मेरठः जिले की हवा एक बार फिर से बेहद खराब हो गई है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) शुक्रवार को 292 तक पहुंच गया, जबकि पांच दिन पहले यह 83 था. लगातार बढ़ रहे एक्यूआई ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. लगातार खराब हो रही हवा की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती जा रही है.
शासन-प्रशासन के दावे फेल
जिले में हवा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए तमाम कदम उठाने के दावे किये जा रहे हैं. लेकिन हवा लगातार प्रदूषित हो रही होने से विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि कोल्हू या किसी अन्य ईकाई में प्रतिबंधित ईंधन नहीं जल रहा है लेकिन जिस चिमनियां काला धुआं उगल रही हैं. इसी तरह नगर निगम सड़कों पर पानी छिड़कने का कार्य कर रहा है, लेकिन यह कार्य अब कुछ ही स्थानों पर किया जा रहा है.दिवाली से पहले वायु प्रदूषण की जो स्थिति वही फिर से होती जा रही है. 15 नवंबर की रात में हुई हल्की बारिश के बाद एयर क्वालिटी में काफी सुधार हुआ था. 300 से ऊपर चल रहा एक्यूआई बारिश के बाद 83 पर पहुंच गया था. अब फिर से एक्यूआई बढ़ रहा है. शुक्रवार को एक्यूआई बढ़कर फिर से 300 के करीब पहुंच गया है.
स्वास्थ्य पर पड़ता है असर
एयर क्वालिटी प्रभावित होने का असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है. फिजीशिन डॉ दिनेश कुमार का कहना है कि एयर क्वालिटी खराब होने से आंखों में जलन होने लगती है. अस्थमा, ब्लड प्रेशर और हार्ट के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इसीलिए इन बीमारियों के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. यदि उन्हें किसी तरह की समस्या हो रही है तो तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह के साथ दवा लेनी चाहिए. सुबह के समय नमी अधिक होने के कारण धुंध का असर अधिक दिखायी देता है, धुंध में भी सैर करना सेहत के लिए ठीक नहीं रहता.
पिछले पांच दिनों में एक्यूआई
20 नवंबर— 292
19 नवंबर— 208
18 नवंबर— 182
17 नवंबर— 144
16 नवंबर— 83
ये हैं एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मानक
0 से 50 तक अच्छा
51 से 100 संतोषजनक
101 से 200 मध्यम
201 से 300 खराब
301 से 400 बहुत खराब
401 से 500 गंभीर