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बिजली विभाग बार-बार नहीं करता है KYC, ऐसे मैसेज से रहें सावधान वरना खाली हो जाएगा अकाउंट

मेरठ समेत यूपी के लोगों को बिजली विभाग का फर्जी मैसेज और कॉल आ रहे हैं. इस मैसेज में उपभोक्ताओं को नए सिरे से KYC करने को कहा जा रहा है. साइबर ठग ऐसे मैसेज और कॉल के जरिये लोगों के अकाउंट से पैसे चुरा रहे हैं (Cyber fraudsters empty bank accounts ). अगर आपके पास भी ऐसे मैसेज आए तो सतर्क हो जाएं..

बिजली विभाग.
बिजली विभाग.
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Published : Nov 9, 2022, 7:26 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 9:31 PM IST

मेरठ : एक ओर साइबर और डिजिटल सेक्टर में बदलाव हो रहे हैं, तो दूसरी ओर साइबर ठग डिजिटल तरीके से ही लोगों की अकाउंट में सेंध लगा रहे हैं. साइबर ठग उन सभी सेक्टर्स में एक्टिव हैं, जहां लोग डिजिटल तरीके से ट्रांजैक्शन करते हैं. इन दिनों मेरठ समेत पूरे प्रदेश में लोगों के पास बिजली विभाग के नकली मैसेज आ रहे हैं. इस मैसेज में या तो अकाउंट या किसी ऐप को डाउनलोड करने वाला लिंक होता है. साथ ही धमकी भी होती है कि अगर कंज्यूमर ने लिंक से KYC अपडेट नहीं किया तो कनेक्शन कट जाएगा या जुर्माना देना पड़ेगा. अगर उपभोक्ता ने लिंक को क्लिक किया तो बैंक अकाउंट खाली हो जाता है.

जानकारी देते एसपी क्राइम अनित कुमार.

ग़ौरतलब है कि बीते दिनों तो ऐसा ही एक मामला मेरठ के ट्रांसपोर्ट नगर थाना क्षेत्र में भी सामने आया था. साइबर ठगों ने नई बस्ती निवासी विशाल के बैंक अकाउंट से 7 हजार रुपये की रकम उड़ा ली थी. उन्होंने एसपी क्राइम दफ्तर में लिखित में शिकायत करके मदद की गुहार लगाई थी. कई बार ठग लोगों को धमकाने के लिए कॉल भी करते हैं. अगर लोगों को ऐप डाउनलोड करने में दिक्कत होती है तो साइबर ठग फोन कर प्रोसेस बताते हैं. इस तरह वह मोबाइल फोन को हैक कर लेते हैं. एसपी क्राइम अनित कुमार बताते हैं कि साइबर ठगी से बचने का सीधा और सरल तरीका है कि सावधानी बरतें. अपना पर्सनल डेटा किसी से भी शेयर न करें. किसी को ओटीपी, बैंक अकाउंट, एटीएम पिन या अन्य जानकारी नहीं दें. मेरठ क्षेत्र में ठगी के शिकार अधिकतर उपभोक्ताओं ने ठगों के झांसे में आकर ओटीपी और पर्सनल डेटा शेयर किया था.

पहले चेक कर लें नंबर: विद्युत विभाग के चीफ मेरठ क्षेत्र अनुराग अग्रवाल बताते हैं कि अगर किसी उपभोक्ता को इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के नाम पर कोई कॉल या मैसेज आता है, तो पहले उसकी जांच पड़ताल कर लें. उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग के फोन नंबर वेरिफाइड होते हैं. विभाग उपभोक्ताओं को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही मैसेज भेजता है. ऐसे में उपभोक्ता यह जांच लें कि जिस नंबर पर मैसेज आया है, क्या वह बिजली ऑफिस में रजिस्टर्ड है. शक होने पर वह अपने बिजली बिल या स्थानीय ऑफिस से भी चेक कर सकते हैं.

Cyber fraudsters empty bank accounts
वेस्टर्न यूपी में बिजली विभाग से जुड़ी समस्याओं के लिए इस नंबर पर करें कॉल

एसपी क्राइम अनित कुमार बताते हैं कि ठगों से बचने के लिए अलर्ट रहना जरूरी है. जब भी रुपये पैसे लेने देने या लिंक क्लिक करने जैसा मैसेज आता हो तो जांच पऱख लें. संबंधित विभाग या कंपनी से बात करें. शक हो तो पुलिस को जानकारी दें. अनित कुमार का कहना है कि हर किसी को जागरूक होने की जरूरत है ,लोगों को ये सब जानकारी हो इसके लिए तमाम माध्यमों से समय समय पर जागरूक किया जाता है. समय समय पर स्कूल कॉलेजों से लेकर अलग अलग कार्यशालाओं के जरिए जागरूकता को प्रयास किए जाते हैं.

