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यूपी में ई फाइलिंग व्यवस्था स्थगित होने से अधिवक्ता नाराज, हड़ताल पर बैठे, बोले- सुप्रीम कोर्ट ले संज्ञान

यूपी में ई फाइलिंग व्यवस्था (E Filing System In UP) को स्थगित किए जाने से अधिवक्ताओं में रोष है. मेरठ में इस निर्णय के विरोध में अधिवक्ता कार्य बहिष्कार (Work Boycott Of Advocates In Meerut) कर अनशन पर बैठे हुए हैं. अधिवक्ताओं का कहना है कि यह निर्णय इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के अधिवक्ताओं के दवाब में लिया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 4:21 PM IST

यूपी में ई फाइलिंग व्यवस्था स्थगित होने से अधिवक्ता नाराज

मेरठ: यूपी में ई फाइलिंग व्यवस्था को स्थगित किए जाने पर वेस्ट यूपी के अधिवक्ताओं में नाराजगी है. इस निर्णय को लेकर अधिवक्ता हड़ताल पर हैं. अधिवक्ताओं का आरोप है कि जो निर्णय इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में ई-फाइलिंग सेंटर खोलने के प्रस्ताव को लेकर लिया है, यह अनुचित है. बता दें कि मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर हाईकोर्ट के संयुक्त निबंधक (न्यायिक) की तरफ से सभी जिला न्यायाधीशों को अधिसूचना जारी की गई है.

अधिवक्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कई दशक से हाईकोर्ट बेंच की मांग वेस्ट यूपी में उठाई जा रही है. लेकिन, इस मांग पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है. अधिवक्ताओं का आरोप है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रभाव में ऐसा निर्णय लिया गया है. मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री विनोद चौधरी ने कहा कि ई फाइलिंग केंद्र खोलने की जब से चर्चा हो रही थी, अधिवक्ता बेहद खुश थे कि इससे सहूलियत होगी. लेकिन, अब जिस तरह से इसे यूपी में स्थगित किया गया है, उससे अधिवक्ता आहत हैं.

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवदत्त जोशी का कहना है कि ई फाइलिंग कोर्ट की व्यवस्था न सिर्फ अधिवक्ताओं के लिए उपयोगी है, बल्कि ऐसे लोगों के लिए भी उपयोगी है, जिनको न्याय के लिए हाईकोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि इससे जनता को सहूलियत मिलती. लेकिन, जिस तरह से ई-फाइलिंग को यूपी में स्थगित किया गया है, इससे अधिवक्ताओं में रोष है.

गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने ई फाइलिंग कोर्ट को लेकर सबसे पहले अपनी दिलचस्पी दिखाई थी. प्रमुखता से वह इस पर सरकार के सम्पर्क में थे. इतना ही नहीं राज्यसभा सांसद सबसे पहले इस मुद्दे पर सरकार से पत्राचार कर रहे थे. ऐसे में सबसे ज्यादा नाराजगी भी अब मेरठ में दिखाई दे रही है. क्योंकि, हाईकोर्ट के महानिबंधक की ओर से सूचना जारी कर जिला न्यायालयों में ई फाइलिंग सेंटर प्रारंभ कराने को कहा गया था. तब यह भी तय हो चुका था कि मेरठ में भी एक नवंबर से इसकी शुरुआत होनी है.

गौरतलब है कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने विरोध किया था. इसके बाद मामला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक पहुंचा था. इसके बाद ई फाइलिंग सेंटर को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया था. इस मुद्दे पर अब अधिवक्ताओं ने बीते सोमवार से हड़ताल पर जाने और अनशन पर बैठने का निर्णय लिया था. अधिवक्ताओं की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान ले, ताकि इस आदेश को बदलकर लोगों को सहूलियत मिल सके. मेरठ में अनशन पर बैठे अधिवक्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा ई फाइलिंग केंद्र स्टेबलिश से लेकर हाईकोर्ट बेंच का विरोध किया जा रहा है, जिससे पश्चिमी यूपी में अधिवक्ता गुस्से में हैं.

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यूपी में ई फाइलिंग व्यवस्था स्थगित होने से अधिवक्ता नाराज

मेरठ: यूपी में ई फाइलिंग व्यवस्था को स्थगित किए जाने पर वेस्ट यूपी के अधिवक्ताओं में नाराजगी है. इस निर्णय को लेकर अधिवक्ता हड़ताल पर हैं. अधिवक्ताओं का आरोप है कि जो निर्णय इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में ई-फाइलिंग सेंटर खोलने के प्रस्ताव को लेकर लिया है, यह अनुचित है. बता दें कि मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर हाईकोर्ट के संयुक्त निबंधक (न्यायिक) की तरफ से सभी जिला न्यायाधीशों को अधिसूचना जारी की गई है.

अधिवक्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कई दशक से हाईकोर्ट बेंच की मांग वेस्ट यूपी में उठाई जा रही है. लेकिन, इस मांग पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है. अधिवक्ताओं का आरोप है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रभाव में ऐसा निर्णय लिया गया है. मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री विनोद चौधरी ने कहा कि ई फाइलिंग केंद्र खोलने की जब से चर्चा हो रही थी, अधिवक्ता बेहद खुश थे कि इससे सहूलियत होगी. लेकिन, अब जिस तरह से इसे यूपी में स्थगित किया गया है, उससे अधिवक्ता आहत हैं.

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवदत्त जोशी का कहना है कि ई फाइलिंग कोर्ट की व्यवस्था न सिर्फ अधिवक्ताओं के लिए उपयोगी है, बल्कि ऐसे लोगों के लिए भी उपयोगी है, जिनको न्याय के लिए हाईकोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि इससे जनता को सहूलियत मिलती. लेकिन, जिस तरह से ई-फाइलिंग को यूपी में स्थगित किया गया है, इससे अधिवक्ताओं में रोष है.

गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने ई फाइलिंग कोर्ट को लेकर सबसे पहले अपनी दिलचस्पी दिखाई थी. प्रमुखता से वह इस पर सरकार के सम्पर्क में थे. इतना ही नहीं राज्यसभा सांसद सबसे पहले इस मुद्दे पर सरकार से पत्राचार कर रहे थे. ऐसे में सबसे ज्यादा नाराजगी भी अब मेरठ में दिखाई दे रही है. क्योंकि, हाईकोर्ट के महानिबंधक की ओर से सूचना जारी कर जिला न्यायालयों में ई फाइलिंग सेंटर प्रारंभ कराने को कहा गया था. तब यह भी तय हो चुका था कि मेरठ में भी एक नवंबर से इसकी शुरुआत होनी है.

गौरतलब है कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने विरोध किया था. इसके बाद मामला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक पहुंचा था. इसके बाद ई फाइलिंग सेंटर को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया था. इस मुद्दे पर अब अधिवक्ताओं ने बीते सोमवार से हड़ताल पर जाने और अनशन पर बैठने का निर्णय लिया था. अधिवक्ताओं की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान ले, ताकि इस आदेश को बदलकर लोगों को सहूलियत मिल सके. मेरठ में अनशन पर बैठे अधिवक्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा ई फाइलिंग केंद्र स्टेबलिश से लेकर हाईकोर्ट बेंच का विरोध किया जा रहा है, जिससे पश्चिमी यूपी में अधिवक्ता गुस्से में हैं.

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