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गैंगरेप की शिकार 12 वर्षीय बच्ची बनी मां, गाजियाबाद पुलिस ने लिया नवजात का DNA सैंपल

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Published : Oct 8, 2022, 6:21 PM IST

मेरठ के लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज (LLRM) में गैंगरेप की शिकार 12 वर्षीय बच्ची ने बच्चे को जन्म दिया है. पुलिस ने नवजात बच्चे की पिता की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिया है.

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लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज

मेरठः गाजियाबाद में गैंगरेप की शिकार 12 वर्षीय बच्ची ने लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज (LLRM) में एक बच्चे को जन्म दिया है. कोर्ट के आदेश पर गंभीर हालत में भर्ती हुई बच्ची का यहां के डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक डिलीवरी 3 दिन पहले 5 अक्टूबर को कराई है. अब गाजियाबाद पुलिस ने नवजात बच्चे के पिता का पता लगाने के लिए शनिवार को मेडिकल कॉलेज पर पहुंचकर डीएनए सैंपल लिया. हालांकि तीनों आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई 12 साल की बच्ची के मां बनने के बाद परिजन पूरी तरह से टूट गए हैं. मां बनी बच्ची अभी तक हकीकत से अंजान है. परिजनों द्वारा नवजात को पैदा होने के बाद से ही नकार दिया गया. तीन दिन से नवजात नीकू वॉर्ड में नवजात एडमिट है. अब मां और बच्‍चे के भविष्‍य का फैसला अदालत करेगी. पीड़िता के पिता का कहना है कि उनके सामने बड़ी अजीब स्थिति है, वे क्या करें, क्या न करें कुछ समझ ही नहीं पा रहे हैं. न चाहकर भी उन्हें ये दिन देखने पड़ रहे हैं, क्योंकि उनके जिगर के टुकड़े उनकी बेटी की जिंदगी का सवाल है.

गौरतलब है कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बिटिया सातवीं कक्षा में पढ़ती है. शरीर में बदलाव होने पर परिजनों को अक्टूबर में ही बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के बारे में पता चला था. मासूम बिटिया के पेट के बढ़ने के बाद उसकी मां ने प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से ये जाना था कि वह गर्भवती है. क्योंकि समय अधिक हो गया था ऐसे में चिकित्सकों ने भी कोई भी रिस्क लेने से मना कर दिया था. ऐसे में कोर्ट के आदेश पर परिजन अपनी बच्ची को मेरठ मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे. जहां पीड़िता की डिलीवरी कराई गई.

पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी के साथ हुए दुष्कर्म का पता लगने पर इंसाफ की गुहार अफसरों से लगाई थी. पीड़िता के पिता ने बताया कि जनवरी में उनके फ्लैट के नीचे फर्स्ट फ्लोर पर कुछ लड़के रहते थे, उनके द्वारा उनकी बेटी के साथ डरा धमका कर सामूहिक दुष्कर्म किया था. उन्होंने बताया कि दुष्कर्मी उनकी बेटी को डराकर बार-बार उसके साथ दरिंदगी करते रहे. पिता ने बताया कि उन्होंने और मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा बताया गया है कि उसे पथरी है और उसी का ऑपरेशन हुआ है.

मेडिकल कॉलेज की HOD डॉक्टर उर्मिला कार्या ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में डाक्टर्स की एक टीम बनाई गई और बच्ची का सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ा. इसके बाद नवजात का जन्म हुआ है. उन्होंने बताया कि बच्चे के ऑर्गन पूरी तरह से विकसित नहीं थे और हीमोग्लोबिन भी काफी कम था. फिलहाल दोनों सुरक्षित हैं और अंडर ऑब्जर्वेशन में हैं.

मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर वीडी पांडेय ने बताया कि बच्ची के डीएनए टेस्ट के लिए गाजियाबाद पुलिस की टीम ने सैंपल कलेक्ट किया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद पकड़े गए तीनों आरोपियों में से आखिर नवजात के पिता की पहचान हो पाएगी.

