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मऊ: जिला अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहा भोजन

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Published : Jun 13, 2019, 5:09 PM IST

जिला अस्पताल में मरीजों को खाना नहीं मिल पा रहा है. हालात यह हैं कि मरीज के परिजनों को बाहर या अपने रिश्तेदारों के यहां से भोजन लाना पड़ता है. वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का दावा है कि अगले सप्ताह तक भोजन की समस्या दूर हो जाएगी.

मऊ के जिला अस्पताल की स्थिति.

मऊ: पिछले एक महीने से जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भोजन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में मरीजों के परिजन बाहर की दुकानों से भोजन खरीदकर लाने को मजबूर हो रहे हैं. जबकि सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को निःशुल्क भोजन दिए जाने की व्यवस्था होती है. वहीं प्रदेश सरकार जिला अस्पताल के मरीजों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करने के लिये बजट भी मुहैया कराती है.

मऊ के जिला अस्पताल की बदहाल स्थिति.
क्या है पूरा मामला
  • भोजन की व्यवस्था के लिए जिला अस्पताल में टेंडर जारी होता है.
  • अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, ठेकेदार का टेंडर निरस्त होने के कारण भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.
  • कई बार मरीज अस्पताल के सीएमएस से भी इस मामले में गुहार लगा चुके हैं.
  • प्रबंधन द्वारा मरीजों के लिए अभी तक भोजन की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
  • दूसरी ओर अस्पताल में ही बने पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में भर्ती बच्चों के लिए एनआरसी स्टाफ खुद ही भोजन बनाकर दे रही हैं.
  • अस्तपाल में भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि उन्हें रिश्तेदारों के यहां से भोजन की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

मैं मुंशीपुरा की रहने वाली हूं और पांच दिन से अस्पताल में मेरे पति भर्ती हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी भी दिन भोजन नहीं मिला. ऐसे में मुझे अपने रिश्तेदारों के यहां से भोजन की व्यवस्था करनी पड़ती है.
-इनायत खान, मरीज के परिजन

भोजन न मिलने से बहुत समस्या हो रही है. बाहर से दिन में आए भोजन को ही रात में खाना पड़ता है.
-ममता देवी, मरीज के परिजन

जिस किचन में भोजन बनता था, वहां डायलिसिस यूनिट बनने के कारण किचन ध्वस्त हो चुका है, जिसका निर्माण चल रहा है. वहीं दूसरी ओर भोजन की व्यवस्था के लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही अगले सप्ताह तक भोजन की समस्या दूर हो जाएगी.
-डॉ. बृज कुमार, सीएमएस, जिला अस्पताल

मऊ: पिछले एक महीने से जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भोजन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में मरीजों के परिजन बाहर की दुकानों से भोजन खरीदकर लाने को मजबूर हो रहे हैं. जबकि सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को निःशुल्क भोजन दिए जाने की व्यवस्था होती है. वहीं प्रदेश सरकार जिला अस्पताल के मरीजों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करने के लिये बजट भी मुहैया कराती है.

मऊ के जिला अस्पताल की बदहाल स्थिति.
क्या है पूरा मामला
  • भोजन की व्यवस्था के लिए जिला अस्पताल में टेंडर जारी होता है.
  • अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, ठेकेदार का टेंडर निरस्त होने के कारण भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.
  • कई बार मरीज अस्पताल के सीएमएस से भी इस मामले में गुहार लगा चुके हैं.
  • प्रबंधन द्वारा मरीजों के लिए अभी तक भोजन की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
  • दूसरी ओर अस्पताल में ही बने पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में भर्ती बच्चों के लिए एनआरसी स्टाफ खुद ही भोजन बनाकर दे रही हैं.
  • अस्तपाल में भर्ती मरीज के परिजनों ने बताया कि उन्हें रिश्तेदारों के यहां से भोजन की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

मैं मुंशीपुरा की रहने वाली हूं और पांच दिन से अस्पताल में मेरे पति भर्ती हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी भी दिन भोजन नहीं मिला. ऐसे में मुझे अपने रिश्तेदारों के यहां से भोजन की व्यवस्था करनी पड़ती है.
-इनायत खान, मरीज के परिजन

भोजन न मिलने से बहुत समस्या हो रही है. बाहर से दिन में आए भोजन को ही रात में खाना पड़ता है.
-ममता देवी, मरीज के परिजन

जिस किचन में भोजन बनता था, वहां डायलिसिस यूनिट बनने के कारण किचन ध्वस्त हो चुका है, जिसका निर्माण चल रहा है. वहीं दूसरी ओर भोजन की व्यवस्था के लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही अगले सप्ताह तक भोजन की समस्या दूर हो जाएगी.
-डॉ. बृज कुमार, सीएमएस, जिला अस्पताल

Intro:मऊ। पिछले एक महीने से जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भोजन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में मरीजों के परिजन बाहर के दुकानों से भोजन खरीदकर लाने को विवश हो रहे हैं. जबकि सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को निःशुल्क भोजन दिए जाने की व्यवस्था होती है. प्रदेश सरकार जिला अस्पताल को मरीजों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करने को बजट देती है.


Body:बता दें कि भोजन की व्यवस्था के लिए जिला अस्पताल में टेंडर जारी होता है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन के अनुसार ठेकेदार का टेंडर निरस्त होने के कारण भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जबकि संबंध में कई बार मरीज अस्पताल के सीएमएस से कई बार गुहार लगा चुके हैं. वहीं अभी तक प्रबंधन द्वारा भोजन की कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की जा सकी है. दूसरी ओर अस्पताल में ही बने पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में भर्ती बच्चों के लिए एनआरसी स्टाफ खुद ही भोजन बनाकर दे रही हैं.

अस्पताल में भर्ती एक मरीज की परिजन इनायत खान ने बताया कि वह मुंशीपुरा की रहने वाली हैं और पांच दिन से अस्पताल में उनके पति भर्ती हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से किसी भी दिन भोजन नहीं मिला. ऐसे में उन्हें बाहर के अपने रिश्तेदारों के यहां से भोजन की व्यवस्था करनी पड़ती है. इसी तरह एक अन्य महिला मरीज की परिजन ने बताया कि भोजन न मिलने से उन्हें बहुत समस्या हो रही है. बाहर से आए दिन के भोजन को ही रात में खाना पड़ता है.

इस सम्बन्ध में अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ बृज कुमार ने बताया कि जिस किचन में भोजन बनता था वहां डायलिसिस यूनिट बनने के कारण किचन ध्वस्त हो चुका है जिसका निर्माण चल रहा है. वहीं दूसरी ओर भोजन की व्यवस्था के लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही अगले सप्ताह तक भोजन की समस्या दूर हो जाएगी.

बाईट - इनायत खान (मरीज की परिजन)
बाईट - ममता देवी (मरीज की रिश्तेदार)
बाईट - डॉ बृज कुमार (सीएमएस, जिला अस्पताल)


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