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अतीक अहमद के रिश्तेदार कमर को नहीं मिली जमानत, करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का आरोप

मेरठ के कारोबारी अतीक अहमद के रिश्तेदार की कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कमर अहमद काजमी करोड़ों की टैक्स चोरी के मामले में जेल में बंद हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 13, 2024, 6:51 PM IST

मेरठ : अतीक अहमद के रिश्तेदार और कारोबारी कमर अहमद काजमी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. कमर अहमद काजमी पर लगभग 84 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप है, इस मामले में जेल बंद है. सत्र न्यायाधीश रजत सिंह जैन ने जमानत के प्रार्थना पत्र शुक्रवार को सुनवाई करते हुए खारिज किया है.


करोड़ों का राजस्व चोरी करने का आरोप : बता दें कि कमर अहमद काजमी पर फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों का राजस्व चोरी करने का आरोप लगा था. जिसके बाद एसटीएफ ने कमर अहमद काजमी को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि काजमी ने फर्जी कंपनी बनाकर फर्जी फर्म दिखाई, जिसके बाद फर्जी बिल बनाकर आयात निर्यात दिखाया. फर्जी कंपनी से बिना माल सप्लाई किए और राजस्व की चोरी की. गुरुवार 11 जनवरी को दोनों पक्षों की ओर से जमानत याचिका पर लम्बी बहस हुई. इसके बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया. 12 जनवरी को कमर अहमद काजमी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील विकास पाहवा और एसटीएफ की ओर से लक्ष्य कुमार सिंह विशेष अभियोजन अधिकारी जीएसटी इंचार्ज डीसीजी सर्वेश शर्मा ने पक्ष रखा. एसटीएफ की ओर से मामला जीएसटी से सम्बंधित होने के कारण लक्ष्य सिंह द्वारा भी पैरवी की गई थी.

मेरठ : अतीक अहमद के रिश्तेदार और कारोबारी कमर अहमद काजमी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. कमर अहमद काजमी पर लगभग 84 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप है, इस मामले में जेल बंद है. सत्र न्यायाधीश रजत सिंह जैन ने जमानत के प्रार्थना पत्र शुक्रवार को सुनवाई करते हुए खारिज किया है.


करोड़ों का राजस्व चोरी करने का आरोप : बता दें कि कमर अहमद काजमी पर फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों का राजस्व चोरी करने का आरोप लगा था. जिसके बाद एसटीएफ ने कमर अहमद काजमी को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि काजमी ने फर्जी कंपनी बनाकर फर्जी फर्म दिखाई, जिसके बाद फर्जी बिल बनाकर आयात निर्यात दिखाया. फर्जी कंपनी से बिना माल सप्लाई किए और राजस्व की चोरी की. गुरुवार 11 जनवरी को दोनों पक्षों की ओर से जमानत याचिका पर लम्बी बहस हुई. इसके बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया. 12 जनवरी को कमर अहमद काजमी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील विकास पाहवा और एसटीएफ की ओर से लक्ष्य कुमार सिंह विशेष अभियोजन अधिकारी जीएसटी इंचार्ज डीसीजी सर्वेश शर्मा ने पक्ष रखा. एसटीएफ की ओर से मामला जीएसटी से सम्बंधित होने के कारण लक्ष्य सिंह द्वारा भी पैरवी की गई थी.

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