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...अब मऊ की साड़ियों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान, बुनकरों के बहुरेंगे दिन - ओडीओपी योजना से मिलगा बुनकरों को लाभ

मऊ जिले की साड़ियों को अब आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देख सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन ने सरकार की ओडीओपी योजना के तहत अमेजान के साथ व्यापार करने का फैसला लिया है.

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मऊ की साड़ियों की अमेजान पर होगी ऑनलाइन बिक्री.
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Published : Jan 30, 2020, 10:12 AM IST

मऊ: अंतरराष्ट्रीय पटल पर अब जिले की साड़ियां देखी जा सकेंगी. जिसकी कवायद को लेकर जिला प्रशासन ने ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) स्कीम के तहत ऑनलाइन कंपनी अमेजान के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नगर पालिका हाल में आयोजित किया गया, जिसमें व्यापारियों और बुनकरों ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी समेत जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी भी मौजूद रहे.

मऊ की साड़ियों की अमेजान पर होगी ऑनलाइन बिक्री.

काफी मेहनत के बाद भी बुनकरों को नहीं मिलता उचित लाभ
सेमिनार के दौरान बुनकर तैय्यब पालकी ने बताया कि हम लोग कड़ी मेहनत के बाद साड़ियों को तैयार करते हैं. हमारी साड़ी की मांग कुछ प्रदेशों में ही है, लेकिन इससे बुनकरों की बदहाली दूर नहीं हो रही. प्रदेश सरकार ने अमेजान पर साड़ियों बेचने का फैसला कर बुनकरों के हित में नेक पहल की शुरूआत की है, जिसका हम लोग खुशी से स्वागत करते हैं.

अमेजान के साथ जुड़ने से बुनकरों को मिलेगा फायदा
वहीं अमेजान अधिकारी संदीप कुमार देव ने बताया कि हमारी कंपनी इंटरनेशनल स्तर पर प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है. इसके साथ जुड़ने से बुनकरों को बेहतर लाभ मिलेगा. उनकी साड़ियों को उचित मूल्य और समय से भुगतान मिल सकेगा.

ऑनलाइन बिक्री से जिले की साड़ी को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान
जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बुनकर अपनी मेहनत के अनुसार आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें, इसके लिए प्रदेश सरकार ओडीओपी के तहत अमेजान के साथ व्यापार करने का फैसला लिया है. मऊ के बुनकरों को ऑनलाइन बाजार मिले, इसीलिए सेमिनार के जरिए उन्हें इसकी जानकारी दी जा रही है, ताकि वे अपनी साड़ियों को अमेजान पर ऑनलाइन बिक्री कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकें.

वर्षों से बुनकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. कई सरकारें आई और गईं, लेकिन कोई भी सरकार बुनकरों की बदहाली को दूर करने में सफल नहीं रही, लेकिन योगी सरकार द्वारा ऑनलाइन व्यापार कर बुनकरों की साड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कदम उठाया गया है. इसका कितना फायदा बुनकरों को मिलता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

मऊ: अंतरराष्ट्रीय पटल पर अब जिले की साड़ियां देखी जा सकेंगी. जिसकी कवायद को लेकर जिला प्रशासन ने ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) स्कीम के तहत ऑनलाइन कंपनी अमेजान के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नगर पालिका हाल में आयोजित किया गया, जिसमें व्यापारियों और बुनकरों ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी समेत जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी भी मौजूद रहे.

मऊ की साड़ियों की अमेजान पर होगी ऑनलाइन बिक्री.

काफी मेहनत के बाद भी बुनकरों को नहीं मिलता उचित लाभ
सेमिनार के दौरान बुनकर तैय्यब पालकी ने बताया कि हम लोग कड़ी मेहनत के बाद साड़ियों को तैयार करते हैं. हमारी साड़ी की मांग कुछ प्रदेशों में ही है, लेकिन इससे बुनकरों की बदहाली दूर नहीं हो रही. प्रदेश सरकार ने अमेजान पर साड़ियों बेचने का फैसला कर बुनकरों के हित में नेक पहल की शुरूआत की है, जिसका हम लोग खुशी से स्वागत करते हैं.