पढ़ेंः KGMU : डॉक्टरों ने 10 घंटे में चार ऑपरेशन कर दुष्कर्म पीड़िता मासूम को दिया नया जीवन

मेरठः गाजियाबाद में गैंगरेप की शिकार 12 वर्षीय बच्ची ने लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज (LLRM) में एक बच्चे को जन्म दिया है. कोर्ट के आदेश पर गंभीर हालत में भर्ती हुई बच्ची का यहां के डॉक्टरों ने सफलता पूर्वक डिलीवरी 3 दिन पहले 5 अक्टूबर को कराई है. अब गाजियाबाद पुलिस ने नवजात बच्चे के पिता का पता लगाने के लिए शनिवार को मेडिकल कॉलेज पर पहुंचकर डीएनए सैंपल लिया. हालांकि तीनों आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई 12 साल की बच्ची के मां बनने के बाद परिजन पूरी तरह से टूट गए हैं. मां बनी बच्ची अभी तक हकीकत से अंजान है. परिजनों द्वारा नवजात को पैदा होने के बाद से ही नकार दिया गया. तीन दिन से नवजात नीकू वॉर्ड में नवजात एडमिट है. अब मां और बच्‍चे के भविष्‍य का फैसला अदालत करेगी. पीड़िता के पिता का कहना है कि उनके सामने बड़ी अजीब स्थिति है, वे क्या करें, क्या न करें कुछ समझ ही नहीं पा रहे हैं. न चाहकर भी उन्हें ये दिन देखने पड़ रहे हैं, क्योंकि उनके जिगर के टुकड़े उनकी बेटी की जिंदगी का सवाल है.

गौरतलब है कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बिटिया सातवीं कक्षा में पढ़ती है. शरीर में बदलाव होने पर परिजनों को अक्टूबर में ही बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के बारे में पता चला था. मासूम बिटिया के पेट के बढ़ने के बाद उसकी मां ने प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से ये जाना था कि वह गर्भवती है. क्योंकि समय अधिक हो गया था ऐसे में चिकित्सकों ने भी कोई भी रिस्क लेने से मना कर दिया था. ऐसे में कोर्ट के आदेश पर परिजन अपनी बच्ची को मेरठ मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे. जहां पीड़िता की डिलीवरी कराई गई.

पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी के साथ हुए दुष्कर्म का पता लगने पर इंसाफ की गुहार अफसरों से लगाई थी. पीड़िता के पिता ने बताया कि जनवरी में उनके फ्लैट के नीचे फर्स्ट फ्लोर पर कुछ लड़के रहते थे, उनके द्वारा उनकी बेटी के साथ डरा धमका कर सामूहिक दुष्कर्म किया था. उन्होंने बताया कि दुष्कर्मी उनकी बेटी को डराकर बार-बार उसके साथ दरिंदगी करते रहे. पिता ने बताया कि उन्होंने और मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा बताया गया है कि उसे पथरी है और उसी का ऑपरेशन हुआ है.

मेडिकल कॉलेज की HOD डॉक्टर उर्मिला कार्या ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में डाक्टर्स की एक टीम बनाई गई और बच्ची का सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ा. इसके बाद नवजात का जन्म हुआ है. उन्होंने बताया कि बच्चे के ऑर्गन पूरी तरह से विकसित नहीं थे और हीमोग्लोबिन भी काफी कम था. फिलहाल दोनों सुरक्षित हैं और अंडर ऑब्जर्वेशन में हैं.

मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर वीडी पांडेय ने बताया कि बच्ची के डीएनए टेस्ट के लिए गाजियाबाद पुलिस की टीम ने सैंपल कलेक्ट किया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद पकड़े गए तीनों आरोपियों में से आखिर नवजात के पिता की पहचान हो पाएगी.

पढ़ेंः KGMU : डॉक्टरों ने 10 घंटे में चार ऑपरेशन कर दुष्कर्म पीड़िता मासूम को दिया नया जीवन

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