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मऊ में नमामि गंगे योजना से तमसा नदी का होगा कायाकल्प - justice devi prasad singh

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की टीम ने ढेकुलियाघाट पुल सहित अन्य स्थानों से तमसा नदी का निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने रासायनिक जांच के लिए तीन बिंदुओं से पानी के नमूने भी लिए. जल्द ही नमामि गंगे योजना से तमसा नदी के जीर्णोद्धार के लिए फंड दिया जाएगा.

तमसा नदी.
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Published : Jun 3, 2019, 9:34 PM IST

मऊ: पौराणिक नदी तमसा की स्थिति सुधरने की उम्मीद अब जग उठी है. जिले में निरीक्षण पर आई राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की टीम ने नदी से तीन स्थानों से पानी के नमूने लिए हैं. साथ ही नदी में गिर रहे 13 नालों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए दो महीनों में डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद जल्द ही इस प्रोजेक्ट में नमामि गंगे योजना से फंड दिया जाएगा.

तमसा नदी का जल्द होगा कायाकल्प.

टीम ने जिला अस्पताल का किया निरीक्षण

  • उत्तर प्रदेश नदी एवं जल सरंक्षण निगरानी समिति और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष जस्टिस देवी प्रसाद सिंह के साथ आई टीम ने सबसे पहले जिला अस्पताल का निरीक्षण किया.
  • जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक न होने पर नाराजगी जताई और सीएमओ व सीएमएस को इस पर फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक कराने का निर्देश दिया.
  • उन्होंने प्रत्येक अस्पतालों से निकलने वाले कूड़े के लिए चार प्रकार के कूड़ेदान रखने के निर्देश भी दिए हैं.
  • उन्होंने कहा कि जिले में स्थापित निजी अस्पतालों की जांच की जाए तथा मानक के विपरीत मिलने वाले अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए.
  • मीडिया से बात करते हुए जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है और नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

जानें, क्या बोले जस्टिस देवी प्रसाद सिंह

  • जैव अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों के अनुसार हर अस्पताल में कूड़े के प्रकार आधार पर पृथकीकरण होना चाहिए.
  • खुले में डस्टबिन नहीं होनी चाहिए, लेकिन इसका पालन कहीं भी नहीं हो रहा है.
  • कई अस्पतालों में कूड़े को जला दिया जाता है, जिससे भर्ती होने वाले मरीज भी बीमार होते हैं.
  • सीएमओ ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसे ठीक करा दिया जाएगा.
  • नगर पालिका प्रशासन द्वारा बताया गया है कि चार जगह खुले में कूड़े को इकट्ठा किया जाता है, जिससे बरसात में भीगे हुए कचरे से जहरीले रसायन मिट्टी में जाकर जल को भी दूषित करेंगे.

तमसा नदी के पानी की होगी जांच

  • सरकारी व निजी अस्पतालों के निरीक्षण के बाद एनजीटी की टीम ने डीएफओ, डीएम, एसपी, नगर मजिस्ट्रेट, नगर पालिका ईओ के साथ ढेकुलियाघाट पुल सहित अन्य स्थानों से तमसा का बृहद तौर पर निरीक्षण किया.
  • इस दौरान टीम ने रासायनिक जांच के लिए तीन बिंदुओं से पानी के नमूने भी लिए.
  • टीम में आए वैज्ञानिकों ने तमसा के काले हो चुके पानी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है.
  • जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से हमने तमसा का निरीक्षण किया है.

डीएफओ ने बताया है कि तमसा नदी के दोनों ओर 56 किलोमीटर में वृक्षारोपण किया जाएगा, जिसमें देशी पेड़ जैसे बरगद, गूलर, पाकड़, आम, नीम, महुआ आदि के पेड़ लगाए जाएंगे. तमसा के दोनों किनारे पर दोनों तरफ पांच किलोमीटर में बने तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा. दो महीने में शासन को 13 नालों का डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर यहां से भेज दिया जाएगा, जिसके बाद नमामि गंगे योजना से इस प्रोजेक्ट में फंड मिलेगा और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, इससे नदी में गिरने वाले नाले बंद हो जाएंगे.

