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मऊ: एसएलओ ऑफिस के दो कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

यूपी के मऊ में एसएलओ ऑफिस के दो कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों पर फोर लेन सड़क निर्माण में गलत तरीके से मुआवजा देने और भष्ट्राचार करने का आरोप सही पाया गया है.

मऊ समाचार.
डीएम.
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Published : Jun 17, 2020, 8:56 PM IST

मऊ: जिले के कलेक्ट्रेट में स्थित विशेष भूमि अधिग्रहण कार्यालय के दो कर्मचारियों पर डीएम के आदेश पर नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. दोनों पर फोर लेन सड़क निर्माण में गलत तरीके से मुआवजा देने और भष्ट्राचार करने का आरोप सही पाया गया है. इसके बाद दोनों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

जिलाधिकारी ने कहा कि एसएलओ कार्यालय के दो कर्मचारियों के खिलाफ भष्ट्राचार की शिकायत की गई थी. इस मामले में बीते सोमवार को छापेमारी की गई थी. इस दौरान आरोपियों के मोबाइल सहित कई फाइलों को जब्त किया गया था. दोनों के मोबाइल पर आने वाली काॅल्स से भष्ट्राचार का उजागर हुआ. दोनों कर्मचारियों के द्वारा गिरोह बनाकर फाइलों के निस्तारण करने के नाम पर भष्ट्राचार किया जा रहा था. जांच के बाद पूरे गिरोह के सदस्यों पर कार्रवाई की जाएगी. दोनों कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने फोर लेन सड़क निर्माण में गलत तरीके से मुआवजे का भुगतान किया है.

आरोपियों में कार्यालय के क्लर्क नरेशकांत यादव और कम्प्यूटर ऑपरेटर संजय पांडेय शामिल हैं. दोनों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर फोर लेन के मुआवजे का भुगतान किया था. शिकायत मिलने के बाद जांच में मामला सही मिलने पर डीएम ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के आदेश पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी है.

मऊ: जिले के कलेक्ट्रेट में स्थित विशेष भूमि अधिग्रहण कार्यालय के दो कर्मचारियों पर डीएम के आदेश पर नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. दोनों पर फोर लेन सड़क निर्माण में गलत तरीके से मुआवजा देने और भष्ट्राचार करने का आरोप सही पाया गया है. इसके बाद दोनों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

जिलाधिकारी ने कहा कि एसएलओ कार्यालय के दो कर्मचारियों के खिलाफ भष्ट्राचार की शिकायत की गई थी. इस मामले में बीते सोमवार को छापेमारी की गई थी. इस दौरान आरोपियों के मोबाइल सहित कई फाइलों को जब्त किया गया था. दोनों के मोबाइल पर आने वाली काॅल्स से भष्ट्राचार का उजागर हुआ. दोनों कर्मचारियों के द्वारा गिरोह बनाकर फाइलों के निस्तारण करने के नाम पर भष्ट्राचार किया जा रहा था. जांच के बाद पूरे गिरोह के सदस्यों पर कार्रवाई की जाएगी. दोनों कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने फोर लेन सड़क निर्माण में गलत तरीके से मुआवजे का भुगतान किया है.

आरोपियों में कार्यालय के क्लर्क नरेशकांत यादव और कम्प्यूटर ऑपरेटर संजय पांडेय शामिल हैं. दोनों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर फोर लेन के मुआवजे का भुगतान किया था. शिकायत मिलने के बाद जांच में मामला सही मिलने पर डीएम ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के आदेश पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी है.

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