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मऊ: सामूहिक नकल कराने के आरोप में 10 कॉलेज ब्लैक लिस्टेड - जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सामूहिक नकल कराने के आरोप में 10 कॉलेजों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. इन कॉलेजों में ज्यादातर स्ववित्तपोषित हैं, जो परीक्षा में नकल कराने के लिए धन उगाही का काम करते थे.

मऊ जिले में सामूहिक नकल कराने के आरोप में 10 कॉलेज ब्लैक लिस्टेड.
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Published : Nov 15, 2019, 6:29 PM IST

मऊ: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में अनियमितता और सामूहिक नकल के आरोप में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 10 कॉलेजों को काली सूची(ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया है. आगामी फरवरी माह में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होंगी, जिसके लिए जनपद में 129 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने दी जानकारी.

यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में अब नकल कराना खतरे से खाली नहीं होगा. प्रदेश सरकार के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा परिषद हर कदम पर नए बदलाव कर नकल माफियाओं के सामने चुनौती पेश कर रहा है. वर्ष 2017-18 एवं 19 की परीक्षाओं में नकल कराने के आरोप में इस साल कुल 10 कॉलेजों को काली सूची में डाला दिया गया है.

डिबार किए गए विद्यालयों में ज्यादातर कॉलेज स्ववित्तपोषित हैं, जो परीक्षा में नकल के भरोसे ही धन उगाही का काम करते थे. परीक्षा के दौरान छात्रों से लाठी-डंडे के बल पर वसूली की जाती थी. 2020 के फरवरी माह में होने वाली यूपी बोर्ड परीक्षा में जनपद में कुल 129 केंद्र बनाए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 157 केंद्र बनाए गए थे. 13 हजार 500 छात्रों की कमी होने के कारण इस वर्ष 28 केंद्रों की कटौती की गई है.

इस विषय पर जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए शिक्षा विभाग पूरी तरीके से तैयार है. प्रदेश सरकार की गाइडलाइन पर पूरा कार्यक्रम बना लिया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सभी केंद्रों का वेबकास्टिंग के माध्यम से जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा निगरानी की जाएगी.

किसी भी काली सूची वाले विद्यालय को सेंटर नहीं बनाया गया है. जो भी आरोप लगा रहा है, निराधार और गलत है. आगामी वर्ष में होने वाले परीक्षा में छात्रों की कमी हुई है, इस वजह से 28 सेंटरों की कटौती की गई है.

- राजेन्द्र प्रसाद, जिला विद्यालय निरीक्षक

मऊ: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में अनियमितता और सामूहिक नकल के आरोप में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 10 कॉलेजों को काली सूची(ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया है. आगामी फरवरी माह में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होंगी, जिसके लिए जनपद में 129 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने दी जानकारी.

यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में अब नकल कराना खतरे से खाली नहीं होगा. प्रदेश सरकार के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा परिषद हर कदम पर नए बदलाव कर नकल माफियाओं के सामने चुनौती पेश कर रहा है. वर्ष 2017-18 एवं 19 की परीक्षाओं में नकल कराने के आरोप में इस साल कुल 10 कॉलेजों को काली सूची में डाला दिया गया है.

डिबार किए गए विद्यालयों में ज्यादातर कॉलेज स्ववित्तपोषित हैं, जो परीक्षा में नकल के भरोसे ही धन उगाही का काम करते थे. परीक्षा के दौरान छात्रों से लाठी-डंडे के बल पर वसूली की जाती थी. 2020 के फरवरी माह में होने वाली यूपी बोर्ड परीक्षा में जनपद में कुल 129 केंद्र बनाए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 157 केंद्र बनाए गए थे. 13 हजार 500 छात्रों की कमी होने के कारण इस वर्ष 28 केंद्रों की कटौती की गई है.

इस विषय पर जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए शिक्षा विभाग पूरी तरीके से तैयार है. प्रदेश सरकार की गाइडलाइन पर पूरा कार्यक्रम बना लिया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सभी केंद्रों का वेबकास्टिंग के माध्यम से जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा निगरानी की जाएगी.

किसी भी काली सूची वाले विद्यालय को सेंटर नहीं बनाया गया है. जो भी आरोप लगा रहा है, निराधार और गलत है. आगामी वर्ष में होने वाले परीक्षा में छात्रों की कमी हुई है, इस वजह से 28 सेंटरों की कटौती की गई है.

- राजेन्द्र प्रसाद, जिला विद्यालय निरीक्षक

Intro:मऊ - सामूहिक नकल कराने के आरोप में 10 स्कूल ब्लैक लिस्टेड। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के परीक्षा में अनियमितता एवं सामूहिक नकल के आरोप में 10 विद्यालय को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 10 कॉलेजों को काली सूची में डाल दिया है। शिक्षा विभाग ने 3 साल के लिए दीवार कॉलेजों की सूची तैयार कर ली है। 2020 के फरवरी माह में आयोजित है यूपी बोर्ड की परीक्षा। 129 परीक्षा केंद्र जनपद में बनाए गए हैं।


Body:नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में अब नकल कराना आसान व खतरे से खाली नहीं होगा। प्रदेश सरकार के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा परिषद हर कदम पर नए बदलाव कर नकल माफियाओं को चुनौती पेश कर रहा है। वर्ष दो हजार सत्रह अट्ठारह एवं 19 सत्र की परीक्षाओं में नकल कराने के आरोप में इस साल कुल 10 कॉलेजों को काली सूची में डाल दिया है। डिबार किए गए विद्यालयों में ज्यादातर कॉलेज स्ववित्तपोषित जो परीक्षा में नकल के भरोसे ही धन उगाही का कार्य करते थे वह परीक्षा के दौरान छात्रों से लाठी डंडे के बल पर वसूली की जाती थी। 2020 के फरवरी माह में होने वाले यूपी बोर्ड परीक्षा में जनपद में कुल 129 केंद्र बनाए गए हैं जबकि पिछले वर्ष 157 केंद्र बने थे। 13500 छात्रों की कमी होने के कारण इस वर्ष 28 केंद्रों की कटौती की गई है। इस विषय पर जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद ने बताया नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए शिक्षा विभाग पूरी तरीके से तैयार है प्रदेश सरकार की गाइडलाइन पर पूरा कार्यक्रम बना लिया गया है सरकार द्वारा सभी केंद्रों का वेबकास्टिंग के माध्यम से जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा निगरानी की जाएगी किसी भी काली सूची वाले विद्यालय को सेंटर नहीं बनाया गया है जो भी आरोप लगा रहा है निराधार और गलत है। आगामी वर्ष में होने वाले परीक्षा में छात्राओं की कमी हुई है इस वजह से 28 सेंटरों के कटौती की गई है।


Conclusion:सरकार की इस तैयारी को कितना धरातल पर जनपद के अधिकारी अमलीजामा पहना पाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

बाइट - राजेन्द्र प्रसाद - जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ

वेद मिश्रा
मऊ
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