-जस्टिस देवी प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, नदी व जल सरंक्षण निगरानी समिति, उत्तर प्रदेश

जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने नदी किनारे अवैध अतिक्रमण के मुद्दे पर बताया कि यहां के जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि एक महीने के भीतर राजस्व विभाग से निरीक्षण कराके अतिक्रमण हटवा दिया जाएगा. जिले में वृक्षारोपण और नदी-तालाबों का कायाकल्प देखने वह अगस्त में फिर आएंगे.

मऊ: पौराणिक नदी तमसा की स्थिति सुधरने की उम्मीद अब जग उठी है. जिले में निरीक्षण पर आई राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की टीम ने नदी से तीन स्थानों से पानी के नमूने लिए हैं. साथ ही नदी में गिर रहे 13 नालों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए दो महीनों में डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद जल्द ही इस प्रोजेक्ट में नमामि गंगे योजना से फंड दिया जाएगा.

तमसा नदी का जल्द होगा कायाकल्प.

टीम ने जिला अस्पताल का किया निरीक्षण

  • उत्तर प्रदेश नदी एवं जल सरंक्षण निगरानी समिति और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष जस्टिस देवी प्रसाद सिंह के साथ आई टीम ने सबसे पहले जिला अस्पताल का निरीक्षण किया.
  • जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक न होने पर नाराजगी जताई और सीएमओ व सीएमएस को इस पर फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक कराने का निर्देश दिया.
  • उन्होंने प्रत्येक अस्पतालों से निकलने वाले कूड़े के लिए चार प्रकार के कूड़ेदान रखने के निर्देश भी दिए हैं.
  • उन्होंने कहा कि जिले में स्थापित निजी अस्पतालों की जांच की जाए तथा मानक के विपरीत मिलने वाले अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए.
  • मीडिया से बात करते हुए जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है और नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

जानें, क्या बोले जस्टिस देवी प्रसाद सिंह

  • जैव अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों के अनुसार हर अस्पताल में कूड़े के प्रकार आधार पर पृथकीकरण होना चाहिए.
  • खुले में डस्टबिन नहीं होनी चाहिए, लेकिन इसका पालन कहीं भी नहीं हो रहा है.
  • कई अस्पतालों में कूड़े को जला दिया जाता है, जिससे भर्ती होने वाले मरीज भी बीमार होते हैं.
  • सीएमओ ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसे ठीक करा दिया जाएगा.
  • नगर पालिका प्रशासन द्वारा बताया गया है कि चार जगह खुले में कूड़े को इकट्ठा किया जाता है, जिससे बरसात में भीगे हुए कचरे से जहरीले रसायन मिट्टी में जाकर जल को भी दूषित करेंगे.

तमसा नदी के पानी की होगी जांच

  • सरकारी व निजी अस्पतालों के निरीक्षण के बाद एनजीटी की टीम ने डीएफओ, डीएम, एसपी, नगर मजिस्ट्रेट, नगर पालिका ईओ के साथ ढेकुलियाघाट पुल सहित अन्य स्थानों से तमसा का बृहद तौर पर निरीक्षण किया.
  • इस दौरान टीम ने रासायनिक जांच के लिए तीन बिंदुओं से पानी के नमूने भी लिए.
  • टीम में आए वैज्ञानिकों ने तमसा के काले हो चुके पानी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है.
  • जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से हमने तमसा का निरीक्षण किया है.

डीएफओ ने बताया है कि तमसा नदी के दोनों ओर 56 किलोमीटर में वृक्षारोपण किया जाएगा, जिसमें देशी पेड़ जैसे बरगद, गूलर, पाकड़, आम, नीम, महुआ आदि के पेड़ लगाए जाएंगे. तमसा के दोनों किनारे पर दोनों तरफ पांच किलोमीटर में बने तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा. दो महीने में शासन को 13 नालों का डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर यहां से भेज दिया जाएगा, जिसके बाद नमामि गंगे योजना से इस प्रोजेक्ट में फंड मिलेगा और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, इससे नदी में गिरने वाले नाले बंद हो जाएंगे.

-जस्टिस देवी प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, नदी व जल सरंक्षण निगरानी समिति, उत्तर प्रदेश

जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने नदी किनारे अवैध अतिक्रमण के मुद्दे पर बताया कि यहां के जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि एक महीने के भीतर राजस्व विभाग से निरीक्षण कराके अतिक्रमण हटवा दिया जाएगा. जिले में वृक्षारोपण और नदी-तालाबों का कायाकल्प देखने वह अगस्त में फिर आएंगे.

