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मऊः राशन देने में मनमानी कर रहे कोटेदार, ग्रामीण परेशान - ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

यूपी के मऊ जिले में कोटेदार द्वारा ग्रामीणों को राशन देने में मनमानी करने का मामला सामने आया है. इसे लेकर ग्रामीणों ने कोटेदार पर मनमाने ढंग से कीमत वसूलने और कम राशन देने का आरोप लगाया है. वहीं कोटेदार ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है.

प्रदर्शन करते ग्रामीण.
प्रदर्शन करते ग्रामीण.
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Published : Nov 2, 2020, 4:47 PM IST

मऊः जिले के कोपागंज विकासखंड के सरवां गरीबपुर में कोटेदार की मनमानी से ग्रामीण राशन के लिए भटक रहे हैं. समय से राशन नहीं मिलने, मनमानी पैसे लेने और घटतौली से परेशान ग्रामीणों ने राशन की दुकान पर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने कोटेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां हमे कोटेदार अपनी तोल के हिसाब से 25 किलो राशन देते हैं, लेकिन बाहर वजन करने पर वह 20 किलो ही होता है. पैसे भी अधिक लेते हैं, इसके बावजूद समय से राशन नही देते हैं और पूछने पर अपशब्द बोलते हैं.

राशन देने में मनमानी कर रहे कोटेदारः ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना काल मे लोगों का काम-धाम छिन गया है. ऐसे में सरकारी राशन से ही हम लोग पेट भर रहे हैं, लेकिन कोटेदार समय से राशन नहीं देते और जब देते हैं तब मनमाने पैसे वसूलते हैं. जब कोटेदार की इन गतिविधियों का विरोध करते हैं, तो राशन न देने की धमकी देते हैं. यही नहीं कोटा बदल देने तक की बात कहते हैं.

लोग करते हैं परेशानः कोटेदार
वहीं ग्रामीणों के आरोप पर कोटेदार मुसाफिर यादव ने बताया कि राशन समय से दिया जा रहा है. हां, पैसे एक दो रुपये अधिक लिया जाता है क्योंकि सरकारी रेट से वाहन का किराया नहीं हो पाता. गांव में प्रधानी के चुनाव को लेकर लोग गुटबाजी में मुझे परेशान कर रहे हैं.

मऊः जिले के कोपागंज विकासखंड के सरवां गरीबपुर में कोटेदार की मनमानी से ग्रामीण राशन के लिए भटक रहे हैं. समय से राशन नहीं मिलने, मनमानी पैसे लेने और घटतौली से परेशान ग्रामीणों ने राशन की दुकान पर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने कोटेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां हमे कोटेदार अपनी तोल के हिसाब से 25 किलो राशन देते हैं, लेकिन बाहर वजन करने पर वह 20 किलो ही होता है. पैसे भी अधिक लेते हैं, इसके बावजूद समय से राशन नही देते हैं और पूछने पर अपशब्द बोलते हैं.

राशन देने में मनमानी कर रहे कोटेदारः ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना काल मे लोगों का काम-धाम छिन गया है. ऐसे में सरकारी राशन से ही हम लोग पेट भर रहे हैं, लेकिन कोटेदार समय से राशन नहीं देते और जब देते हैं तब मनमाने पैसे वसूलते हैं. जब कोटेदार की इन गतिविधियों का विरोध करते हैं, तो राशन न देने की धमकी देते हैं. यही नहीं कोटा बदल देने तक की बात कहते हैं.

लोग करते हैं परेशानः कोटेदार
वहीं ग्रामीणों के आरोप पर कोटेदार मुसाफिर यादव ने बताया कि राशन समय से दिया जा रहा है. हां, पैसे एक दो रुपये अधिक लिया जाता है क्योंकि सरकारी रेट से वाहन का किराया नहीं हो पाता. गांव में प्रधानी के चुनाव को लेकर लोग गुटबाजी में मुझे परेशान कर रहे हैं.

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