मऊ: मऊ जनपद में एक परिवार ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया है कि शहर कोतवाली क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में देवेंद्र का इलाज चल रहा था, जहां डॉक्टर ने मनमाने ढंग से इलाज किया. पीड़ित की पत्नी ने बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए समय दिया था और वो दिए समय पर ऑपरेशन के लिए मरीज के साथ अस्पताल पहुंची थी. वहीं, अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर ने दूरबीन विधि से मरीज का ऑपरेशन किया. इसके बाद मरीज तीन दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा. इधर, उनसे ऑपरेशन के लिए 15 हजार रुपये लिए गए थे, लेकिन डॉक्टर पर गलत ऑपरेशन करने का परिजनों ने आरोप लगाया है.
वहीं, पीड़ित के अधिवक्ता गोपाल निषाद ने आरोप लगाया कि दूरबीन से ऑपरेशन में पथरी नहीं मिली थी. ऐसे में चिकित्सक के गलत ऑपरेशन से मरीज की हालत अधिक खराब होने की सूरत में उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया था. जहां इलाज में करीब 20 लाख रुपये का खर्च आया.
आगे उन्होंने आरोप लगया कि ऑपरेशन पेट में पथरी के नाम पर दूरबीन विधि से की गई थी. लेकिन पथरी नहीं मिली. उल्टे पित्त की थैली गायब हो गई. इसके साथ ही दूसरे जगह के नस को काटकर क्षति पहुंचाने का भी उन्होंने आरोप लगाया.
वहीं, आरोपी डॉक्टर सरफराज ने बताया कि हमने पेट का ऑपरेशन किया था, बाकी और कुछ भी बोलने से उन्होंने इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि उनके ऊपर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से निराधार और झूठे हैं.
इस मामले में मऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्याम नारायण दुबे ने बताया कि मामला एसडीएम के थ्रू उनके संज्ञान में आया है. इस पर कमेटी गठित करके जांच कराई जाएगी. अगर निजी अस्पताल प्रशासन और चिकित्सक दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
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