मऊ: देश अभी कोरोना के संकट से जूझ ही रहा था कि बर्ड फ्लू ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. बता दें कि यह बीमारी वायरस की वजह से फैलती है. इससे कैसे सुरक्षित रहें, क्या करें और क्या न करें इन सब के संदर्भ में चिकित्सकों ने जानकारी दी.
जिले के मुख्य चिकित्सा आधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि पक्षियों के वायरस के खतरे से बचने के लिए व्यक्ति को इनके साथ सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए. डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के वायरस की जद में आने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की संभावना बढ़ जाती है. पक्षियों के मल, लार, नाक, मुंह या आंख से स्राव के संपर्क में आने से भी यह बीमारी इंसानों में फैल सकती है. इसके लिए सभी उचित दवाइयां हॉस्पिटल से लेकर स्टोर तक उपलब्ध हैं. साथ ही जिला अस्पताल स्थित संक्रामक रोग वार्ड को एहतियात के तौर पर बर्ड फ्लू वार्ड में बदल दिया गया है.
मुख्य चिकित्सा आधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि किसी भी पक्षियों को खुले हाथों से न पकड़ें. उनसे निश्चित दूरी बनाकर रखें. छत पर रखी टंकियों, रेलिंग्स या पालतू पक्षियों के पिजरों को डिटर्जेंट से अच्छी तरह साफ करें. पक्षियों के मल या संबंधित जगह पर फैले पंख या कचरे को सावधानी से साफ करें. H5N1 से ग्रसित पक्षी करीब 10 दिनों तक मल या लार के जरिए वायरस रिलीज कर सकता है. किसी प्रकार की समस्या आने पर निकटतम सरकारी अस्पताल पर चिकित्सक से संपर्क करें. यहां पर सभी प्रकार की जांच व इलाज निःशुल्क है.
वहीं आयुष विभाग के डॉ. संतोष चौरसिया ने बताया कि भारत में अधिकतर जगहों पर मिल रहे संक्रमित पक्षियों की रिपोर्ट में H5N8 की पुष्टि हो रही है, जो पक्षियों के लिये खतरनाक है. वहीं मनुष्य के लिये घातक H5N1 पक्षियों के माध्यम से घातक वायरस व्यक्तियों में फैलता है. हिमाचल प्रदेश के पक्षियों में इसके संक्रमण की पुष्टि हुई है. ऐसी स्थिति में शाकाहार सर्वोत्तम आहार है.
बहुत जरूरी हो तो चिकन को करीब 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर ताप पर पकाएं. कच्चा मांस या कच्चा अंडा खाने की गलती न करें. यह वायरस ताप के प्रति संवेदनशील है और कुकिंग टेंपरेचर में नष्ट हो जाने की सम्भावना रहती है. कच्चा या अधपका मांस या अंडों को न खाएं. उसे खाने की दूसरी चीजों से अलग रखें. प्रभावित इलाकों में जाने से बचें. घर में किसी संक्रमित व्यक्ति से भी निश्चित दूरी बनाकर रखें. हाइजीन-हैंडवॉश जैसी बातों का खास ख्याल रखें. योग (चिकित्सक के परामर्श पर), व्यायाम, टहलना आदि करें.