ETV Bharat / state

सामने आई मऊ पुलिस की दरियादिली, बेसहारा बच्चे का सहारा बने यातायात प्रभारी - मऊ समाचार

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में यातायात प्रभारी ने एक चाय बेचने वाले बच्चे को सहारा दिया है. यातायात प्रभारी ने ना सिर्फ बच्चे के पठन पाठन की जिम्मेदारी को उठाया, बल्कि उसके परिवार के खर्च का भी जिम्मा लिया है.

बेसहारा बच्चे का सहारा बने यातायात प्रभारी.
author img

By

Published : Sep 3, 2019, 9:13 PM IST

मऊ: यूपी पुलिस आये दिन किसी न किसी मामले को लेकर दागदार होती रहती है, लेकिन लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों के नेक कामों की वहज से लोग खाकी पर फख्र करने पर मजबूर हो जाते हैं. कुछ इसी तरह का मामला मऊ जिले से सामने आया है. जहां पर यातायात प्रभारी श्री प्रकाश शुक्ला ने एक चाय बेचने वाले बच्चे को सहारा दिया है. यातायात प्रभारी ने ना सिर्फ बच्चे के पठन पाठन की जिम्मेदारी को उठाया, बल्कि उसके परिवार के खर्च का भी जिम्मा लिया है.

बेसहारा बच्चे का सहारा बने यातायात प्रभारी.

बच्चे का सहारा बनी पुलिस

  • नगर कोतवाली के आजमगढ़ तिराहे पर स्थित यातायात बूथ पर तैनात प्रभारी श्री प्रकाश शुक्ला ने चाय और पानी के लिए एक दुकान पर आर्डर किया.
  • दुकान से एक 10 वर्षीय बच्चा चाय लेकर आय़ा, जिसको देखते ही यातायात प्रभारी ने उससे काम करने की वजह पूछी.
  • उसने बताया कि उसके पिता ने दूसरी शादी करके हमारी मां और भाई को छोड़ दिया है.
  • बच्चे ने बताया कि परिवार का खर्च चलाने के लिए 15 सौ रुपये पर चाय बेचने की नौकरी करता हूं.
  • प्रभारी ने बच्चे से पढ़ाई के बारे में पूछा तो चाय बेचने वाले बच्चे ने बताया कि उसने तीसरी कक्षा तक एक सरकारी स्कूल में पढाई किया.
  • इसके बाद वह आगे पढ़ नहीं सका और मजदूरी करने लगा.
  • यातायात प्रभारी ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसे आगे पढ़ाएंगे और उसके परिवार के खर्च का भी जिम्मा उठायेंगे.

मऊ: यूपी पुलिस आये दिन किसी न किसी मामले को लेकर दागदार होती रहती है, लेकिन लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों के नेक कामों की वहज से लोग खाकी पर फख्र करने पर मजबूर हो जाते हैं. कुछ इसी तरह का मामला मऊ जिले से सामने आया है. जहां पर यातायात प्रभारी श्री प्रकाश शुक्ला ने एक चाय बेचने वाले बच्चे को सहारा दिया है. यातायात प्रभारी ने ना सिर्फ बच्चे के पठन पाठन की जिम्मेदारी को उठाया, बल्कि उसके परिवार के खर्च का भी जिम्मा लिया है.

बेसहारा बच्चे का सहारा बने यातायात प्रभारी.

बच्चे का सहारा बनी पुलिस

  • नगर कोतवाली के आजमगढ़ तिराहे पर स्थित यातायात बूथ पर तैनात प्रभारी श्री प्रकाश शुक्ला ने चाय और पानी के लिए एक दुकान पर आर्डर किया.
  • दुकान से एक 10 वर्षीय बच्चा चाय लेकर आय़ा, जिसको देखते ही यातायात प्रभारी ने उससे काम करने की वजह पूछी.
  • उसने बताया कि उसके पिता ने दूसरी शादी करके हमारी मां और भाई को छोड़ दिया है.
  • बच्चे ने बताया कि परिवार का खर्च चलाने के लिए 15 सौ रुपये पर चाय बेचने की नौकरी करता हूं.
  • प्रभारी ने बच्चे से पढ़ाई के बारे में पूछा तो चाय बेचने वाले बच्चे ने बताया कि उसने तीसरी कक्षा तक एक सरकारी स्कूल में पढाई किया.
  • इसके बाद वह आगे पढ़ नहीं सका और मजदूरी करने लगा.
  • यातायात प्रभारी ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसे आगे पढ़ाएंगे और उसके परिवार के खर्च का भी जिम्मा उठायेंगे.
Intro:मऊ - यूपी पुलिस आये दिन दागदार होती रहती हैं। लेकिन कुछ पुलिस कर्मीयों के नेक कामों और नेक पहल की वजह से वर्दी पर लोग फर्क करने को मजबूर हो जाते है। जी हां कुछ इसी तरह का मामला मऊ जिले से प्रकाश में आय़ा है। जहां पर यातायात प्रभारी श्री प्रकाश शुक्ला ने एक चाय बेचने वाले बच्चें को सहारा दिया है। यातायात प्रभारी ने ना सिर्फ बच्चे के पठन पाठन के जिम्मेदारी को उठाया, बल्कि परिवार खर्च का जिम्मा लिया है।Body:बताते चले कि नगर कोतवाली के आजमगढ तिराहे पर स्थित यातायात बूथ पर तैनात प्रभारी श्री प्रकाश शुक्ला ने चाय और पानी के लिए एक दुकान पर आर्डर किया। दुकान से एक 10 वर्षीय बच्चा मनोज चौहान चाय लेकर आय़ा। जिसके देखते ही यातायात प्रभारी ने उससे काम करने की वजह को पूछा। तो मनोज ने बताया कि उसके पिता दूसरी शादी रचा कर हमारी मां और हमारे भाई को छोङ दिया है। जिसके बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए 15 सौं रुपये पर चाय बेचने की नौकरी करता हूँ। जिससे परिवार की रोजी रोटी चलती है। इसके बाद प्रभारी ने पढाई के बारे में पुछा तो चाय बेचने वाले बच्चे ने बताया कि वह तीसरी कक्षा तक एक सरकारी स्कूल में पढाई किया। लेकिन उसके बाद वह आगे पढ नही सका और मजदूरी करने लगा। जिसके बाद यातायात प्रभारी ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसे आगे पढायेगे और उसके परिवार के खर्च का भी जिम्मा उठायेगे।Conclusion:इसके बाद वह बच्चे को लेकर स्थानीय डान वास्कों स्कूल में ले कर गये। जहां पर बच्चे की कहानी को सुनते ही स्कूल प्रबंधन ने मनोज को गोद ले लिया। साथ ही स्कूल में जितनी भी क्लास है, तब तक की पढाई, कापी किताब और ड्रेस का जिम्मा ले लिया। इतना सब देख मासूम बच्चे के आंख से आशू छलने लगे। इसके बाद जिले में जिस किसी ने भी यातायात प्रभारी के नेक काम की खबर को सुना तो सभी ने पुलिस की तारीफ किया।

वाइट-1- श्री प्रकाश शुक्ला (यातायात प्रभारी)
वाइट-2- मनोज चौहान (पीङित बच्चा)
वाइट-3- रीना मल्होत्रा (प्रधानाध्यापिका)

वेद मिश्रा, मऊ
9415219385
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.