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मऊ: पानी के तेज बहाव से पक्की सड़क बन गई नदी, टूटा गाजीपुर-मऊ सम्पर्क मार्ग - बारिश से मऊ और गाजीपुर को जोड़ने वाला पुल बहा

जिले के रणवीरपुर गांव में दो जिलों को जोड़ने वाला मार्ग पानी में बह गया. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पानी के तेज बहाव से गांव के लोगों का आना-जाना बंद हो गया है. सड़कों पर वाहनों का चलना भी संभव नहीं है. इतना ही नहीं, प्राथमिक विद्यालय में बच्चों और अध्यापकों का आना-जाना भी ठप हो गया है.

पानी के बहाव से पक्की सड़क पानी मे बदल गई.
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Published : Jul 16, 2019, 5:27 AM IST

मऊ: उत्तर भारत और देश के विभिन्न राज्यों में मानसून अपने रंग दिखा रहा है. वहीं यूपी के विभिन्न जिलों में पिछले दिनों हुई तेज बारिश ने जुलाई माह में हुई वर्षा के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. हालांकि, नदियों में अभी पूरी तरह से बाढ़ की स्थिति तो नहीं है. लेकिन पिछले सप्ताह तीन दिनों तक लगातार हुई बारिश ने लोगों को बाढ़ का एहसास जरूर करा दिया है.

भारी बारिश के चलते ग्रामीणों को हो रही परेशानी.

बारिश से भारी तबाही-

  • बारिश से जिले में सैकड़ों पेड़ उखड़ कर गिर पड़े.
  • बिजली के पोल और तार भी बीच सड़क और खेतों में गिरे नजर आ रहे हैं.
  • मऊ से बहादुरगंज होते हुए गाजीपुर जिले के यूसुफपुर तक जाने वाली सड़क बारिश में बह गई है.
  • रणवीरपुर गांव के पास नदी के ऊपर पुल बना है, जिसे कुछ महीनों पहले बंद कर दिया गया था.
  • पुल के बगल में एक वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था.
  • पिछले दिनों पानी के तेज बहाव के कारण मार्ग नदी के रूप में तब्दील हो गया.
  • रास्ता पूरी तरह से बंद है.

मऊ: उत्तर भारत और देश के विभिन्न राज्यों में मानसून अपने रंग दिखा रहा है. वहीं यूपी के विभिन्न जिलों में पिछले दिनों हुई तेज बारिश ने जुलाई माह में हुई वर्षा के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. हालांकि, नदियों में अभी पूरी तरह से बाढ़ की स्थिति तो नहीं है. लेकिन पिछले सप्ताह तीन दिनों तक लगातार हुई बारिश ने लोगों को बाढ़ का एहसास जरूर करा दिया है.

भारी बारिश के चलते ग्रामीणों को हो रही परेशानी.

बारिश से भारी तबाही-

  • बारिश से जिले में सैकड़ों पेड़ उखड़ कर गिर पड़े.
  • बिजली के पोल और तार भी बीच सड़क और खेतों में गिरे नजर आ रहे हैं.
  • मऊ से बहादुरगंज होते हुए गाजीपुर जिले के यूसुफपुर तक जाने वाली सड़क बारिश में बह गई है.
  • रणवीरपुर गांव के पास नदी के ऊपर पुल बना है, जिसे कुछ महीनों पहले बंद कर दिया गया था.
  • पुल के बगल में एक वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था.
  • पिछले दिनों पानी के तेज बहाव के कारण मार्ग नदी के रूप में तब्दील हो गया.
  • रास्ता पूरी तरह से बंद है.
Intro:मऊ। समूचे उत्तर भारत व देश के विभिन्न राज्यों में मानसून अपने रंग दिखा रहा है. वहीं यूपी के विभिन्न जिलों में पिछले दिनों हुई तेज बारिश ने जुलाई माह में हुई वर्षा के पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हालांकि नदियों में अभी पूरी तरह से बाढ़ की स्थिति तो नहीं किंतु पिछले सप्ताह तीन दिनों की लगातार हुई बारिश ने बाढ़ का एहसास जरूर करा दिया है.


Body:यदि बारिश से हुई तबाही की बात करें तो जिले में सैकड़ों पेड़ उखड़ कर गिर चुके हैं. साथ ही बिजली के पोल व तार भी बीच सड़क और खेतों में गिरे नजर आ रहे है. आलम यह है कि दो जिलों को जोड़ने वाला मार्ग पानी में बह गया है. यह दृश्य है मऊ से बहादुरगंज होते हुए गाजीपुर जिले के यूसुफपुर तक जाने वाली सड़क का. दरअसल मऊ के रणवीरपुर ग्राम के पास इस सड़क पर एक नदी के ऊपर पुल बना था जिसे कुछ महीनों पहले बंद कर दिया गया था. वहीं पुल के बगल में एक वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था. जिसपर पिछले दिनों से पानी के तेज बहाव के कारण ओवरफ्लो होने लगा और देखते-देखते मार्ग ही नदी के रूप में तब्दील हो गया. हालात यह है कि अब यह रास्ता पूरी तरह से बंद है और लोग पानी का बहाव बंद होने का इंतजार कर रहे हैं.

ईटीवी भारत ने मौके पर पहुंचकर ताजा हालात की जानकारी ली. स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी के तेज बहाव से गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है. वहीं इस रूट पर वाहनों का संचालन भी अभी सम्भव नहीं है. रणवीरपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चों व अध्यापकों का आना-जाना ठप है. ग्रामीण प्रमोद यादव ने बताया कि सड़क टूटने से काफी समस्या हो रही है. मऊ जाने के लिए सलामतपुर से मटेहूं मोड़ होते हुए एनएच-29 पर जाना पड़ता है. कई महीनों से पुलिया बनाने का काम चल रहा था लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका. वहीं भारी बारिश और पानी के तेज बहाव के कारण वैकल्पिक रास्ता भी टूट गया है. पानी में डूबने के कारण बड़े पैमाने पर की गई धान की खेती को भी क्षति पहुंची है. अध्यापक चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि पुल का निर्माण आठ महीनों से चल रहा है, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं किया जा सका है. पिछले दिनों गांव में प्रमुख सचिव का भी दौरा हुआ था, उनके आदेश के बावजूद काम में तेजी नहीं आई.

अब देखना यह है कि बारिश के पानी का बहाव कम होने के बाद कब तक इस रास्ते को पुनः बहाल किया जाएगा.

बाईट - प्रमोद यादव (ग्रामीण)
बाईट - नन्हे मद्धेशिया (ग्रामीण)
बाईट - चंद्रभूषण सिंह (अध्यापक)


Conclusion:
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