Intro:मऊ। पौराणिक नदी तमसा की स्थिति अब जल्द सुधरने की उम्मीद जग उठी है. जिले में निरीक्षण पर आई राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की टीम ने नदी से तीन स्थानों से पानी के नमूने लिए हैं. साथ ही नदी में गिर रहे 13 नालों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए दो महीनों में डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद जल्द ही इस प्रोजेक्ट में नमामि गंगे योजना से फंड दिया जाएगा.


Body:उत्तर प्रदेश नदी एवं जल सरंक्षण निगरानी समिति और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष जस्टिस देवी प्रसाद सिंह के साथ आई टीम ने सबसे पहले जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक न होने पर नाराजगी जताई. सीएमओ और सीएमएस को इस बाबत फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक कराने का निर्देश दिया. उन्होंने हरेक अस्पतालों से निकलने वाले कूड़े के लिए चार प्रकार के कूड़ेदान रखने के निर्देश भी दिए हैं. इसके साथ ही यह निर्देशित किया कि जिले में स्थापित निजी अस्पतालों की जांच की जाए तथा मानक के विपरीत मिलने वाले अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए.

सरकारी व निजी अस्पतालों के निरीक्षण के बाद एनजीटी की टीम ने डीएफओ, डीएम, एसपी, नगर मजिस्ट्रेट, नगर पालिका ईओ के साथ ढेकुलियाघाट पुल सहित अन्य स्थानों से तमसा का बृहद तौर पर निरीक्षण किया. साथ ही रासायनिक जांच के लिए तीन बिंदुओं से पानी के नमूने भी उठवाए. टीम में आए वैज्ञानिकों ने तमसा के काले हो चुके पानी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है.

मीडिया से बात करते हुए जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है. नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. जैव अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों के अनुसार हर अस्पताल में कूड़े के प्रकार आधार पर पृथक्कीकरण होना चाहिए. खुले में डस्बिन नहीं होनी चाहिए और चार डस्बिन का प्रयोग करना चाहिए. इसका पालन कहीं भी नहीं हो रहा है. कई अस्पतालों में कूड़े को जला दिया गया है, इससे भर्ती होने वाले मरीज भी बीमार होंगे. सीएमओ ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसको ठीक करा दिया जाएगा.

नगर पालिका पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कहीं भी तीन कूड़ापात्रों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. कूड़े के निस्तारण के लिए कोई प्लांट भी नहीं बनाया गया है. नगर पालिका प्रशासन द्वारा बताया गया है कि चार जगह खुले में कूड़े को इकट्ठा किया जाता है. ऐसे में बरसात में भीगे हुए कचरे से जहरीले रसायन मिट्टी में जाकर जल को भी दूषित करेंगे. नगर पालिका को कूड़े को भीगने से रोकने के लिए शेड बनाने का निर्देश दिया गया है.

जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से हमने तमसा का निरीक्षण किया है. डीएफओ ने बताया है कि तमसा के दोनों ओर 56 किलोमीटर में वृक्षारोपण किया जाएगा. जिसमें देशी पेड़ जैसे बरगद, गूलर, पाकड़, आम, नीम, महुआ आदि के पेड़ लगाए जाएंगे. तमसा के दोनों किनारे दोनों तरफ पांच किलोमीटर में बने तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा. नदी किनारे अवैध अतिक्रमण के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि यहां के जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि एक महीने के भीतर राजस्व विभाग से निरीक्षण कराके अतिक्रमण हटवा दिया जाएगा.

नदी में गिरने वाले नालों के सवाल पर बताया कि दो महीने में शासन को 13 नालों का डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर यहां से भेज दिया जाएगा. जिसके बाद नमामि गंगे योजना से इस प्रोजेक्ट में फंड मिलेगा और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा. इससे नदी में गिरने वाले नाले बंद हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि जिले में वृक्षारोपण और नदी-तालाबों का कायाकल्प देखने वह अगस्त में फिर आएंगे.

बाईट - जस्टिस देवी प्रसाद सिंह (अध्यक्ष, नदी एवं जल सरंक्षण निगरानी समिति, यू.पी)


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