मऊ: वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन मुआवजा घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की टीम ने दक्षिणटोला पुलिस के साथ बनौरा सुल्तानपुर निवासी चंद्रजीत चौहान को धर दबोचा. इस घोटाले के अब तीनों अभियुक्त गिरफ्त में हैं. अभी दो दिन पूर्व शनिवार शाम को घोसी तहसील में नियुक्त लेखपाल मुहम्मद फरीद को भी जिला मुख्यालय के पास से गिरफ्तार किया गया था.
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अधिग्रहित की थी स्कूल की जमीन
जनपद के हेमई स्थित ब्रह्म बाबा जूनियर हाईस्कूल की भूमि को वर्ष 2016-17 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अधिग्रहित की थी. इस भूमि के मुआवजे के रूप में एक करोड़ एक लाख 37 हजार 712 रुपये स्वीकृत हुए थे. जानकारी पाकर आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थानांतार्गत जमीन फरेंदा निवासी बबलू मौर्य ने एक समानांतर कमेटी गठित की और उसका प्रबंधक बनकर स्कूल भूमि के मुआवजे की संपूर्ण धनराशि अपने खाते में स्थानांतरित करा ली. जानकारी पाकर कार्पोरेशन बैंक के तत्कालीन प्रबंधक दीपक सुमन ने 22 फरवरी 2018 को स्थानीय कोतवाली में बबलू मौर्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बबलू को गिरफ्तार कर लिया.
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आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन को सौंपा गया था मामला
इस मामले को प्रदेश सरकार ने आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन को विवेचना के लिए सौंप दिया. विवेचना के दौरान सामने आया कि लेखपाल और चंद्रजीत चौहान ने बबलू का सीसी फार्म पर लगा फोटो, हस्ताक्षर, शपथ पत्र, हिस्सा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि अभिलेखों को गलत ढंग से पहचान कर सत्यापित कराया था. इनके सत्यापन के आधार पर ही प्रबंधक के खाते में मुआवजे की धनराशि भेजी गई थी. इसलिए इस प्रकरण में लेखपाल और चंद्रजीत चौहान को सह अभियुक्त बनाया गया था.