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मऊ: व्यावसायिक खेती से आमदनी बढ़ाने पर हुआ मंथन, संगोष्ठी में जु़टे किसान

शहर में किसानों से मुखातिब होने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसानों और कृषि अधिकारियों ने किसानों के साथ खुलकर अपने अनुभव साझा किए. बांदा जिले से आए प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ला ने किसानों को वैज्ञानिक तकनीक अपनाकर आय बढ़ाने की जानकारी दी.

व्यावसायिक खेती से आमदनी बढाने पर हुआ मंथन ,संगोष्ठी में जु़टे किसान
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Published : Aug 6, 2019, 1:19 PM IST

मऊ: शहर में किसानों के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसान और कृषि अधिकारियों ने किसानों के साथ अपने अनुभव साझा किए. बांदा जिले से आए प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ला ने किसानों को वैज्ञानिक तकनीक अपनाकर आय बढ़ाने के उपाय बताए.

जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने किसानों को ऑर्गेनिक खाद बनाने और प्रयोग करने का सुझाव दिया .संगोष्ठी में बरसात के मौसम में अरहर की नर्सरी और नर्सरी के पौधों का ध्यान देने और गन्ने की सिंचाई के संबंध में जानकारी दी गई. अनुभवी किसानों ने बताया कि एग्रोफॉरेस्ट्री के जरिए पारंपरिक फसलों के साथ लाखों की आमदनी हो सकती है.

संगोष्ठी में उप कृषि निदेशक एसपी श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार, एसएचआई हरिश्चंद्र यादव, सहायक विकास अधिकारी शीत कुमार सिंह, ग्राम पंचायत अधिकारी राजन सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे.


व्यावसायिक खेती करके किसान बढ़ा सकते हैं आय....

  • व्यावसायिक खेती करके किसान अपनी लागत कम करने के साथ ही आय भी बढ़ा सकते हैं.
  • युवा पीढ़ी इंटरनेट से जरूरी जानकारी ले और आगे आकर खेती से जुड़े.
  • आज इंटरनेट पर व्यावसायिक या पारम्परिक खेती से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध हैं, इसका लाभ उठाना चाहिए.
  • आयरन की कमी से निपटने के लिए एल्मुनियम की बजाय लोहे की कड़ाही में खाना पकाएं .
  • संगोष्ठी में अनुभवी किसानों ने बताया कि एग्रोफॉरेस्ट्री के जरिए पारंपरिक फसलों के साथ लाखों की आमदनी हो सकती .
  • वहीं संगोष्ठी में कृषि के साथ वृक्षारोपण के जरिए आय में बढ़ोत्तरी का सुझाव भी किसानों के समक्ष रखा गया.

आय बढ़ाने के लिए क्या बताया प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ला ने...

  • फसल अवशेष और गोबर से तैयार जैविक खाद का प्रयोग करके अच्छी गुणवत्ता के अनाज का उत्पादन करना होगा.
  • रासायनिक कीटनाशक और उर्वरकों का प्रयोग फसल की लागत को बढ़ा देता है.
  • इसके बदले खुद ही जैविक खाद तैयार करना चाहिए.
  • परिवार को व्यावसायिक खेतीन से जोड़कर अच्छी आमदनी की जा सकती है.
  • तिल, उरद, मूंग आदि की खेती कम लागत में अच्छी उपज देती है .

मऊ: शहर में किसानों के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसान और कृषि अधिकारियों ने किसानों के साथ अपने अनुभव साझा किए. बांदा जिले से आए प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ला ने किसानों को वैज्ञानिक तकनीक अपनाकर आय बढ़ाने के उपाय बताए.

जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने किसानों को ऑर्गेनिक खाद बनाने और प्रयोग करने का सुझाव दिया .संगोष्ठी में बरसात के मौसम में अरहर की नर्सरी और नर्सरी के पौधों का ध्यान देने और गन्ने की सिंचाई के संबंध में जानकारी दी गई. अनुभवी किसानों ने बताया कि एग्रोफॉरेस्ट्री के जरिए पारंपरिक फसलों के साथ लाखों की आमदनी हो सकती है.

संगोष्ठी में उप कृषि निदेशक एसपी श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार, एसएचआई हरिश्चंद्र यादव, सहायक विकास अधिकारी शीत कुमार सिंह, ग्राम पंचायत अधिकारी राजन सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे.


व्यावसायिक खेती करके किसान बढ़ा सकते हैं आय....

