मऊ: घोसी विधानसभा उपचुनाव में नामांकन तिथि समाप्त होने के बाद शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 17 में से 6 प्रत्याशियों का पर्चा रद कर दिया गया. रद किए गए नामांकन पत्र में सबसे चर्चित रहा ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से अलग होकर सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के नाम से नई पार्टी के प्रत्याशी अरविंद राजभर का. इसके बाद प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने दबाव में पर्चा रद करने का आरोप लगाते हुए नई रणनीति बनाने की बातें कहीं.
5 सितंबर को घोसी विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसके लिए 17 अगस्त को नामांकन की आखिरी तिथि तय की गई थी. घोसी विधानसभा उपचुनाव में कुल 17 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. जिसमें जांच के दौरान 6 नामांकन पत्रों में कमियां पाए जाने के कारण निरस्त कर दिया गया. जिसमें सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के प्रत्याशी अरविंद कुमार राजभर का भी पर्चा शामिल है, जांच के दौरान कुल 11 नामांकन वैध पाए गए.
घोसी विधानसभा उपचुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर सुरेश कुमार ने बताया कि दाखिल नामांकन पत्रों की जांच गहनता पूर्वक निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक महेश दत्त एक्का की उपस्थिति में की गई. उन्होंने बताया कि जिन उम्मीदवारों के नामांकन पत्र निरस्त हुए हैं, उनको निरस्त होने के कारण से भी संतुष्ट किया गया है. 21 अगस्त को नाम वापसी और चुनाव चिह्न का आवंटन किया जाएगा.
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सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के प्रत्याशी अरविंद कुमार राजभर ने कहा कि दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर के दबाव में ही नामांकन रद किया गया है. यह लोग नहीं चाहते कि एक गरीब घर का लड़का जीते. सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मनोज राजभर ने बताया कि जब से हमारी पार्टी के प्रत्याशी में नामांकन किया है तब से दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर समेत सभी भाजपाइयों का पेट फूल रहा था. नामांकन रद होने के बाद चुप नहीं बैठेंगे, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई न कोई विकल्प जरूर लेंगे. ओमप्रकाश राजभर हमारे समाज के लोगों का सौदा करते हैं.
बता दें कि कुछ महीने पहले ही ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा में फूट पड़ गई थी. इसके बाद कुछ बड़े नेता बागी होकर अपनी नई पार्टी सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी बना लिए थे और तभी से दोनों पार्टियों के बीच लगातार तकरार जारी है.