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मऊ: कोरोना काल में पीएम मातृ वंदना योजना महिलाओं के लिए वरदान

पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना वरदान साबित हो रही है. इस योजना से गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है.

लाभार्थी महिलाएं.
लाभार्थी महिलाएं.
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Published : Aug 9, 2020, 11:45 AM IST

मऊ: कोरोना काल में कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधे तौर पर असर पड़ा है. ऐसे में पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना वरदान साबित हो रही है. इस योजना से गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है. इस योजना से पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के खाते में तीन किश्तों में 5 हजार रुपये दिए जा रहे हैं, ताकि वह गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सकें.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती महिलाओं को 5 हजार रुपये सीधे बैंक के खाते में दिए जाते हैं. कोरोना काल में लोगों की आय पर असर पड़ा है और अन्य प्रांतों से मजदूरों ने घर वापसी की है. उन्होने बताया कि इस योजना का शत प्रतिशत लाभ पात्र गर्भवती को दिलाने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है, ताकि कोई भी प्रवासी पात्र लाभार्थी इस योजना से वंचित न रहे. गर्भवती व धात्री महिलाओं के सही खान-पान व पोषण की स्थिति में सुधार लाना इस योजना का उद्देश्य है.


योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार ने बताया कि राज्य स्तर से जनवरी 2017 से 31 जुलाई 2020 तक 42,040 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य जिले को मिला था. जिसमें 39,070 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है. कोरोना महामारी के बावजूद जुलाई माह में 976 लाभार्थियों के सापेक्ष 1295 लाभार्थियों को अर्थात 133 प्रतिशत जुलाई में सबसे अधिक लाभ दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास रहता है कि इस योजना का लाभ शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे.

तीन किस्तों में मिलते हैं 5 हजार रुपये

जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार ने बताया कि योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5 हजार रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है. पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1 हजार रुपये दिए जाते हैं. प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2 हजार रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2 हजार रुपये दिए जाते हैं.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ

सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम व बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है. लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, आधार कार्ड और खाता की पासबुक की फोटो कॉपी फार्म भरते समय जमा करना होता है.

मऊ: कोरोना काल में कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधे तौर पर असर पड़ा है. ऐसे में पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना वरदान साबित हो रही है. इस योजना से गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है. इस योजना से पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के खाते में तीन किश्तों में 5 हजार रुपये दिए जा रहे हैं, ताकि वह गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सकें.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती महिलाओं को 5 हजार रुपये सीधे बैंक के खाते में दिए जाते हैं. कोरोना काल में लोगों की आय पर असर पड़ा है और अन्य प्रांतों से मजदूरों ने घर वापसी की है. उन्होने बताया कि इस योजना का शत प्रतिशत लाभ पात्र गर्भवती को दिलाने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है, ताकि कोई भी प्रवासी पात्र लाभार्थी इस योजना से वंचित न रहे. गर्भवती व धात्री महिलाओं के सही खान-पान व पोषण की स्थिति में सुधार लाना इस योजना का उद्देश्य है.


योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार ने बताया कि राज्य स्तर से जनवरी 2017 से 31 जुलाई 2020 तक 42,040 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य जिले को मिला था. जिसमें 39,070 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है. कोरोना महामारी के बावजूद जुलाई माह में 976 लाभार्थियों के सापेक्ष 1295 लाभार्थियों को अर्थात 133 प्रतिशत जुलाई में सबसे अधिक लाभ दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास रहता है कि इस योजना का लाभ शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे.

तीन किस्तों में मिलते हैं 5 हजार रुपये

जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार ने बताया कि योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5 हजार रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है. पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1 हजार रुपये दिए जाते हैं. प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2 हजार रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2 हजार रुपये दिए जाते हैं.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ

सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम व बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है. लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, आधार कार्ड और खाता की पासबुक की फोटो कॉपी फार्म भरते समय जमा करना होता है.

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