मेरठः पूरे प्रदेश में एंबुलेंस सेवा 102 और 108 के कर्मचारी पिछले तीन दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. जिस कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कमिश्नर ने मंडल के सभी जिलाधिकारी, एसएसपी और मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश पत्र भेजकर कार्रवाई के लिए कहा है. कोरोना महामारी के कारण एस्मा लागू है. ऐसी स्थिति में हड़ताल पूरी तरह से अवैध है.
26 जुलाई को मेरठ में 102 और 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. जिसकी वजह से जिले में करीब 90 एम्बुलेंस के पहिए थम गए है. सभी एम्बुलेंस के कर्मचारी मेरठ के मेडिकल कॉलेज के मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं. जिसके चलते मेरठ का स्वास्थ्य सिस्टम निजी एम्बुलेंस के भरोसे हो गया है. हालांकि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तीन एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. अब इस मामले में कमिश्नर ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
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कमिश्नर ने निर्देश देते हुए कहा कि एंबुलेंस सेवा 102 और 108 के कर्मचारी जो भी हड़ताल में शामिल हैं. ऐसे कर्मियों पर एस्मा एक्ट और अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के अनुसार एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए. उधर, मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा परिसर में धरना देने से रोक लगाने के बाद अब सिवाया टोल प्लाजा पर एंबुलेंस कर्मियों ने धरना शुरू किया गया है.
अन्य जिलों में हो रही हड़ताल
यूपी में एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. जिसकी वजह प्रदेश में 102 और 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़ी जीवन रक्षक वाहनों को पहिए थम गए हैं. प्रदेश में एस्मा लागू होने के बादवजूद भी राजधानी लखनऊ, कन्नौज, प्रयागराज, कौशांबी, मिर्जापुर, अलीगढ़ समेत प्रदेश के कई जिलों में एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं.