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भीम आर्मी जय भीम अध्यक्ष मंजीत नौटियाल बहराइच से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, बोले- बीएसपी के साथ है भीम आर्मी - मनजीत नौटियाल बहराइच से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

बीएसपी का समर्थन करने वाले भीम आर्मी जय भीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत नौटियाल (Bhim Army Jai Bhim National President Manjeet Nautiyal) का दावा है कि 2024 में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) वह बहराइच से लड़ेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 19, 2023, 9:13 AM IST

भीम आर्मी जय भीम अध्यक्ष मंजीत नौटियाल से खास बातचीत

मेरठ: एक वक्त था जब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर और मंजीत नौटियाल एक साथ हुआ करते थे. लेकिन, समय के साथ जब चंद्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी बनाई तो उसके बाद से ही मंजीत नौटियाल और चंद्रशेखर में भी दूरियां पनपनी शुरू हुईं. अब चंद्रशेखर आजाद को भीम आर्मी का चीफ कहा जाता है. वहीं, दूसरी तरफ मनजीत नौटियाल भी हू-ब-हू नीला गमछा गले में डालकर रहते हैं. उनके साथ भी युवाओं की अच्छी खासी संख्या है.

चंद्रशेखर से राहें जुदा होने के बाद 32 वर्षीय दलित नेता मंजीत नौटियाल ने बीते महीने 5 अक्टूबर से बहराइच से संविधान बचाओ यात्रा निकाली, जोकि शुक्रवार को मेरठ पहुंची थी. अब तक 35 से ज्यादा जिलों से यात्रा करके सैंकड़ों समर्थकों के साथ चल रहे मंजीत नौटियाल ने भी भीम आर्मी जय भीम का गठन किया था और वह इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. मनजीत नौटियाल की भीम आर्मी बीएसपी का समर्थन करती रही है.

मनजीत नौटियाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान वह कहते हैं कि बहुजन समाज क्रांति करना चाहता है और देश की जनता अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ना चाहती है. वह कहते हैं कि एससी-एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग और माइनॉरिटी के युवाओं को शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण नहीं मिल पा रहा है. वह कहते हैं कि यह लड़ाई अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े अल्पसंख्यक आदिवासी लोगों की है. इसीलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि प्रदेश में और प्रदेश के बाहर ऐसे सभी वर्गों के साथ मिलकर आवाज बुलंद करते हुए सभी को जागरूक करना है.

पुराने साथी चंद्रशेखर को यूपी वेस्ट में आरएलडी का साथ मिल गया है, जबकि हनुमान बेनीवाल का साथ राजस्थान में मिल गया है. इस पर मंजीत नौटियाल कहते हैं कि उनका गठबंधन दलितों, शोषितों और पीड़ितों से है, जिनको अधिकार नहीं मिले उनसे है. वह कहते हैं कि उनका गठबंधन पार्टियों से नहीं है. भीम आर्मी आंदोलन जनता के हितों के लिए चला रही है. अधिकारों से कोई भी वंचित हो सकता है. इसमें जातिगत आधार से ऊपर उठकर सभी के अधिकारों की लड़ाई है. इस लड़ाई में किसी राजनीतिक पार्टी का झंडा न लेकर वे सभी की लड़ाई लड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

मनजीत नौटियाल ने कहा कि बहराइच की जनता चाहती है कि वह वहां से चुनाव लड़ें और इसलिए उन्होंने भी यह निर्णय ले लिया है. 2024 में वह लोकसभा का चुनाव वहां से लड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश है कि वह बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर यह चुनाव लड़ेंगे. वह कहते हैं कि हालांकि अभी इस पर बीएसपी सुप्रीमो की मुहर लगनी अभी शेष है. बीएसपी की तो खुद ही अच्छी स्थिति अब यूपी में नहीं है? इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि पूर्व में जनता को गुमराह किया गया. गलत ढंग से प्रचारित किया गया. दलितों और मुस्लिम समाज को गुमराह किया गया. लेकिन, दलित, पिछड़े और मुस्लिम अब यह समझ चुके हैं कि अगर बीजेपी के सामने कोई विकल्प के तौर पर है तो वह बसपा है.

भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कहते हैं कि इस बार प्रदेश में बीएसपी सर्वाधिक सीटों पर लोकसभा चुनाव जीतने जा रही है. इसके लिए भीम आर्मी के वर्कर्स भी मेहनत कर रहे हैं. आखिर उनकी भीम आर्मी किस तरह से जनता से कनेक्ट हो रही है? इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि वे उनके अधिकारों की बात कर रहे हैं. जिन मजदूर किसानों का उत्पीड़न किया गया है, उनके बीच वह पहुंच रहे हैं. वह आरोप लगाते हैं कि आजादी के बाद अभी भी सड़क, बिजली और शिक्षा आखिरी गांव तक नहीं पहुंच पा रही है.

सरकार दलित और मुस्लिम समाज का मनमाने ढंग से उत्पीड़न कर रही है. उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. उन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. मनजीत नौटियाल का दावा है कि इस बार बड़े पैमाने बसपा के साथ दलितों के अलावा मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के लोग साथ आ रहे हैं. वह कहते हैं कि आने वाले समय में पिछड़े, दलित और मुस्लिम मिलकर अपनी सरकार बनाएंगे और अपनी फ़सल के दाम भी खुद ही तय करेंगे.

चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी का पूरा नाम भीम आर्मी भारत एकता मिशन है, जबकि आजाद समाज पार्टी के वह राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, जोकि चुनावों में हाथ भी कई राज्यों में अब तक आजमा चुकी है. वहीं, जबकि चद्रशेखर से राहें जुदा होने के बाद मंजीत नौटियाल भीम आर्मी जय भीम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और बहुजन समाज पार्टी का वह समर्थन करते हैं. ऐसे में दिलचस्प यह है कि एक तरफ जहां बीएसपी सुप्रीमो मायावती के जनता में लगातार जा रहे ग्राफ को आजाद समाज पार्टी की सक्रियता से भी कहीं न कहीं अपने वोट बैंक में सेंध लगने का डर है. वहीं, भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल बीएसपी का समर्थन करके आजाद समाज पार्टी की पावर को ही कम करते दिखाई दे रहे हैं.

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भीम आर्मी जय भीम अध्यक्ष मंजीत नौटियाल से खास बातचीत

मेरठ: एक वक्त था जब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर और मंजीत नौटियाल एक साथ हुआ करते थे. लेकिन, समय के साथ जब चंद्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी बनाई तो उसके बाद से ही मंजीत नौटियाल और चंद्रशेखर में भी दूरियां पनपनी शुरू हुईं. अब चंद्रशेखर आजाद को भीम आर्मी का चीफ कहा जाता है. वहीं, दूसरी तरफ मनजीत नौटियाल भी हू-ब-हू नीला गमछा गले में डालकर रहते हैं. उनके साथ भी युवाओं की अच्छी खासी संख्या है.

चंद्रशेखर से राहें जुदा होने के बाद 32 वर्षीय दलित नेता मंजीत नौटियाल ने बीते महीने 5 अक्टूबर से बहराइच से संविधान बचाओ यात्रा निकाली, जोकि शुक्रवार को मेरठ पहुंची थी. अब तक 35 से ज्यादा जिलों से यात्रा करके सैंकड़ों समर्थकों के साथ चल रहे मंजीत नौटियाल ने भी भीम आर्मी जय भीम का गठन किया था और वह इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. मनजीत नौटियाल की भीम आर्मी बीएसपी का समर्थन करती रही है.

मनजीत नौटियाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान वह कहते हैं कि बहुजन समाज क्रांति करना चाहता है और देश की जनता अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ना चाहती है. वह कहते हैं कि एससी-एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग और माइनॉरिटी के युवाओं को शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण नहीं मिल पा रहा है. वह कहते हैं कि यह लड़ाई अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े अल्पसंख्यक आदिवासी लोगों की है. इसीलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि प्रदेश में और प्रदेश के बाहर ऐसे सभी वर्गों के साथ मिलकर आवाज बुलंद करते हुए सभी को जागरूक करना है.

पुराने साथी चंद्रशेखर को यूपी वेस्ट में आरएलडी का साथ मिल गया है, जबकि हनुमान बेनीवाल का साथ राजस्थान में मिल गया है. इस पर मंजीत नौटियाल कहते हैं कि उनका गठबंधन दलितों, शोषितों और पीड़ितों से है, जिनको अधिकार नहीं मिले उनसे है. वह कहते हैं कि उनका गठबंधन पार्टियों से नहीं है. भीम आर्मी आंदोलन जनता के हितों के लिए चला रही है. अधिकारों से कोई भी वंचित हो सकता है. इसमें जातिगत आधार से ऊपर उठकर सभी के अधिकारों की लड़ाई है. इस लड़ाई में किसी राजनीतिक पार्टी का झंडा न लेकर वे सभी की लड़ाई लड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

मनजीत नौटियाल ने कहा कि बहराइच की जनता चाहती है कि वह वहां से चुनाव लड़ें और इसलिए उन्होंने भी यह निर्णय ले लिया है. 2024 में वह लोकसभा का चुनाव वहां से लड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश है कि वह बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर यह चुनाव लड़ेंगे. वह कहते हैं कि हालांकि अभी इस पर बीएसपी सुप्रीमो की मुहर लगनी अभी शेष है. बीएसपी की तो खुद ही अच्छी स्थिति अब यूपी में नहीं है? इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि पूर्व में जनता को गुमराह किया गया. गलत ढंग से प्रचारित किया गया. दलितों और मुस्लिम समाज को गुमराह किया गया. लेकिन, दलित, पिछड़े और मुस्लिम अब यह समझ चुके हैं कि अगर बीजेपी के सामने कोई विकल्प के तौर पर है तो वह बसपा है.

भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कहते हैं कि इस बार प्रदेश में बीएसपी सर्वाधिक सीटों पर लोकसभा चुनाव जीतने जा रही है. इसके लिए भीम आर्मी के वर्कर्स भी मेहनत कर रहे हैं. आखिर उनकी भीम आर्मी किस तरह से जनता से कनेक्ट हो रही है? इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि वे उनके अधिकारों की बात कर रहे हैं. जिन मजदूर किसानों का उत्पीड़न किया गया है, उनके बीच वह पहुंच रहे हैं. वह आरोप लगाते हैं कि आजादी के बाद अभी भी सड़क, बिजली और शिक्षा आखिरी गांव तक नहीं पहुंच पा रही है.

सरकार दलित और मुस्लिम समाज का मनमाने ढंग से उत्पीड़न कर रही है. उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. उन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. मनजीत नौटियाल का दावा है कि इस बार बड़े पैमाने बसपा के साथ दलितों के अलावा मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के लोग साथ आ रहे हैं. वह कहते हैं कि आने वाले समय में पिछड़े, दलित और मुस्लिम मिलकर अपनी सरकार बनाएंगे और अपनी फ़सल के दाम भी खुद ही तय करेंगे.

चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी का पूरा नाम भीम आर्मी भारत एकता मिशन है, जबकि आजाद समाज पार्टी के वह राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, जोकि चुनावों में हाथ भी कई राज्यों में अब तक आजमा चुकी है. वहीं, जबकि चद्रशेखर से राहें जुदा होने के बाद मंजीत नौटियाल भीम आर्मी जय भीम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और बहुजन समाज पार्टी का वह समर्थन करते हैं. ऐसे में दिलचस्प यह है कि एक तरफ जहां बीएसपी सुप्रीमो मायावती के जनता में लगातार जा रहे ग्राफ को आजाद समाज पार्टी की सक्रियता से भी कहीं न कहीं अपने वोट बैंक में सेंध लगने का डर है. वहीं, भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल बीएसपी का समर्थन करके आजाद समाज पार्टी की पावर को ही कम करते दिखाई दे रहे हैं.

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