अमेजान के साथ जुड़ने से बुनकरों को मिलेगा फायदा
वहीं अमेजान अधिकारी संदीप कुमार देव ने बताया कि हमारी कंपनी इंटरनेशनल स्तर पर प्रोडक्ट्स की बिक्री करती है. इसके साथ जुड़ने से बुनकरों को बेहतर लाभ मिलेगा. उनकी साड़ियों को उचित मूल्य और समय से भुगतान मिल सकेगा.

ऑनलाइन बिक्री से जिले की साड़ी को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान
जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बुनकर अपनी मेहनत के अनुसार आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें, इसके लिए प्रदेश सरकार ओडीओपी के तहत अमेजान के साथ व्यापार करने का फैसला लिया है. मऊ के बुनकरों को ऑनलाइन बाजार मिले, इसीलिए सेमिनार के जरिए उन्हें इसकी जानकारी दी जा रही है, ताकि वे अपनी साड़ियों को अमेजान पर ऑनलाइन बिक्री कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकें.

वर्षों से बुनकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. कई सरकारें आई और गईं, लेकिन कोई भी सरकार बुनकरों की बदहाली को दूर करने में सफल नहीं रही, लेकिन योगी सरकार द्वारा ऑनलाइन व्यापार कर बुनकरों की साड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कदम उठाया गया है. इसका कितना फायदा बुनकरों को मिलता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

Intro:मऊ - अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अब मऊ की साड़ी दिखेगी। जिसके कवायद को लेकर जिला प्रशासन द्वारा ओडीओपी स्कीम के तहत ऑनलाइन कंपनी एमेजॉन के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मऊ के व्यापारियों और बुनकरों के साथ नगर पालिका के हाल में जानकारी दिया। जनपद के प्रतिष्ठित व्यापारी, बुनकर, जिलाधिकारी और जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों के मौजूदगी में सेमिनार हुआ।


Body:सेमिनार के दौरान बुनकर तैय्यब पालकी ने बताया कि हम लोग कड़ी मेहनत के बाद साड़ियों को तैयार करते हैं। हमारी साड़ी की मांग कुछ प्रदेशों में ही है। लेकिन इससे बुनकरों की बदहाली दूर नहीं हो रही। प्रदेश सरकार ने अमेजॉन पर साड़ियों बेचने का फैसला कर बुनकरों के हित में नेक पहल की शुरूआत किया है। जिसका हम लोग खुशी से स्वागत करते हैं। वहीं एमोजन अधिकारी ने बताया कि हमारी कंपनी इंटरनेशनल स्तर पर प्रोडक्ट की बिक्री करती हैं। इसके साथ जुड़ने से बुनकरों को लाभ मिलेगा। उनके साड़ियों को उचित मूल्य और समय से भुगतान मिलेगा। वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि बुनकर अपनी मेहनत के अनुसार आर्थिक रूप से मजबूत हो सके। इसके लिए प्रदेश सरकार ओडीओपी के तहत एमोजन के साथ व्यापार करने का फैसला लिया है। मऊ के बुनकरों को ऑनलाइन बाजार मिले, इसके लिए इस सेमिनार का आयोजन कर उनको जानकारी दी जा रही है। ताकि वह अपनी साड़ियों को एमोजन पर ऑनलाइन बिक्री कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सके।


Conclusion:वर्षों से बुनकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। कई सरकारें आई और गई, लेकिन किसी ने भी बुनकरों के बदहाली को दूर करने में सफल नहीं रहा। लेकिन योगी सरकार द्वारा ऑनलाइन व्यापार कर बुनकरों के साड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कदम उठाया गया है। इसका कितना फायदा बुनकरों को मिलता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

बाईट-1- तैय्यब पालकी (बुनकर)
बाईट-2- संदीप कुमार देव (एमोजन अधिकारी)
बाईट-3- ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी (डीएम, मऊ)

वेद मिश्रा, मऊ
9415219385
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