  • व्यावसायिक खेती करके किसान अपनी लागत कम करने के साथ ही आय भी बढ़ा सकते हैं.
  • युवा पीढ़ी इंटरनेट से जरूरी जानकारी ले और आगे आकर खेती से जुड़े.
  • आज इंटरनेट पर व्यावसायिक या पारम्परिक खेती से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध हैं, इसका लाभ उठाना चाहिए.
  • आयरन की कमी से निपटने के लिए एल्मुनियम की बजाय लोहे की कड़ाही में खाना पकाएं .
  • संगोष्ठी में अनुभवी किसानों ने बताया कि एग्रोफॉरेस्ट्री के जरिए पारंपरिक फसलों के साथ लाखों की आमदनी हो सकती .
  • वहीं संगोष्ठी में कृषि के साथ वृक्षारोपण के जरिए आय में बढ़ोत्तरी का सुझाव भी किसानों के समक्ष रखा गया.

आय बढ़ाने के लिए क्या बताया प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ला ने...

  • फसल अवशेष और गोबर से तैयार जैविक खाद का प्रयोग करके अच्छी गुणवत्ता के अनाज का उत्पादन करना होगा.
  • रासायनिक कीटनाशक और उर्वरकों का प्रयोग फसल की लागत को बढ़ा देता है.
  • इसके बदले खुद ही जैविक खाद तैयार करना चाहिए.
  • परिवार को व्यावसायिक खेतीन से जोड़कर अच्छी आमदनी की जा सकती है.
  • तिल, उरद, मूंग आदि की खेती कम लागत में अच्छी उपज देती है .
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मऊ। यूपी के जनपद मऊ में किसानों से मुखातिब होने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसानों और कृषि अधिकारियों ने किसानों के साथ खुलकर अपने अनुभव साझा किए. बांदा जिले से आए प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ला ने किसानों को वैज्ञानिक तकनीक अपनाकर आय बढ़ाने के उपाय बताए. जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने किसानों से ऑर्गेनिक खाद बनाने और प्रयोग करने का सुझाव दि


Body:डीएम ने कहा कि व्यावसायिक खेती करके किसान अपनी लागत कम करने के साथ ही आय भी बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी इंटरनेट से जरूरी जानकारी ले और आगे आकर खेती से जुड़े. आज इंटरनेट पर व्यावसायिक या पारम्परिक खेती से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध हैं, इसका लाभ उठाना चाहिए. इस दौरान डीएम ने यह भी कहा कि आयरन की कमी से निपटने के लिए एल्मुनियम की बजाय लोहे की कड़ाही में खाना पकाएं.

जिलाधिकारी ने बताया कि आज सोंड़सर गांव में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें बांदा के प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ल से किसानों को रुबरू कराया गया. संगोष्ठी में खेती की विभिन्न तकनीकों के बारे में चर्चा की गई. खेती लाभकारी है बशर्ते सम्यक जानकारी और विधि पता होनी चाहिए. कृषि से ज्यादा रोजगार देने की क्षमता भारत में किसी और क्षेत्र में नहीं है.

विज्ञान शुक्ला ने कहा कि फसल अवशेष और गोबर से तैयार जैविक खाद का प्रयोग करके अच्छी गुणवत्ता के अनाज का उत्पादन करना होगा जो स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा. रासायनिक कीटनाशक और उर्वरकों का प्रयोग फसल की लागत को बढ़ा देता है. इसके बदले खुद ही जैविक खाद तैयार करना चाहिए. परिवार को व्यावसायिक खेती जोड़कर अच्छी आमदनी की जा सकती है. तिल, उर्द, मूंग आदि की खेती कम लागत में अच्छी उपज देती है.

संगोष्ठी में बरसात के मौसम में अरहर की नर्सरी, नर्सरी के पौधों का ध्यान देने और गन्ने की सिंचाई के संबंध में जानकारी दी गई. साथ ही कृषि के साथ-साथ वृक्षारोपण के जरिए आय में बढ़ोत्तरी का सुझाव भी किसानों के समक्ष रखा गया. अनुभवी किसानों ने बताया कि एग्रोफॉरेस्ट्री के जरिए पारंपरिक फसलों के साथ लाखों की आमदनी हो सकती है.

संगोष्ठी में उप कृषि निदेशक एसपी श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार, एसएचआई हरिश्चंद्र यादव, सहायक विकास अधिकारी शीत कुमार सिंह, ग्राम पंचायत अधिकारी राजन सिंह, किसान आशीष राय, जयप्रकाश सिंह, विपिन सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे.

बाईट - ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी (डीएम, मऊ)
बाईट - विज्ञान शुक्ला (प्रगतिशील किसान, बांदा)




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