मेरठ: बर्ड फ्लू की दहशत के बीच मेरठ वन विभाग ने बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया है. जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर बर्ड सेंचुरी में सात समंदर पार से आई चिड़ियों के स्वागत में पंछियों का यह त्योहार मनाया जा रहा है. बर्ड सेंचुरी में विदेशी चिड़ियों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आ रहे हैं. बर्ड सेंचुरी में चिड़ियाएं लोगों और छात्र-छात्राओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.
हस्तिनापुर में मनाया गया बर्ड फेस्टिवल
पांडव नगरी हस्तिनापुर की बर्ड सेंचुरी में हर साल विदेशी चिड़ियां आती हैं. विदेशी चिड़ियों को देखने के लिए छात्र-छात्राओं के साथ ही आसपास के जनपदों से पर्यटक भी आते हैं. बर्ड सेंचुरी में देशी और विदेशी पक्षी देखने के लिए मिलते हैं. इसके चलते 2 फरवरी को मेरठ वन विभाग और नमामि गंगे की टीम ने बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया है.
बुलंद हो सेव बर्ड्स का नारा
पंछियों के इस मेले में छात्र-छात्राओं ने पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल की. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने कहा कि हमें सेव ट्रीज के साथ ही सेव बर्ड्स का भी नारा बुलंद करना चाहिए. स्कूली बच्चों ने पेंटिंग के जरिए भी बर्ड फेस्टिवल में अलग संदेश देने की कोशिश की. इन पेंटिग्स में एक से बढ़कर एक संदेश दिए गए.
गंगा किनारे देखीं बर्ड
बच्चों की टोली के साथ वन विभाग की टीम गंगा नदी के किनारे पहुंची. यहां दूरबीन के जरिए बच्चों और बड़ों ने गंगा नदी में अटखेलियां करतीं चिड़ियाओं का आंनद लिया. हस्तिनापुर बर्ड सेंचुरी में चिड़ियों को देखकर सभी लोग उत्साहित दिखे. डीएफओ राजेश कुमार का कहना है कि हर वर्ष बर्ड फेस्टिवल को इसीलिए सेलिब्रेट किया जाता है, जिससे हम सभी बर्ड्स के महत्व को समझ पाएं. जिला वन अधिकारी की मानें तो इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन इसीलिए किया जाता है, जिससे लोगों को समझ आ सके कि वन और पक्षी पर्यावरण के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.