मेरठ: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (former cabinet minister Swami Prasad Maurya) के लेटर पर दो लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है, इसके चलते पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. वहीं, पारिवारिक विवाद में मुकदमा दर्ज कराने को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से एडीजी मेरठ जोन को पत्र लिखा गया है, जिस पर ब्लैकमेलिंग हुई. पुलिस मामले की जांच में जुट गई.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में पिछड़े वोट बैंक की राजनीति करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य कभी बसपा में रहे, कभी भाजपा में और इन दिनों वह सपा में अपनी राजनीति का सिक्का चमकाने में लगे हैं. भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था लेकिन चुनाव आने से पहले उन्होंने समाजवादी की साइकिल पर सवार होना ठीक समझा. लेकिन किस्मत धोखा दे गई. बताया जा रहा है कि मेरठ पुलिस इन दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य के एक पत्र की जांच में जुटी है. लिसाड़ी गेट क्षेत्र के एक पारिवारिक विवाद में मुकदमा दर्ज करने को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने एडीजी को पत्र लिखा, जिसमें मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई करने का आदेश दिया गया.
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वहीं, इस पत्र को दिखाकर कुछ अराजक तत्वों ने एक पक्ष पर दबाव बनाया और उससे दो लाख रुपए की वसूली कर ली. मेरठ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया, जिसके बाद ठगी का शिकार हुए पीड़ित व्यक्ति ने शिकायत कर डाली, जिसके बाद मेरठ पुलिस ने इस पत्र को लेकर जांच करनी शुरू की.
आरटीआई और तमाम तरीके से जांच के बाद पाया गया कि पत्र फर्जी है यानी केवल ठगी के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य के लेटर पैड का इस्तेमाल किया गया. पीड़ित पक्ष एसएसपी कार्यालय तो कभी सीओ कार्यालय के चक्कर काट रहा है. इस दौरान एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मामले की जांच सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया को दे रखी है. कहा जा रहा है कि पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं और अब पुलिस ठगी करने वाले दोषियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है.