मेरठः रावण की ससुराल माने जाने वाले मेरठ की पंरपराएं निराली हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि मेरठ के लोग रावण (Ravana in Meerut) को दामाद की तरह मानते हैं. विजय दशमी के दिन मेरठ में रावण के पुतले को मदिरा और लड्डू का भोग लगाया जाता है. इसके बाद उसे दहन किया जाता है. मेरठ में इस बार देश का सबसे विशालकाय 130 फीट का पुतला बनाया गया है.
मेरठ कैंट रामलीला समिति (Meerut Cantt Ramlila Samiti) के सदस्य विजय कुमार गोयल का कहना है कि हर वर्ष रावण के पुतले का कद बढ़ जाता है. हर वर्ष कम से कम दस फीट रावण का कद यहां बढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि इस बार 130 फीट का रावण दहन होगा. यहां हाईटेक रामलीला का भी मंचन किया जाएगा. मेरठ के भैंसाली मैदान में लोगों के बैठने के लिए कक्ष बनाए गए हैं, उनका नाम श्रीराम कक्ष, जानकी कक्ष और हनुमान कक्ष रखा गया है. जिस स्थान पर रामलीला का मंचन होगा, वहां पर पहले तालाब हुआ करता था. इस स्थान पर रावण की पत्नी मंदोदरी आया करती थीं और यहीं पर रावण मंदोदरी की पहली मुलाकात हुई थी.
इस बार मेरठ की रामलीला में दो कैकयी भी नजर आ रही हैं. यहां दो महिलाएं कैकयी का किरदार निभा रही हैं. पिछले 18 साल से कैकयी का किरदार निभा रही कंचन का कहना है कि कैकयी का प्रसंग रामलीला का सबसे रोचक प्रसंग है. उन्होंने बताया कि दशरथ ने कभी भी दो वरदान मांगने के लिए कहा था. इसलिए फ्लैशबैक में भी इस बार कैकयी नजर आएंगी.
वहीं, रामलीला के डायरेक्टर प्रीतम का कहना है कि बेहद हाईटेक तरीके से इस बार मंचन हो रहा है. यहां की रामलीला कितनी हाईटेक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक रामलीला में लाखों रुपये तक का खर्च आता है. यहां लाइट एंड साउंड के माध्यम से रामलीला का मंचन तो हो ही रहा है साथ ही इस रामलीला को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
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