दाम पर बिक रही है. ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही खेती से जहां किसानों की अर्थव्यवस्था को नए पंख लगे हैं. जहां केमिकल युक्त सब्जियां आम आदमी को बीमार कर रही हैं वहीं ऑर्गेनिक सब्जियां गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद कर रही हैं. पॉलीहाउस में किसान बेमौसमी सब्जियां उगा रहे हैं, जिससे किसानों की आय में दो से चार गुना बढ़ोतरी हो रही है.
पॉलीहाउस में खेती करने के फायदे
पॉलीहाउस में खेती करने से एक दो नहीं बहुत सारे फायदे हो रहे हैं. यही वजह है कि सरकार पॉलीहाउस लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान भी दे रही है. पॉलीहाउस में लगाई गई फसल में किट एवं अन्य बीमारियों नहीं लगती है. फसलों के लिए कृत्रिम वातावरण तैयार कर आर्द्रता के साथ फसल के अनुरूप तापमान बना रहता है. जिसकी वजह से कम लागत में अधिक पैदावार लेकर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है.
महंगे दामों में बिक रहीं पॉलीहाउस की सब्जियां
युवा किसान संदीप शर्मा ने बताया कि जिले में 30-35 जगहों पर पॉलीहाउस बनाए गए हैं. इसके बाद उन्होंने भी पॉलीहाउस बनाकर खेती करने की योजना बनाई. संदीप और प्रभात ने मिलकर करीब एक एकड़ में पॉलीहाउस बनाकर सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं. संदीप ने बताया कि पॉलीहाउस में उगाई गई लाल-पीली शिमला मिर्च, अंग्रेजी खीरा, लौकी, तोरई और फूलों की फसल को दिल्ली की मंडियों में भेजा जाता है. जहां उनकी फसल अच्छे दाम पर बिक रही हैं. ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग बढ़ने के साथ आमदनी भी बढ़ी है. ऑर्गेनिक सब्जियां अन्य सब्जियों की तुलना में कई गुना दाम मिल रहे हैं.
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