मऊ: उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 'नो स्मोकिंग डे' का आयोजन किया गया. इस अभियान में काउंसलिंग के जरिए मरीजों का नशा छुड़वाने का प्रयास किया जाता है. इसके साथ ही बैनर लगाकर एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया जिसमें लोगों ने नशा छोड़ने की शपथ ली.
मऊ को नशा मुक्त जिला बनाने के लिए कार्यक्रम के आयोजक डॉ अश्वनी ने बताया कि टोबा को इस्तेमाल करने से फेफड़ों पर गहरा असर पड़ता है. इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य लोगों को बैनर और पोस्टर के माध्यम से जागृत करना है. नशे के आदि लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस अभियान से नशा छोड़ने की बहुत प्रेरणा मिली है.
'नो स्मोकिंग डे' पर आयोजित जागरूकता अभियान में नशा करने वाले लोगों ने शपथ भी ली कि अब से वह नशा छोड़ने की कोशिश करेगें. बहुत सालों से पान गुटखा खाने वाले लोगों ने भी कहा कि नशा छोड़ने का प्रयास करेंगे और गलत आदत छोड़कर जिले को नशा मुक्त बनाएंगे.