पढ़ें : कानपुर में बढ़ा साइबर अपराध, 500 से अधिक ATM हैकर सक्रिय

मेरठ : एक ओर साइबर और डिजिटल सेक्टर में बदलाव हो रहे हैं, तो दूसरी ओर साइबर ठग डिजिटल तरीके से ही लोगों की अकाउंट में सेंध लगा रहे हैं. साइबर ठग उन सभी सेक्टर्स में एक्टिव हैं, जहां लोग डिजिटल तरीके से ट्रांजैक्शन करते हैं. इन दिनों मेरठ समेत पूरे प्रदेश में लोगों के पास बिजली विभाग के नकली मैसेज आ रहे हैं. इस मैसेज में या तो अकाउंट या किसी ऐप को डाउनलोड करने वाला लिंक होता है. साथ ही धमकी भी होती है कि अगर कंज्यूमर ने लिंक से KYC अपडेट नहीं किया तो कनेक्शन कट जाएगा या जुर्माना देना पड़ेगा. अगर उपभोक्ता ने लिंक को क्लिक किया तो बैंक अकाउंट खाली हो जाता है.

जानकारी देते एसपी क्राइम अनित कुमार.

ग़ौरतलब है कि बीते दिनों तो ऐसा ही एक मामला मेरठ के ट्रांसपोर्ट नगर थाना क्षेत्र में भी सामने आया था. साइबर ठगों ने नई बस्ती निवासी विशाल के बैंक अकाउंट से 7 हजार रुपये की रकम उड़ा ली थी. उन्होंने एसपी क्राइम दफ्तर में लिखित में शिकायत करके मदद की गुहार लगाई थी. कई बार ठग लोगों को धमकाने के लिए कॉल भी करते हैं. अगर लोगों को ऐप डाउनलोड करने में दिक्कत होती है तो साइबर ठग फोन कर प्रोसेस बताते हैं. इस तरह वह मोबाइल फोन को हैक कर लेते हैं. एसपी क्राइम अनित कुमार बताते हैं कि साइबर ठगी से बचने का सीधा और सरल तरीका है कि सावधानी बरतें. अपना पर्सनल डेटा किसी से भी शेयर न करें. किसी को ओटीपी, बैंक अकाउंट, एटीएम पिन या अन्य जानकारी नहीं दें. मेरठ क्षेत्र में ठगी के शिकार अधिकतर उपभोक्ताओं ने ठगों के झांसे में आकर ओटीपी और पर्सनल डेटा शेयर किया था.

पहले चेक कर लें नंबर: विद्युत विभाग के चीफ मेरठ क्षेत्र अनुराग अग्रवाल बताते हैं कि अगर किसी उपभोक्ता को इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के नाम पर कोई कॉल या मैसेज आता है, तो पहले उसकी जांच पड़ताल कर लें. उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग के फोन नंबर वेरिफाइड होते हैं. विभाग उपभोक्ताओं को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही मैसेज भेजता है. ऐसे में उपभोक्ता यह जांच लें कि जिस नंबर पर मैसेज आया है, क्या वह बिजली ऑफिस में रजिस्टर्ड है. शक होने पर वह अपने बिजली बिल या स्थानीय ऑफिस से भी चेक कर सकते हैं.

Cyber fraudsters empty bank accounts
वेस्टर्न यूपी में बिजली विभाग से जुड़ी समस्याओं के लिए इस नंबर पर करें कॉल

एसपी क्राइम अनित कुमार बताते हैं कि ठगों से बचने के लिए अलर्ट रहना जरूरी है. जब भी रुपये पैसे लेने देने या लिंक क्लिक करने जैसा मैसेज आता हो तो जांच पऱख लें. संबंधित विभाग या कंपनी से बात करें. शक हो तो पुलिस को जानकारी दें. अनित कुमार का कहना है कि हर किसी को जागरूक होने की जरूरत है ,लोगों को ये सब जानकारी हो इसके लिए तमाम माध्यमों से समय समय पर जागरूक किया जाता है. समय समय पर स्कूल कॉलेजों से लेकर अलग अलग कार्यशालाओं के जरिए जागरूकता को प्रयास किए जाते हैं.

पढ़ें : कानपुर में बढ़ा साइबर अपराध, 500 से अधिक ATM हैकर सक्रिय

Last Updated : Nov 9, 2022, 9:31 PM IST
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