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एक ही मरीज में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बचाई आंखें

कोरोना संक्रमण का खतरा कम हुआ नहीं कि अब ब्लैक और व्हाइट फंगस ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में ब्लैक फंगस के साथ व्हाइट फंगस का पहला मामला सामने आया है.

एक ही मरीज में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस के लक्षण
एक ही मरीज में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस के लक्षण
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Published : May 25, 2021, 1:50 PM IST

मेरठः कोरोना देशभर में कहर बरपा रहा है. अभी लोग इससे लड़ ही रहे थे कि ब्लैग और व्हाइट फंगस ने भी लोगों को मुसीबत में डाल दिया है. पश्चमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में व्हाइट फंगस का पहला दुर्लभ मामला सामने आया है. चिंता की बात ये है कि ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज में व्हाइट फंगस के लक्षण पाए गए हैं. बिजनौर के रहने वाले एक मरीज में ब्लैक फंगस के साथ व्हाइट फंगस की पुष्टि हुई है. हालांकि डॉक्टरों की टीम ने मरीज का सफल इलाज कर उसके आंखों की रोशनी बचा ली है.

एक ही मरीज में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस

आपको बता दें कि मेरठ के आनंद अस्पताल में बिजनौर निवासी 42 वर्षीय मरीज को ब्लैक फंगस के लक्षण मिलने पर भर्ती किया गया था. आनंद अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो ब्लैक के साथ व्हाइट फंगस की भी पुष्टि हुई. डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस के साथ व्हाइट फंगस का भी सफल ऑपरेशन कर उसकी आंखों की रोशनी बचा ली. नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पुनीत भार्गव के मुताबिक बिजनौर निवासी मरीज आंख में परेशानी लेकर उनके पास आया था.

इसे भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित शवों पर चोरों की नजर, पढ़िए पूरी खबर

MRI रिपोर्ट के बाद ऑपरेशन से बच गई रोशनी

अस्पताल में जब उनकी उनकी दाहिनी नाक की जांच की तो नाक में ब्लैक और व्हाइट दोनों फंगस के लक्षण पाए गए. जिसके बाद उन्होंने मरीज का MRI किया. MRI रिपोर्ट से पता चला कि फंगस साइनस के अंदर कोने में घुस चुका था. जिससे उसकी आंख खराब होनी शुरू हो गई थी. जिसके चलते तत्काल मरीज की आंखों का ऑपरेशन करना पड़ा. ऑपरेशन के बाद मरीज की दोनों आंखों की रोशनी बचा ली गई.

इसे भी पढ़ें- ड्रोन के जरिए होगी गंगा की निगरानी, सीएम योगी ने किया शुभारंभ

नाक, मुहं और सांस के जरिये होता है संक्रमण

विशेषज्ञों के मुताबिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से दोनों फंगस हो जाते हैं. सामान्य तौर पर ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस पर्यावरण में मौजूद है. जो नाक, मुंह और सांस नली के जरिये शरीर मे पहुंच जाता है. डॉक्टर पुनीत भार्गव ने बताया कि एक साथ दोनों फंगस होने से स्वस्थ होने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है. सही समय पर इलाज मिलने से व्हाइट फंगस सामान्य दवा से ही ठीक हो जाता है.

मेरठः कोरोना देशभर में कहर बरपा रहा है. अभी लोग इससे लड़ ही रहे थे कि ब्लैग और व्हाइट फंगस ने भी लोगों को मुसीबत में डाल दिया है. पश्चमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में व्हाइट फंगस का पहला दुर्लभ मामला सामने आया है. चिंता की बात ये है कि ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज में व्हाइट फंगस के लक्षण पाए गए हैं. बिजनौर के रहने वाले एक मरीज में ब्लैक फंगस के साथ व्हाइट फंगस की पुष्टि हुई है. हालांकि डॉक्टरों की टीम ने मरीज का सफल इलाज कर उसके आंखों की रोशनी बचा ली है.

एक ही मरीज में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस

आपको बता दें कि मेरठ के आनंद अस्पताल में बिजनौर निवासी 42 वर्षीय मरीज को ब्लैक फंगस के लक्षण मिलने पर भर्ती किया गया था. आनंद अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो ब्लैक के साथ व्हाइट फंगस की भी पुष्टि हुई. डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस के साथ व्हाइट फंगस का भी सफल ऑपरेशन कर उसकी आंखों की रोशनी बचा ली. नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पुनीत भार्गव के मुताबिक बिजनौर निवासी मरीज आंख में परेशानी लेकर उनके पास आया था.

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MRI रिपोर्ट के बाद ऑपरेशन से बच गई रोशनी

अस्पताल में जब उनकी उनकी दाहिनी नाक की जांच की तो नाक में ब्लैक और व्हाइट दोनों फंगस के लक्षण पाए गए. जिसके बाद उन्होंने मरीज का MRI किया. MRI रिपोर्ट से पता चला कि फंगस साइनस के अंदर कोने में घुस चुका था. जिससे उसकी आंख खराब होनी शुरू हो गई थी. जिसके चलते तत्काल मरीज की आंखों का ऑपरेशन करना पड़ा. ऑपरेशन के बाद मरीज की दोनों आंखों की रोशनी बचा ली गई.

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नाक, मुहं और सांस के जरिये होता है संक्रमण

विशेषज्ञों के मुताबिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से दोनों फंगस हो जाते हैं. सामान्य तौर पर ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस पर्यावरण में मौजूद है. जो नाक, मुंह और सांस नली के जरिये शरीर मे पहुंच जाता है. डॉक्टर पुनीत भार्गव ने बताया कि एक साथ दोनों फंगस होने से स्वस्थ होने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है. सही समय पर इलाज मिलने से व्हाइट फंगस सामान्य दवा से ही ठीक हो जाता है.

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