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माफिया बद्दो के बंगले के ध्वस्तीकरण पर नहीं हो सका फैसला - बद्दो के बंगले का ध्वस्तीकरण

बद्दो के बंगले के ध्वस्तीकरण पर बुधवार को भी फैसला नहीं हो सका. ध्वस्तीकरण की नोटिस के खिलाफ माफिया बद्दो की भाभी कुलजीत कौर ने अपील की थी. कुलजीत कौर को कमिश्नर के सामने अपना पक्ष रखना था, लेकिन दोनों ही पक्षों के वकील कमिश्नर कोर्ट में नहीं पहुंचे और सुनवाई नहीं हो सकी. ऐसे में अब 11 जनवरी को अगली सुनवाई होगी.

कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो
कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो
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Published : Jan 6, 2021, 5:06 PM IST

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो के अवैध आलीशान बंगले के ध्वस्तीकरण के मामले में बुधवार को फिर अड़ंगा लग गया. मेरठ की कमिश्नर कोर्ट में ध्वस्तीकरण की नोटिस के खिलाफ बद्दो की भाभी कुलदीप कौर ने अपील की थी. इसी अपील के मामले में आज ढाई लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो की भाभी कुलजीत कौर को कमिश्नर के सामने अपना पक्ष रखना था, लेकिन दोनों ही पक्षों के वकील कमिश्नर कोर्ट में नहीं पहुंचे और सुनवाई नहीं हो सकी. ऐसे में अब 11 जनवरी को अगली सुनवाई होगी.

20 महीने से फरार है माफिया बद्दो

कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो 20 महीने से फरार है. मेरठ में एक होटल में पार्टी के दौरान पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था बद्दो. इस मामले में पुलिसकर्मियों समेत बद्दो के करीबियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा. हालांकि बदन सिंह बद्दो कहां है यह उत्तर प्रदेश पुलिस को नहीं पता. सरकार ने बदन सिंह बद्दो पर शिकंजा कसने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.

मेरठ प्राधिकरण ने जारी किया था ध्वस्तीकरण का नोटिस

बद्दो के अवैध आलीशान बंगले को गिराने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर दिया था. लेकिन इस नोटिस के खिलाफ बदन सिंह बद्दो की भाभी और मकान की मालकिन कुलदीप कौर ने कमिश्नर कोर्ट में अपील दायर की थी. इसी अपील की सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तारीख तय की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी. कोरोना काल में किसी भी मामले में अंतिम सुनवाई न करने के लिए बार एसोसिएशन ने एक प्रत्यावेदन कमिश्नर को दिया था. माना जा रहा था कि इस मामले में आज अंतिम सुनवाई होगी. इसलिए दोनों पक्षों के वकील कोर्ट रूम में नहीं पहुंचे. अब इस मामले में 11 जनवरी को सुनवाई होगी.

कोई स्टे ऑर्डर जारी नहीं

माना जा रहा है कि अगर कोर्ट में बंगले का निर्माण बद्दो की काली कमाई से होने की बात साबित हो गई तो कार्रवाई होगी. जानकारों की मानें तो मेरठ विकास प्राधिकरण को कार्रवाई करने का अब भी पूरा अधिकार है, क्योंकि कमिश्नर की तरफ से कोई स्टे ऑर्डर जारी नहीं किया गया है. उसके बावजूद मेरठ विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की गेंद कमिश्नर के पाले में फेंक दी है.

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो के अवैध आलीशान बंगले के ध्वस्तीकरण के मामले में बुधवार को फिर अड़ंगा लग गया. मेरठ की कमिश्नर कोर्ट में ध्वस्तीकरण की नोटिस के खिलाफ बद्दो की भाभी कुलदीप कौर ने अपील की थी. इसी अपील के मामले में आज ढाई लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो की भाभी कुलजीत कौर को कमिश्नर के सामने अपना पक्ष रखना था, लेकिन दोनों ही पक्षों के वकील कमिश्नर कोर्ट में नहीं पहुंचे और सुनवाई नहीं हो सकी. ऐसे में अब 11 जनवरी को अगली सुनवाई होगी.

20 महीने से फरार है माफिया बद्दो

कुख्यात माफिया बदन सिंह बद्दो 20 महीने से फरार है. मेरठ में एक होटल में पार्टी के दौरान पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था बद्दो. इस मामले में पुलिसकर्मियों समेत बद्दो के करीबियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा. हालांकि बदन सिंह बद्दो कहां है यह उत्तर प्रदेश पुलिस को नहीं पता. सरकार ने बदन सिंह बद्दो पर शिकंजा कसने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.

मेरठ प्राधिकरण ने जारी किया था ध्वस्तीकरण का नोटिस

बद्दो के अवैध आलीशान बंगले को गिराने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर दिया था. लेकिन इस नोटिस के खिलाफ बदन सिंह बद्दो की भाभी और मकान की मालकिन कुलदीप कौर ने कमिश्नर कोर्ट में अपील दायर की थी. इसी अपील की सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तारीख तय की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी. कोरोना काल में किसी भी मामले में अंतिम सुनवाई न करने के लिए बार एसोसिएशन ने एक प्रत्यावेदन कमिश्नर को दिया था. माना जा रहा था कि इस मामले में आज अंतिम सुनवाई होगी. इसलिए दोनों पक्षों के वकील कोर्ट रूम में नहीं पहुंचे. अब इस मामले में 11 जनवरी को सुनवाई होगी.

कोई स्टे ऑर्डर जारी नहीं

माना जा रहा है कि अगर कोर्ट में बंगले का निर्माण बद्दो की काली कमाई से होने की बात साबित हो गई तो कार्रवाई होगी. जानकारों की मानें तो मेरठ विकास प्राधिकरण को कार्रवाई करने का अब भी पूरा अधिकार है, क्योंकि कमिश्नर की तरफ से कोई स्टे ऑर्डर जारी नहीं किया गया है. उसके बावजूद मेरठ विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की गेंद कमिश्नर के पाले में फेंक दी है.

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