मऊ: अपराध को शून्य करने और जनता को समस्याओं से निजात दिलाने के लिए एसपी अनुराग आर्य ने कड़े कदम उठाए हैं. वहीं विवेचनाओं के निस्तारण पर लापरवाही बरतने वाले तीन थाना प्रभारियों और घोसी सीओ पर बड़ी कार्रवाई हुई है. एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि 18 अक्टूबर तक जिले में एक हजार 732 शिकायतें पेंडिंग थी. वहीं 7 दिनों में तेजी से कार्रवाई करते हुए एक हजार 220 शिकायतों का निस्तारण किया गया है.
विवेचनाओं का हुआ निस्तारण
जिले के थानों में लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के लिए पुलिस अधीक्षक ने सख्त आदेश दिए थे. इसके बाद रविवार को कुल 93 विवेचनाएं निस्तारित हुईं थीं. इसमें शहर कोतवाली ने 20 विवेचनाओं का निस्तारण किया था. इसके बाद मधुबन थाने ने 16, सरायलखंसी और मोहम्मदाबाद थाने ने 11-11 विवेचनाओं का निस्तारण किया था. वहीं घोसी कोतवाली ने सिर्फ दो विवेचनाओं का निस्तारण किया. कोपागंज थाने ने भी सिर्फ तीन विवेचनाएं निस्तारित की. इसके अलावा हलधरपुर थाना क्षेत्र में सिर्फ दो विवेचनाएं निस्तारित हुईं.
लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई
समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही बरते जाने को लेकर घोसी, कोपागंज और हलधरपुर के थानाध्यक्ष को कड़ी चेतावनी देते हुए पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दे दिए हैं. जिले में खराब प्रगति के मामले में प्रारंभिक जांच अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र श्रीवास्तव को सौंपी गई है. इसी के साथ घोसी सर्किल में आने वाले कोपागंज और घोसी के विवेचना में खराब निस्तारण को लेकर क्षेत्राधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए, इसकी जांच के आदेश दिए हैं. एसपी के इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है.