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आधार कार्ड सत्यापन से खुली पेंशन में धांधली की पोल, 5000 नकली बुजुर्गों का अता-पता नहीं

2014 तक मेरठ में 5000 से अधिक लोग गलत तरीके से वृद्धावस्था पेंशन ले रहे थे (old age pension in meerut). इसका खुलासा तब हुआ, जब समाज कल्याण विभाग ने पेंशनर्स के लिए मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य किया. अब विभाग ऐसे लोगों का डेटा ढूंढ रहा है.

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Published : Oct 1, 2022, 8:13 PM IST

मेरठ : मेरठ जिले में समाज कल्याण विभाग इन दिनों पेंशनर्स का डेटा तलाश रहा है. विभाग की मुसीबत यह है कि उसके पास 5000 से ज्यादा ऐसे बुजुर्ग पेंशनर्स का डेटा नहीं है, जो 2014 तक हर महीने सरकार से पेंशन ले रहे थे. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब शासन ने पेंशन के लिए आधार कार्ड के सत्यापन को अनिवार्य कर दिया. जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि अब विभाग उन्हीं लोगों को पेंशन देगा, जिनके मोबाइल नंबर और आधार का ऑथेंटिकेशन होगा.

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन को लेकर हर बार लाभार्थी का सत्यापन किया जाता है. जो भी अपात्र होते थे, वह पेंशनर्श की लिस्ट से हटाए जाते थे. अब यह काम पेंशनर्स के मोबाइल नंबर और आधार ऑथेंटिकेशन के आधार पर किया जा रहा है. इसके हिसाब से विभाग की वृद्धावस्था पेंशन की वेबसाइट को अपडेट किया जा रहा है. पेंशन लेने वाले बुजुर्गों की मदद के लिए विभाग ने एक वाट्सएप नंबर 7668179991 भी जारी किया है. सुनील कुमार सिंह लाभार्थी के फैमिली मेंबर भी पेंशनर का आधार नंबर, मोबाइल फोन नंबर, बैंक की पासबुक और बैंक अकाउंट नंबर वाट्सएप कर दें तो समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी उसे जांच के बाद सत्यापित कर देंगे. मेरठ में वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले कुल 28 हजार 8 सौ 60 लाभार्थी हैं, जिसमें से करीब 9 हजार 102 पेंशनर नगर निगम और नगर पंचायतों में रहते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर पेंशनर्स का आधार ऑथेंटिकेशन हो गया है. बाकी बचे बुजुर्गों का सत्यापन भी जल्द हो जाएगा.

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि विभाग ने जब से आधार ऑथेंटिकेशन का काम शुरू किया तो 2014 तक पेंशन लेने वाले 5000 से अधिक लोग सामने नहीं आए. उनकी तलाश के लिए गली-गली जाकर अनाउंसमेंट कराया गया और उन्हें सत्यापन कराने की सलाह दी गई . आधार ऑथेंटिकेशन के लिए सिर्फ 30 सितंबर की डेडलाइन निर्धारित की गई थी, मगर एक अक्टूबर तक लाभार्थी आधार के सत्यापन के सामने नहीं आए. विभाग का मानना है कि आधार सत्यापन नहीं कराने वाले पांच हजार लोग गलत तरीके से पेंशन ले रहे थे. जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि विभाग ने ऐसे पेंशनर्स के बैंक अकाउंट की जांच की तो पता चला कि उनके खाते में काफी समय से ट्रांजेक्शन नहीं हो रहा है.

गौरतलब है कि वृद्धावस्था पेंशन की योजना गरीब परिवारों के बुजुर्गों के लिए है. मगर आधार सत्यापन के कारण फरेब से पेंशन लेने वालों की संख्या सामने आ गई है. विभाग इन पर क्या कार्रवाई करेगा, अभी इस पर अफसर खामोश हैं.

पढ़ें : मेरठ में खिलाड़ियों को खल रही कोच की कमी, बिना ट्रेनिंग आखिर कैसे जीतेंगे पदक

मेरठ : मेरठ जिले में समाज कल्याण विभाग इन दिनों पेंशनर्स का डेटा तलाश रहा है. विभाग की मुसीबत यह है कि उसके पास 5000 से ज्यादा ऐसे बुजुर्ग पेंशनर्स का डेटा नहीं है, जो 2014 तक हर महीने सरकार से पेंशन ले रहे थे. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब शासन ने पेंशन के लिए आधार कार्ड के सत्यापन को अनिवार्य कर दिया. जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि अब विभाग उन्हीं लोगों को पेंशन देगा, जिनके मोबाइल नंबर और आधार का ऑथेंटिकेशन होगा.

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन को लेकर हर बार लाभार्थी का सत्यापन किया जाता है. जो भी अपात्र होते थे, वह पेंशनर्श की लिस्ट से हटाए जाते थे. अब यह काम पेंशनर्स के मोबाइल नंबर और आधार ऑथेंटिकेशन के आधार पर किया जा रहा है. इसके हिसाब से विभाग की वृद्धावस्था पेंशन की वेबसाइट को अपडेट किया जा रहा है. पेंशन लेने वाले बुजुर्गों की मदद के लिए विभाग ने एक वाट्सएप नंबर 7668179991 भी जारी किया है. सुनील कुमार सिंह लाभार्थी के फैमिली मेंबर भी पेंशनर का आधार नंबर, मोबाइल फोन नंबर, बैंक की पासबुक और बैंक अकाउंट नंबर वाट्सएप कर दें तो समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी उसे जांच के बाद सत्यापित कर देंगे. मेरठ में वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले कुल 28 हजार 8 सौ 60 लाभार्थी हैं, जिसमें से करीब 9 हजार 102 पेंशनर नगर निगम और नगर पंचायतों में रहते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर पेंशनर्स का आधार ऑथेंटिकेशन हो गया है. बाकी बचे बुजुर्गों का सत्यापन भी जल्द हो जाएगा.

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि विभाग ने जब से आधार ऑथेंटिकेशन का काम शुरू किया तो 2014 तक पेंशन लेने वाले 5000 से अधिक लोग सामने नहीं आए. उनकी तलाश के लिए गली-गली जाकर अनाउंसमेंट कराया गया और उन्हें सत्यापन कराने की सलाह दी गई . आधार ऑथेंटिकेशन के लिए सिर्फ 30 सितंबर की डेडलाइन निर्धारित की गई थी, मगर एक अक्टूबर तक लाभार्थी आधार के सत्यापन के सामने नहीं आए. विभाग का मानना है कि आधार सत्यापन नहीं कराने वाले पांच हजार लोग गलत तरीके से पेंशन ले रहे थे. जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि विभाग ने ऐसे पेंशनर्स के बैंक अकाउंट की जांच की तो पता चला कि उनके खाते में काफी समय से ट्रांजेक्शन नहीं हो रहा है.

गौरतलब है कि वृद्धावस्था पेंशन की योजना गरीब परिवारों के बुजुर्गों के लिए है. मगर आधार सत्यापन के कारण फरेब से पेंशन लेने वालों की संख्या सामने आ गई है. विभाग इन पर क्या कार्रवाई करेगा, अभी इस पर अफसर खामोश हैं.

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