मेरठ: शुक्रवार को मेरठ के मवाना तहसील में एक किसान ने आत्मदाह की कोशिश (Farmer tried to commit suicide in Meerut) की. आग लगने से वजह बुरी तरह झुलस गया. उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है.
मेरठ जिले की मवाना तहसील में एक किसान ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर आग लगा ली. आत्मदाह करने की कोशिश करने वाले किसान को लोगों ने किसी तरह बचाया और उसे पहले नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया. वहां हालत गंभीर होने पर किसान को मेरठ मेडिकल कॉलेज (Meerut Medical College) में रेफर कर दिया गया.
मामला मेरठ जिले की मवाना तहसील का है. यहां हस्तिनापुर थानाक्षेत्र के ग्राम अलीपुर मोरना निवासी किसान ने शुक्रवार को तहसील मवाना में पहुंचकर खुद को आग लगा ली. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. वहां मौजूद लोगों ने किसान के शरीर पर लगी आग को बुझाने की कोशिश की. इस दौरान किसान गंभीर रूप से झुलस गया. आनन-फानन किसान को मवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां से मेरठ मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए ले जाया गया.
मेरठ एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि मेरठ में वन विभाग जिले में अपनी जमीनों को कब्जा मुक्त करा रहा है. वन विभाग की इसी कार्रवाई का विरोध थाना हस्तिनापुर क्षेत्र के अलीपुर मोरना गांव के रहने वाला किसान जगबीर कर रहा था. जगबीर जिस जमीन पर खेती किया करते थे, उसे वन विभाग अब अपनी जमीन बता रहा है. इस जमीन को जगबीर से कब्जा मुक्त करने के लिए वन विभाग मौके पर पहुंचा था. उसने इसको लेकर अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके चलते ही उसने वन विभाग का विरोध करते हुए मवाना तहसील पहुंचकर खद को आग लगा ली.
मेरठ एसपी देहात ने बताया कि गंभीर रूप से झुलसे किसान जगबीर सिंह को इलाज के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. वहां उनका उपचार चल रहा है. जैसे ही इस मामले की सूचना स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश खटीक को मिली, वह भी किसान का हाल जानने अस्पताल पहुंचे.
53 वर्षीय किसान जगबीर पुत्र धनपाल ने तहसील में पहुंचकर आरोप लगाया था कि वन विभाग की टीम ने उसकी तीन हैक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल को उस पर ट्रैक्टर चलाकर बर्बाद कर दिया. अधिकारियों के मुताबिक वह जमीन वन विभाग की है. इसे कब्जा मुक्त कराया गया. इस मामले की सूचना मिलने पर डीएम, डीएफओ, सीएमओ, एसडीएम और अन्य अफसर भी किसान को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे. डीएम दीपक मीणा ने कहा कि किसान की हालत गंभीर है. तहसील दिवस पर उस जमीन पर कब्जे को लेकर कुछ दिन पहले शिकायत की गई थी. इसके बाद वन विभाग ने वहां कब्जा मुक्त कराया था. (Crime News UP)