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मऊ: नशे के खिलाफ चलाया गया जागरुकता अभियान

मऊ: जिला अस्पताल के परिसर में बुधवार को 'नो स्मोकिंग डे' मनाया गया. इसके लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया गया. इस अभियान के तहत मरीजों की पहले काउंसलिंग होती है, फिर दवा के माध्यम से उसका नशा छुड़ाने का इंतजाम किया जाता है. इस अभियान में सुबह से लगभग सैकड़ों मरीज सम्मिलित हुए.

मऊ में नशे के खिलाफ चलाया गया जागरुकता अभियान
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Published : Mar 13, 2019, 5:55 PM IST

मऊ: उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 'नो स्मोकिंग डे' का आयोजन किया गया. इस अभियान में काउंसलिंग के जरिए मरीजों का नशा छुड़वाने का प्रयास किया जाता है. इसके साथ ही बैनर लगाकर एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया जिसमें लोगों ने नशा छोड़ने की शपथ ली.

मऊ को नशा मुक्त जिला बनाने के लिए कार्यक्रम के आयोजक डॉ अश्वनी ने बताया कि टोबा को इस्तेमाल करने से फेफड़ों पर गहरा असर पड़ता है. इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य लोगों को बैनर और पोस्टर के माध्यम से जागृत करना है. नशे के आदि लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस अभियान से नशा छोड़ने की बहुत प्रेरणा मिली है.

मऊ में नशे के खिलाफ चलाया गया जागरुकता अभियान

'नो स्मोकिंग डे' पर आयोजित जागरूकता अभियान में नशा करने वाले लोगों ने शपथ भी ली कि अब से वह नशा छोड़ने की कोशिश करेगें. बहुत सालों से पान गुटखा खाने वाले लोगों ने भी कहा कि नशा छोड़ने का प्रयास करेंगे और गलत आदत छोड़कर जिले को नशा मुक्त बनाएंगे.


मऊ: उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 'नो स्मोकिंग डे' का आयोजन किया गया. इस अभियान में काउंसलिंग के जरिए मरीजों का नशा छुड़वाने का प्रयास किया जाता है. इसके साथ ही बैनर लगाकर एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया जिसमें लोगों ने नशा छोड़ने की शपथ ली.

मऊ को नशा मुक्त जिला बनाने के लिए कार्यक्रम के आयोजक डॉ अश्वनी ने बताया कि टोबा को इस्तेमाल करने से फेफड़ों पर गहरा असर पड़ता है. इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य लोगों को बैनर और पोस्टर के माध्यम से जागृत करना है. नशे के आदि लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस अभियान से नशा छोड़ने की बहुत प्रेरणा मिली है.

मऊ में नशे के खिलाफ चलाया गया जागरुकता अभियान

'नो स्मोकिंग डे' पर आयोजित जागरूकता अभियान में नशा करने वाले लोगों ने शपथ भी ली कि अब से वह नशा छोड़ने की कोशिश करेगें. बहुत सालों से पान गुटखा खाने वाले लोगों ने भी कहा कि नशा छोड़ने का प्रयास करेंगे और गलत आदत छोड़कर जिले को नशा मुक्त बनाएंगे.


Intro:मऊ - जिला अस्पताल के परिसर में आज नो स्मोकिंग डे मनाया जा रहा है जिसके तत्वाधान में जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है इस अभियान के तहत मरीजों की पहली काउंसलिंग होती है फिर उसको दवा के माध्यम से नशा छुड़ाने का इंतजाम किया जाता है इस अभियान में सुबह से लगभग सैकड़ों मरीज सम्मिलित हुए जिनका काउंसलिंग चल रहा है


Body:उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नो स्मोकिंग डे का आयोजन चल रहा है जिसमें काउंसलिंग के जरिए मरीजों को नशा छुड़वाने का प्रयास किया जाता है साथ ही बैनर लगाकर एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है जिसमें लोग शपथ ले रहे हैं कि नशा को नशा मुक्त जिला बनाने के लिए हस्ताक्षर कर रहे हैं कार्यक्रम के आयोजक डॉ अश्वनी ने बताया कि टोबा को इस्तेमाल करने से हमारे लंच पर क्या असर पड़ता है जिसका एकमात्र उद्देश्य भी है बैनर पोस्टर के माध्यम से जागृत करना दर्शकों को इस टीम का अभी उद्देश है कि भारत पोस्टर बैनर जो धूम बांग करने के बाद फेफड़े पर असर पड़ता है उसे देख कर लोगों में दहशत हो और जागरूक होकर आज ही के दिन इसी बहाने नशा को छोड़ दे वहीं एक मरीज तारीख ने बताया कि बहुत सालों से पान गुटखा खा रहे हैं जो छोड़ नहीं पाया हूं आज इस जागरूकता अभियान में हिस्सा लेकर जानने की कोशिश कर रहा हूं छोड़ने का प्रयास करूंगा कि मेरी गंदी आदत छूट जाए और नशा मुक्त हो जाए


Conclusion:अभियान का उद्देश्य बहुत अच्छा है उसी क्रम में आज जिला अस्पताल में सैकड़ों मरीज अपने से पहुंचकर डॉक्टर से संपर्क कर काउंसलिंग भी करवा रहे हैं साथ ही छोड़ने का भी प्रयास करने के लिए कोशिश कर रहे हैं

बाइट - डॉ अश्वनी - जिला अस्पताल
बाइट - तारिक - मरीज

वेद मिश्रा
मऊ
9415219385
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