ETV Bharat / state

इस बार घरों को रोशन करेंगे ये स्पेशल दीये, सलाखों के पीछे हो रहे तैयार - चौधरी चरण सिंह जिला कारागार

चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंदी स्पेशल दीये बना रहे हैं. जेल के बाहर एक आउटलेट भी खोला गया है, जहां से इन दीयों की बिक्री की जा रही है.

जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
author img

By

Published : Oct 22, 2022, 10:02 PM IST

मेरठः जिले में दिवाली को लेकर बड़े पैमाने पर इको फ्रेंडली दीये तैयार किए जा रहे हैं. मेरठ जिला कारागार में निरुद्ध महिला और पुरुष बंदी गाय के गोबर से दीये तैयार कर रहे हैं. यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों बंदी मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे हैं.

जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि एक संस्था के द्वारा पहले जिला जेल में निरुद्ध बन्दियों को प्रशिक्षण दिया गया. उसके बाद फिर उन्हें कच्चा माल उपलब्ध कराया गया. दीये के लिए मैटीरियल तैयार करने को एक खास चक्की भी बनाई गई है. इसमें कच्चा माल गाय का गोबर, मुल्तानी मिट्टी और कुछ अन्य पदार्थ मिक्स किया जाता है. उसके बाद दीये तैयार करने के लिए सामग्री को सांचों में डालकर दीये बनाए जा रहे हैं.

जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
जानकारी देते जेल अधीक्षक राकेश कुमार

जेल अधीक्षक ने कहा कि सभी कार्य बन्दियों के द्वारा ही किए जाते हैं. जिससे कार्य करने वाले बंदी भी व्यस्त रहते हैं और किसी भी तरह के अवसाद से मुक्त रहते हैं. जेल के बाहर एक आउटलेट भी खोला जा रहा है इसमें बन्दियों से मुलाकात को आने वाले लोग भी इकोफ्रेंडली दीपकों को खरीदने को बेहद रुचि दिखा रहे हैं. जो बंदी इस कार्य में लगे हुए हैं उन्हें मेहनताने के तौर पर निर्धारित प्रतिशत दिया जाएगा.

जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
जिला कारागार में गाय के गोबर से तैयार किए गए दीये

बहरहाल कह सकते हैं कि जेलों में बन्दियों के व्यवहार में बदलाव के लिए जो भी कार्यक्रम अलग-अलग संचालित किए जा रहे हैं उन सबका मकसद यही है कि जब सलाखों के पीछे से निकलकर बाहर जाएं तो कम से वे आत्मनिर्भर बन सकें.

ये भी पढ़ेंः इस Diwali 2022 के मौके पर दोस्तों-रिश्तेदारों का बालूशाही से मुंह मीठा कराएं

मेरठः जिले में दिवाली को लेकर बड़े पैमाने पर इको फ्रेंडली दीये तैयार किए जा रहे हैं. मेरठ जिला कारागार में निरुद्ध महिला और पुरुष बंदी गाय के गोबर से दीये तैयार कर रहे हैं. यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों बंदी मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे हैं.

जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि एक संस्था के द्वारा पहले जिला जेल में निरुद्ध बन्दियों को प्रशिक्षण दिया गया. उसके बाद फिर उन्हें कच्चा माल उपलब्ध कराया गया. दीये के लिए मैटीरियल तैयार करने को एक खास चक्की भी बनाई गई है. इसमें कच्चा माल गाय का गोबर, मुल्तानी मिट्टी और कुछ अन्य पदार्थ मिक्स किया जाता है. उसके बाद दीये तैयार करने के लिए सामग्री को सांचों में डालकर दीये बनाए जा रहे हैं.

जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
जानकारी देते जेल अधीक्षक राकेश कुमार

जेल अधीक्षक ने कहा कि सभी कार्य बन्दियों के द्वारा ही किए जाते हैं. जिससे कार्य करने वाले बंदी भी व्यस्त रहते हैं और किसी भी तरह के अवसाद से मुक्त रहते हैं. जेल के बाहर एक आउटलेट भी खोला जा रहा है इसमें बन्दियों से मुलाकात को आने वाले लोग भी इकोफ्रेंडली दीपकों को खरीदने को बेहद रुचि दिखा रहे हैं. जो बंदी इस कार्य में लगे हुए हैं उन्हें मेहनताने के तौर पर निर्धारित प्रतिशत दिया जाएगा.

जिला कारागार में इको फ्रेंडली दीये बनाते बंदी
जिला कारागार में गाय के गोबर से तैयार किए गए दीये

बहरहाल कह सकते हैं कि जेलों में बन्दियों के व्यवहार में बदलाव के लिए जो भी कार्यक्रम अलग-अलग संचालित किए जा रहे हैं उन सबका मकसद यही है कि जब सलाखों के पीछे से निकलकर बाहर जाएं तो कम से वे आत्मनिर्भर बन सकें.

ये भी पढ़ेंः इस Diwali 2022 के मौके पर दोस्तों-रिश्तेदारों का बालूशाही से मुंह मीठा कराएं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.