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मजदूर की बेटी ने दुबई पावरलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतकर मेरठ का बढ़ाया मान, सुनिए खिलाड़ियों को क्या दिया संदेश

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Published : Dec 21, 2022, 9:00 AM IST

Updated : Dec 21, 2022, 9:38 AM IST

मेरठ के एक मजदूर की बेटी जैनब खातून ने दिव्यांगता को मात देते हुए दुबई में पैरा पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया. ईटीवी भारत से बातचीत में जैनब ने कहा कि वह चाहती हैं कि उन्हें देखकर पैरालंपिक खिलाड़ियों में मोटिवेशन आए.

जैनब खातून
जैनब खातून
पावरलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतने वाली जैनब खातून ने ईटीवी भारत को बताई अपनी कहानी

मेरठ: जिले के एक मजदूर की बेटी जैनब खातून ने दिव्यांगता को मात देते हुए दुबई में पैरा-पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में 61 किलोग्राम भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है. दुबई से वतन वापसी पर अब सभी इस बेटी को बधाइयां दे रहे हैं. कहते हैं कि मन में अगर कुछ करने का हौसला हो और मजबूत इरादे हों तो फिर चाहे कितनी ही कठिनाइयों से सामना क्यों न हो ऐसा, इंसान अपनी मंजिल के लिए रास्ता बना ही लेता है. जी हां ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मेरठ के भावनपुर थाना क्षेत्र के छोटे से गांव नगला साहू की बेटी जैनब खातून ने.

जैनब ने दुबई में 15 से 18 तारीख तक आयोजित हुई 12वीं वर्ल्ड पैरा पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल करने में सफलता पाई है. हालांकि, वैशाखी का सहारा लेकर इस बेटी को चलना पड़ता है. लेकिन, इसके हौसले बुलंद हैं. अपने हौसले के दम पर चाहे स्टेट लेवल की प्रतियोगिता हो या नेशनल प्रतियोगिता हो जैनब अपना लोहा मनवा चुकी है. दो साल के करिअर में इससे पहले जैनब के दो स्टेट में गोल्ड मेडल हैं, जबकि एक नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल है.

पैरा पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में खिलाड़ियों के साथ जैनब खातून
पैरा पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में खिलाड़ियों के साथ जैनब खातून

जैनब ने ईटीवी भारत को बताया कि वो पांच बहन भाई हैं और घर में सबसे बड़ी वह खुद हैं. कुछ जिम्मेदारी भी उनपर ज्यादा हैं. जैनब कहती हैं कि पिता मजदूरी करते हैं. उन्होंने बताया कि करीब दो साल पहले उन्होंने यह तय किया था कि वह भी कुछ न कुछ अलग करके अपने परिवार का नाम रोशन करेंगी. उसके बाद जैनब ने कैलाश प्रकाश स्टेडियम का रुख किया और फिर अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन में लगातार कामयाबी की तरफ बढ़ रही हैं.

परिजनों के साथ जैनब खातून.
परिजनों के साथ जैनब खातून.

यह भी पढ़ें: यूपी फुटबाल संघ में अनियमितता, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बता दें कि भारत से कुल पांच पुरुष और चार महिला पैरा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. उत्तर प्रदेश की बात करें तो जैनब खातून यूपी की पहली ऐसी खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक अपने नाम किया है. ईटीवी भारत से अंतरराष्ट्रीय पैरा लिफ्टर खिलाड़ी जैनब खातून ने कहा कि भले ही उनके जीवन में अनेकों कठिनाइयां आई हैं. लेकिन, इनका सामना करने में कभी खुद को कमजोर नहीं पाया. जैनब कहती हैं कि उन्हें गर्व है कि वह यूपी की पहली पैरा पावरलिफ्टर महिला हैं, जो कांस्य पदक लेकर आई हैं. जैनब ने कहा कि वह चाहती हैं कि उन्हें देखकर पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों में मोटिवेशन आए और वह सभी निराशा को छोड़कर आगे बढ़ें.

पावरलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतने वाली जैनब खातून ने ईटीवी भारत को बताई अपनी कहानी

मेरठ: जिले के एक मजदूर की बेटी जैनब खातून ने दिव्यांगता को मात देते हुए दुबई में पैरा-पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में 61 किलोग्राम भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है. दुबई से वतन वापसी पर अब सभी इस बेटी को बधाइयां दे रहे हैं. कहते हैं कि मन में अगर कुछ करने का हौसला हो और मजबूत इरादे हों तो फिर चाहे कितनी ही कठिनाइयों से सामना क्यों न हो ऐसा, इंसान अपनी मंजिल के लिए रास्ता बना ही लेता है. जी हां ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मेरठ के भावनपुर थाना क्षेत्र के छोटे से गांव नगला साहू की बेटी जैनब खातून ने.

जैनब ने दुबई में 15 से 18 तारीख तक आयोजित हुई 12वीं वर्ल्ड पैरा पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल करने में सफलता पाई है. हालांकि, वैशाखी का सहारा लेकर इस बेटी को चलना पड़ता है. लेकिन, इसके हौसले बुलंद हैं. अपने हौसले के दम पर चाहे स्टेट लेवल की प्रतियोगिता हो या नेशनल प्रतियोगिता हो जैनब अपना लोहा मनवा चुकी है. दो साल के करिअर में इससे पहले जैनब के दो स्टेट में गोल्ड मेडल हैं, जबकि एक नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल है.

पैरा पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में खिलाड़ियों के साथ जैनब खातून
पैरा पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में खिलाड़ियों के साथ जैनब खातून

जैनब ने ईटीवी भारत को बताया कि वो पांच बहन भाई हैं और घर में सबसे बड़ी वह खुद हैं. कुछ जिम्मेदारी भी उनपर ज्यादा हैं. जैनब कहती हैं कि पिता मजदूरी करते हैं. उन्होंने बताया कि करीब दो साल पहले उन्होंने यह तय किया था कि वह भी कुछ न कुछ अलग करके अपने परिवार का नाम रोशन करेंगी. उसके बाद जैनब ने कैलाश प्रकाश स्टेडियम का रुख किया और फिर अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन में लगातार कामयाबी की तरफ बढ़ रही हैं.

परिजनों के साथ जैनब खातून.
परिजनों के साथ जैनब खातून.

यह भी पढ़ें: यूपी फुटबाल संघ में अनियमितता, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बता दें कि भारत से कुल पांच पुरुष और चार महिला पैरा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. उत्तर प्रदेश की बात करें तो जैनब खातून यूपी की पहली ऐसी खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक अपने नाम किया है. ईटीवी भारत से अंतरराष्ट्रीय पैरा लिफ्टर खिलाड़ी जैनब खातून ने कहा कि भले ही उनके जीवन में अनेकों कठिनाइयां आई हैं. लेकिन, इनका सामना करने में कभी खुद को कमजोर नहीं पाया. जैनब कहती हैं कि उन्हें गर्व है कि वह यूपी की पहली पैरा पावरलिफ्टर महिला हैं, जो कांस्य पदक लेकर आई हैं. जैनब ने कहा कि वह चाहती हैं कि उन्हें देखकर पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों में मोटिवेशन आए और वह सभी निराशा को छोड़कर आगे बढ़ें.

Last Updated : Dec 21, 2022, 9:38 AM IST
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