मऊ: धान की कटाई के बाद पराली जलाए जाने को लेकर शासन-प्रशासन पूरी तरह गंभीर है. ऐसे में किसी भी गांव में पराली न जलाए जाने को लेकर सभी ग्राम प्रधानों को संबंधित ब्लॉक के माध्यम से सूचित किया गया है. आदेश मिलने के बाद ग्राम प्रधान अनेक जगहों पर क्षेत्र में किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए किसानों को जागरूक कर रहे हैं.
अक्टूबर और नवंबर माह में देश के सभी हिस्सों में पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. कुछ संस्थानों से ऐसी रिपोर्ट आ रही है जिसमें बताया गया है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही कोरोना का प्रभाव और बढ़ सकता है. इसलिए सरकार अभी से चौकन्ना हो गई है और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर आदेशित किया है कि कहीं पर भी पराली नहीं जलनी चाहिए. प्रशासन से आदेश मिलने के बाद जिले के सभी ब्लॉकों में अनेक जगहों पर प्रधान अपने तरीक से लोगों से अपील करने के साथ ही जागरूक भी कर रहे हैं. साेमवार को विकास खंड कोपागंज के चौबेपेुर ग्रामसभा में सुबह साईकिल पर टिन बांधकर बजाते हुए लोगों को पराली नहीं जलाने की अपील की जा रही थी. संचार के अन्य माध्यमों से कुछ लाेग पहले से ही शासन के आदेश पर चर्चा का रहे थे. वहीं इससे अनजान लोगों का कहना था कि ऐसी जानकारी सभी तक पहुंचनी चाहिए.