मेरठः प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के आरोपों में घिरे माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) का मेरठ कनेक्शन सामने आया है. माफिया ने बसपा शासनकाल में आवास विकास की अधिग्रहित 70 एकड़ जमीन को अर्जन मुक्त कराकर बिल्डरों को बेचकर मोटी कमाई की थी. अतीक ने सांसद रहते हुए मेरठ में जमीनों में खुलकर निवेश किया था. 2011 में इलाहाबाद हाइकोर्ट में दाखिल याचिका में भी अतीक के जमीनों में निवेश का जिक्र किया गया था.
उमेश पाल हत्याकांड को लेकर सुर्खियों में आया माफिया अतीक अहमद से जुड़ा एक पत्र वायरल हो रहा है. इसमें मेरठ में आवास विकास की 70 एकड़ की जमीन खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है. मेरठ जागृति विहार योजना संख्या 11 के लिए बड़े पैमाने पर जमीन अधिगृहित की गई थी. आवास विकास की 20 जनवरी 2007 को हुई बैठक में इस योजना को अमली जामा पहनाया गया था. तब अखबारों में इसके विज्ञापन भी छापे गए. इस दौरान अतीक अहमद ने आवास विकास की अधिग्रहित 70 एकड़ जमीन को बसपा से जुड़े स्थानीय बिल्डरों को मनमाने दामों पर बेचा था.
अतीक के लेटर का जिक्रः वायरल पत्र के अनुसार, नियोजन समिति के प्रस्तावों पर विश्लेषण समिति की 11 अगस्त 2003 और 4 सितंबर 2003 को बैठक हुई थी. इस बैठक में कहा गया था कि ऐसी भूमि जिनके नक्शे एमडीए से पास नहीं हुए है. उनको अधिग्रहरण में शामिल करते हुए 70 एकड़ जमीन ले ली जाए. इस याचिका में अतीक के उस लेटर का भी जिक्र आया था जो उसने तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को लिखा था.
तत्कालीन मुख्यमंत्री मायवती को अतीक ने लिखा पत्रः मुख्यमंत्री मायावती को लिखे पत्र में अतीक ने 70 एकड़ जमीन का जिक्र करते हुआ कहा था कि जमीन पर छोटे किसानों ने अपने भवन बना लिए हैं. लिहाजा इसे योजना में छोड़ दिया जाए. अतीक ने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि इन किसानों ने एमडीए से रेजीडेंशियल कॉलोनी बनाने के लिए नक्शे भी जमा किए हैं. लेकिन, एमडीए ने अभी तक इनके नक्शों को पास नहीं किया है. इसके बाद शासन की तरफ से प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किया था. इसके बाद अतीक के गुर्गों के जरिए इसकी प्लाटिंग की गई. ये जमीन फूलबिहार, कीर्ति पैलेस, काजीपुर, सराय काजी में इन जमीनों पर कॉलोनियां बसी थीं.
मेरठ में स्थापित किया अपना साम्राज्यः गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद की बहन का घर मेरठ की फूलबाग कॉलोनी में है. मेरठ में अपना साम्राज्य स्थापित कर तब माफिया अतीक ने जमीनों से गाढ़ी कमाई तब की थी. मेडिकल कॉलेज के सामने भी माफिया की जमीनें थीं. अतीक अहमद के नाम पर गद्दी बिरादरी के मुस्लिम नेताओं ने भी उस समय जमीनों पर खुलकर कब्जे किए थे.