मेरठ : जिले में 39 एमएड (M.ED) कॉलेजों की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है. शिक्षकों की नियुक्ति के फर्जीवाड़े के कारण यह कॉलेज चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की रडार पर है. एमएड की काउंसलिंग से पहले शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े से बचने के लिए सीसीएसयू के शिक्षकों को फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए तलब किया है.
विश्वविद्यालय ने मेरठ सहारनपुर मंडल के 9 जिलों के एम एड कॉलेजों को अल्टीमेटम भी जारी किया है. अगर किसी भी कॉलेज में शिक्षक की नियुक्ति गलत मिली तो सीधे कॉलेज की मान्यता रद्द कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में अब एमएड दो वर्षीय कोर्स के 2021-23 सत्र की काउंसलिंग शुरू होने वाली है. काउंसलिंग से पहने चौधरी चरण सिंह विवि ने सभी एमएड कॉलेजों के शिक्षकों की जांच के आदेश दिए हैं.
जांच में शिक्षकों के लिए एजुकेशन डॉक्यूमेंट बैंकिंग डिटेल आईडी और एक साल के बैंक ट्रांजैक्शन देखे जाएंगे. अगर कॉलेज के पास एनसीटीआई के अनुसार योग्य शिक्षक नहीं है या संख्या से कम शिक्षक वाले मिले तो ऐसे कॉलेजों को एमएड 2021-23 की काउंसलिंग से बाहर का रास्ता भी दिखाया जाएगा.
मेरठ सहारनपुर मंडल के जिलों में मेरठ शामली बुलंदशहर हापुड़ बागपत नोएडा गाजियाबाद मुजफ्फरनगर कॉलेज शामिल है. सीसीएसयू के पास अक्षर एमएड-बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के में फर्जी वेकेशन की शिकायतें आती रही हैं. कॉलेजों में मानकों के विपरीत जाकर शिक्षक अप्वॉइंट किए गए. शिकायत पर जांच हुई तो खेल उजागर हुआ. पिछली घटनाओं से सीख लेते हुए इस बार विवि काउंसलिंग से पहले ही शिक्षकों का सत्यापन कराया जा रहा है.